Saturday, April 27, 2024
spot_img
Homeमीडिया की दुनिया सेनैतिकता, सशक्ति और रोज़गार

नैतिकता, सशक्ति और रोज़गार

चेन्नई स्थित अमेरिकी कांसुलेट के वुमेन इन इंडिया सोशल ऑंट्रेप्रिन्योरशिप नेटवर्क की प्रतिभागी रेमा सिवाराम फेयरकनेक्ट कंपनी की मालकिन हैं और टिकाऊ और नीतिपरक तरीकों से हासिल उत्पादों को प्रस्तुत करती है।

फेयरकनेक्ट की सहसंस्थापक रेमा सिवाराम बेंगलुरू स्थित अपने स्टोर एथिक एटिक में बिक्री के लिए जब उत्पादों का चयन करती हैं तब उनके दिमाग में सदाजीविता, उचित व्यापार और नीतिपरक उत्पादन जैसे मापक होते हैं। रेमा, एक सामाजिक उद्यमी हैं और वह अमेरिकी कांसुलेट चेन्नई के वुमेन इन इंडियन सेशल ऑंट्रेप्रिन्योर नेटवर्क प्रोग्राम में प्रतिभागी रह चुकी हैं। वह कपड़ों और वस्त्रों के नीतिपरक उत्पादन के लिए दुनिया भर के विद्यार्थियों, शोध करने वालों और डिजाइनरों के साथ गठजोड़ करती हैं।

रेमा का स्टोर फेयरकनेक्ट का जन-चेहरा है। उनका संगठन जैविक, टिकाऊ और उचित व्यापार वाले फैब्रिक को बढ़ावा देता है। फेयरकनेक्ट अपने सामाजिक पहल प्रोजेक्ट हेन्नू के माध्मय से बेंगलुरू में कम आय वाली पृष्ठभूमि की महिलाओं को प्रशिक्षण और रोज़गार भी देता है।

सदाजीविता के बीज
एक उद्यमी के रूप में अपना कॅरियर शुरू करते समय रेमा ने कपड़ा कारीगरों और बुनकरों के साथ मिलकर काम किया और जाना कि उन कुशल श्रमिकों के साथ अक्सर गलत व्यवहार किया जाता है। वह कहती हैं, ‘‘उनके संघर्षों को प्रत्यक्ष तौर पर देखना, उनके लिए कुछ करने के लिए एक शक्तिशाली प्रेरणा के रूप में काम करता है।’’

रेमा ने 2016 में बुनकरों और कारीगरों को सशक्त बनाने और सद्व्यवहार, सम्मानजनक मजदूरी और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों को सुनिश्चित करने के खास मकसद के साथ फेयरकनेक्ट की स्थापना की। उनके अनुसार, ‘‘फेयरकनेक्ट के माध्यम से मेरा लक्ष्य इन प्रतिभाशाली व्यक्तियों के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डालना और कपड़ा उद्योग में टिकाऊ और नीतिपरक परंपराओं के विकास में योगदान देना है।’’

बदलाव लाने वालों को सशक्त बनाना
और अब रेमा को एक उद्यमी के रूप में टिकाऊ वस्त्रों की दुनिया में जारी अपने काम में प्रेरणाओं की कोई कमी नहीं दिखती। वह कहती हैं, ‘‘अधिक टिकाऊ और नीतिपरक फैशन उद्योग में योगदान करने का अवसर अत्यधिक प्रेरक और उत्साहजनक है। यह जानना कि मेरे काम में कारीगरों, बुनकरों और पर्यावरण की सेहत को प्रभावित करने की क्षमता है, यही मेरे लिए बहुत बड़े उत्साहवर्धन का स्रोत है।’’

वर्ष 2020 में रेमा को वाइसन प्रोग्राम में भाग लेने के लिए चुना गया था। वह इस कार्यक्रम को एक उद्यमी के रूप में अपनी यात्रा में महत्वपूर्ण मुकाम मानती हैं। वह मानती हैं कि इसने उन्हें समान विचारधारा वाली महिला उद्यमियों के समुदाय से जोड़ा और उन्हें आजीवन मित्रता प्रदान की। वह कहती हैं, ‘‘मेरे द्वारा बनाए गए कनेक्शन के अलावा, वाइसन सीखने का एक अमूल्य स्रोत रहा है, जिसने मुझे आगे बढ़ने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के कई अवसर प्रदान किए हैं। सबसे खास बात यह है कि वाइसन के सदस्य एक ऐसी अटूट मददगार प्रणाली जैसे बन गए हैं, जहां मैं किसी डर या मेरे बारे में गलत सोचने के भय के बिना चुनौतियों पर खुलकर चर्चा कर सकती हूं।’’

रेमा को कार्यशालाओं और वार्ताओं के माध्यम से अपने ज्ञान को साझा करने, अपने साथी उद्यमियों को सशक्त बनाने और ‘‘समान विचारधाराओं वाले चेंजमेकर्स’’ के बीच एक समुदाय को तैयार करने में बहुत संतुष्टि मिलती है। वह बताती हैं, ‘‘यह बातचीत बेहद फायदेमंद है क्योंकि वे मुझे भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं को प्रेरित करने, व्यक्तिपरक विकास को बढ़ावा देने और सकारात्मक बदलाव लाने की भावना प्रदान करते हैं।’’

टिकाऊ फैशन
आने वाले वर्षों में रेमा को उम्मीद है कि फेयरकनेक्ट का काम दुनिया को अधिक टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने और कपड़ा उद्योग को एकीकृत, गुणवत्तापूर्ण और सामाजिक उत्तरदायित्व का एक वैश्विक रोल मॉडल बनाने में मदद करेगा। रेमा को यह भी उम्मीद है कि उनके अनुभव उन अन्य महिलाओं और लड़कियों के लिए एक रोडमैप के रूप में काम कर सकते हैं, जो बदलाव लाना चाहती हैं।

रेमा के अनुसार, ‘महिला उद्यमियों के रूप में, सामाजिक उद्यमिता के लगातार बदलते परिदृश्य में टिके रहने के लिए अपने लक्ष्य पर मजबूती से फोकस बनाए रखते हुए लचीला और हालात के अनुकूल बने रहना महत्वपूर्ण है। इस संतुलन से विकास, नवाचार और दूरगामी एवं प्रभावी असर के लिए ज़रूरत के अनुसार हमारे नज़रिए और रणनीति को तैयार करने की क्षमता हासिल होती है।’’

वह उभरते सामाजिक उद्यमियों को खुद पर भरोसा रखने, आशावादी बने रहने और कभी भी किसी को अपनी क्षमता को कम आंकने की अनुमति नहीं देने के लिए प्रोत्साहित करती हैं। उनका कहना है, ‘‘लगातार ज्ञान और विकास की तलाश जारी रखें और अपने जुनून को जिंदा रखें। ऐसा करने से, आप स्वाभाविक रूप से सकारात्मक बदलाव करने और उसकी स्थायी प्रभाव छोड़ने के लिए प्रेरित होंगे।’’

रेमा सिवाराम (मध्य में) ने वर्ष 2016 में फ़ेयरकनेक्ट की स्‍थापना की। उद्देश्य था बुनकरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना और उनकी कार्य परिस्थितियों को बेहतर करने के साथ उन्हें बेहतर मेहनताना दिलाना। (फोटोग्राफः साभार रेमा रेमा सिवाराम)

(माइकल गलांट लेखक, संगीतकार, और उद्यमी हैं और न्यू यॉर्क सिटी में रहते हैं।)

साभार- https://spanmag.com/hi

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार