Friday, April 19, 2024
spot_img
Homeदुनिया भर कीबांग्लादेश से अन्य देश बहुत कुछ सीख सकते हैंः श्री सुरेश प्रभु

बांग्लादेश से अन्य देश बहुत कुछ सीख सकते हैंः श्री सुरेश प्रभु

नई दिल्ली। केन्‍द्रीय वाणिज्‍य एवं उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि बांग्‍लादेश की आर्थिक वृद्धि एक आदर्श है जिसका क्षेत्र के अन्‍य कम विकसित राष्‍ट्रों द्वारा अनुकरण किया जा सकता हैं। उन्‍होंने बांग्‍लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार को आर्थिक वृद्धि के क्षेत्र में तेज उछाल, गरीबी उन्‍मूलन और सामाजिक एवं मानव विकास के लिए बधाई दी। श्री प्रभु बांग्‍लादेश के वाणिज्‍य मंत्रालय द्वारा ढाका में आयोजित भारत-बांग्‍लादेश व्‍यापार संबंध पर आयोजित एक परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे।

श्री प्रभु ने कहा कि कम विकसित राष्‍ट्र के दर्जे से ऊपर उठने के बाद बांग्‍लादेश को साफ्टा (एसएएफटीए) के तहत भारतीय बाजार में डयूटी फ्री और कोटा फ्री सुविधा नहीं मिलेगी। इस संदर्भ में उन्‍होंने प्रस्‍ताव रखा कि भारत और बांग्‍लादेश एक समग्र आर्थिक साझेदारी समझौता (सीईपीए) पर हस्‍ताक्षर करने पर विचार कर सकते हैं जिससे वस्‍तु एवं सेवा और निवेश में व्‍यापार हो सकता है। प्राकृतिक एवं पर्यावरण के अनुकूल रेशे के रूप में जूट की संभावना को रेखांकित करते हुए उन्‍होंने सुझाव दिया कि इस क्षेत्र से संबंधित मुद्दों की एक संयुक्‍त व्‍यापार समूह जांच कर सकता है।

श्री प्रभु ने आगे कहा कि वह बांग्‍लादेश के वाणिज्‍य मंत्री के साथ बैठक में व्‍यापार संबंधी मुद्दों के समाधान के लिए एक रोडमैप विकसित करने के प्रति आशान्वित हैं। उन्‍होंने वस्‍तुओं और लोगों की आसान आवाजाही के लिए इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर में सुधार जैसे कई अन्‍य मुद्दों के बारे में भी बातें की। सुरेश प्रभु ने यह भी कहा कि ढाका को बांग्‍लादेश के बाकी हिस्‍सों से ब्रॉड गॉज रेलवे लाइन से जोड़ने में मदद की संभावना पर भी दोनों देश विचार कर सकते हैं।

श्री प्रभु ने किसानों की आय दोगुनी करने, कृषि निर्यात को बढ़ावा देने, नई औद्योगिक नीति, उभरते क्षेत्र की पहचान और उसमें मदद करने, विश्‍व में भारत की स्थिति, एक लम्‍बी अवधि की समग्र लॉजिस्टिक नीति, जिलावार वृद्धि एवं और व्‍यापार करने में आसानी में और सुधार, भौगोलिक संकेतकों, और अगले 7-8 वर्षों में भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्‍य सहित भारत सरकार द्वारा शुरू की गई कई पहलों के बारे में विस्‍तार से बताया। उन्‍होंने इन पहलों को लागू करने के अच्‍छे तरीकों और इनसे मिले अनुभवों को बांग्‍लादेश के साथ भागीदारी और साझा करने का प्रस्‍ताव भी रखा।

श्री सुरेश प्रभु ने वैश्विक व्‍यापार व्‍यवस्‍था में बहुपक्षवाद को मजबूत करने और मुद्दों को सुलझाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए बांग्‍लादेश के वाणिज्‍य मंत्री तुफैल अहमद को धन्‍यवाद दिया। उन्‍होंने विश्‍व व्‍यापार संगठन को और मजबूत निकाय बनाने और वैश्विक व्‍यापार को मदद देने के लिए भारत और बांग्‍लादेश के बीच सहयोग को जारी रखने का आह्वान किया।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार