लाहौर। पाकिस्तान ने पहली बार जालियांवाला बाग हत्याकांड से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों को सार्वजनिक किया हैं। इस संबंध में लाहौर हेरिटेज म्यूजियम में छह दिवसीय प्रदर्शनी लगाई गई है। प्रदर्शनी में जालियांवाला बाग कांड और तत्कालीन पंजाब में मार्शल लॉ लागू किए जाने से संबंधित 70 दुर्लभ दस्तावेजों को सार्वजनिक किया गया है।
13 अप्रैल, 1919 को बैसाखी के मौके पर सैकड़ों भारतीय आजादी की मांग करने के लिए अमृतसर के जालियांवाला बाग में इकट्ठा हुए थे। जनरल डायर ने सैनिकों को लोगों पर गोलियां बरसाने का आदेश दिया था जिसमें सैकड़ों की जान गई थी। पाकिस्तान में अभी तक इस नरसंहार के किसी भी दस्तावेज को सार्वजनिक नहीं किया गया था। पंजाब प्रांत के लेखागार विभाग के निदेशक अब्बास चुगतई ने कहा है कि सरकार ने आम नागरिकों के सामने उन दस्तावेजों को इसलिए रखा है ताकि वह उस समय की घटनाओं को जान पाएं।
जिन दस्तावेजों की प्रदर्शनी लगाई गई है उनमें मार्शल लॉ के तहत दिए गए आदेश, लाहौर के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ रहे 47 छात्रों को निष्कासित करने का आदेश और क्रांतिकारी लेखक मुहम्मद बशीर को सुनाई गई सजा पर हाउस ऑफ लॉर्ड्स (ब्रिटेन संसद का उच्च सदन) के सदस्य लॉर्ड सिडेनहमीन द्वारा उठाए गए सवालों से जुड़े दस्तावेज शामिल हैं। नरसंहार में मरने वालों की संख्या से जुड़े कई दस्तावेज भी सार्वजनिक किए गए हैं।
पिछले साल लाहौर में क्रांतिकारी भगत सिंह पर चले मुकदमे से संबंधित दस्तावेजों की प्रदर्शनी लगाई गई थी। चुगतई ने बताया कि मशहूर किताब ‘द जंगल बुक’ के लेखक व पत्रकार रुडयार्ड किपलिंग से जुड़े दस्तावेज भी सार्वजनिक करने की तैयारी की जा रही है।