मुंबई। महिला रेल यात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा पश्चिम रेलवे की हमेशा प्राथमिकता रही है। पश्चिम रेलवे अपने यात्रियों को सुरक्षा एवं आरामदायक सफर प्रदान करने के लिए लगातार प्रयासरत है। रेल सुरक्षा बल रेलवे में सफर कर रही महिला यात्रियों की समुचित सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए राज्य पुलिस की सहायता में प्रमुख भूमिका निभा रहा है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे का रेल सुरक्षा बल 90 लम्बी दूरी की ट्रेनों में आरपीएफ ट्रेन स्कॉट कर्मियों द्वारा महिला यात्रियों की संरक्षा सुनिश्चित कर रहा है। उन्हें लेडीज डिब्बे में महिलाओं पर विशेष ध्यान रखने के साथ-साथ स्टेशनों और ट्रेनों में असामाजिक तत्वों के पाये जाने पर उनके विरुद्ध तुरंत कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिये गये हैं। यात्रा के दौरान किसी भी सहायता के लिए रेलवे हेल्पलाइन नम्बर 139 और जीआरपी हेल्पलाइन नम्बर 1512 उपलब्ध हैं। मुंबई उपनगरीय खंड पर रेल सुरक्षा बल प्लेटफॉर्मों पर उपस्थिति तथा लेडीज डिब्बों में सीसीटीवी कैमरों के ज़रिये मॉनिटरिंग कर जीआरपी की मदद कर रहा है। मुंबई उपनगरीय खंड पर अभी तक 47 ईएमयू रेकों के 144 लेडीज डिब्बों सहित 204 डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं। आपात परिस्थिति में तुरंत सहायता के लिए 9 ईएमयू रेकों के 63 डिब्बों में टॉकबैक प्रणाली लगाई गई है।
जरूरी मदद आपकी फिंगर टिप्स पर
मुंबई मंडल के रेल सुरक्षा बल द्वारा ‘सखी’ व्हाटसएप ग्रुप की शुरुआत की गई, जो मुसीबत में महिला यात्रियों को तुरंत सहायता पहुँचाने के लिए महिला की रियल टाइम सूचना को पता करने में प्रभावी है। क्विक रिस्पॉन्स टीम को पश्चिम रेलवे के प्रमुख स्टेशनों पर डिप्लॉय किया गया है। पश्चिम रेलवे के मुंबई उपनगरीय खंड पर 9 ‘सखी’ व्हाट्सएप ग्रुप हैं, जिसे 750 से अधिक महिला यात्रियों द्वारा ज्वाइन किया गया है। पश्चिम रेलवे से शुरू होने वाली 7 लम्बी दूरी की ट्रेनों में ‘मेरी सहेली’ योजना को लागू किया गया है, जिसमें अकेले सफर कर रही महिला यात्रियों को प्रभावी मदद उपलब्ध कराई जाती है। चुनिंदा ट्रेनों में ‘मेरी सहेली’ योजना की शुरुआत के बाद इन ट्रेनों में पश्चिम रेलवे के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत महिला यात्रियों के विरुद्ध किसी भी प्रकार के अपराध की कोई सूचना दर्ज नहीं हुई है। रेल सुरक्षा बल का क्राइम प्रिवेंशन एंड डिटेक्शन दल संदेह वाली जगहों/ट्रेनों में अपराध का पता लगाने और किसी भी आपराधिक घटना को नोटिस करने पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए भेजे जाते हैं।
समन्वय के साथ संरक्षा सुनिश्चित करना
पश्चिम रेलवे के रेल सुरक्षा बल द्वारा महिला यात्रियों की सुरक्षा और प्रभावी प्रोटेक्शन के लिए जीआरपी के साथ समन्वय रखा जाता है। असामाजिक तत्वों में डर और रेल यात्रियों में विश्वास पैदा करने को सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख स्टेशनों पर रेल सुरक्षा बल/जीआरपी की हाई प्रोफाइल तैनाती के लिए राज्य पुलिस के साथ उच्च स्तर का समन्वय रखा जाता है।
महिला यात्रियों के विरुद्ध अपराध पर कड़ी कार्रवाई
महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में अनधिकृत प्रवेश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है। वित्त वर्ष 2020-21 में महिलाओं के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा कर रहे अनधिकृत 1979 व्यक्तियों को पकड़कर दंडित किया गया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में रेल सुरक्षा बल द्वारा महिला यात्रियों के विरुद्ध अपराध में आईपीसी केसों के तहत 16 अपराधियों को धर-दबोचा गया। इसके अतिरिक्त महिला यात्रियों का मनोबल बनाये रखने के लिए समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाये जाते हैं। स्टेशनों/ट्रेनों में ऑन ड्यूटी रेल सुरक्षा बल कर्मियों द्वारा सजगता दिखाते हुए 54 महिलाओं को संकट से निकाला गया और उन्हें एनजीओ की मदद से उनके परिजनों को सौंपा गया है। वर्ष 2020 और 2021 में रेल सुरक्षा बल द्वारा महिला डिब्बे में यात्रा कर रहे 3,922 पुरुष यात्रियों, 8,818 अनधिकृत हॉकरों, 4,935 ट्रेसपासर तथा 777 व्यवधान पैदा करने वाले व्यक्तियों को पकड़ा तथा उनसे 64 लाख रुपये जुर्माने स्वरूप वसूले गये।
बेहतर सुरक्षा के लिए नये दिशा-निर्देश
हाल ही में पश्चिम रेलवे के सुरक्षा विभाग द्वारा महिला यात्रियों की बेहतर सुरक्षा के लिए विशेष गाइड लाइन्स जारी की गई है। इसमें फोर्स कर्मियों की नियमित ब्रीफिंग, संदिग्ध स्थानों, लेडीज़ डिब्बों, शौचालयों और प्रतिक्षालयों की विशेष निगरानी, ट्रेन में स्कॉट करने वाले दलों को CAW के अपराधियों की फोटो एलबम उपलब्ध कराना आदि शामिल हैं। फोर्स महिला यात्रियों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करने के लिए अनवरत रूप से कार्य कर रही है।
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