मुंबई। पश्चिम रेलवे के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के जवान यात्रियों के जीवन की रक्षा और सुरक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। ‘ऑपरेशन यात्री सुरक्षा’ के तहत, आरपीएफ ने अपनी सतर्कता और चौकसी से यात्रियों के सामान की चोरी की घटनाओं से निपटने में प्रभावी योगदान दिया है। इस दिशा में, आरपीएफ ने वर्ष 2024 के पहले दो महीनों में सीसीटीवी निगरानी कैमरों की मदद से ऐसे 100 से अधिक मामलों में अपराधियों का पता लगाया है और उन्हें पकड़ा है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आरपीएफ ने यात्रियों के सामान की चोरी की समस्या को रोकने के लिए विशेष प्रयास किया है। ऑपरेशन यात्री सुरक्षा को गति देते हुए, पश्चिम रेलवे ने यात्रियों के खिलाफ अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए 3912 सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं, जिसमें इनबिल्ट फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (एफआरएस) से लैस 488 कैमरे शामिल हैं। इनमें अपराधियों के विवरण के साथ उनकी तस्वीरें भी हैं, जिन्हें सिस्टम में अपलोड किया जाता है। जनवरी और फरवरी 2024 के महीनों में, पश्चिम रेलवे की आरपीएफ ने सीसीटीवी कैमरों की मदद से यात्रियों के खिलाफ अपराध करने वाले 121 आरोपियों को पकड़ा है और लगभग रु. 44 लाख मूल्य की संपत्ति बरामद की है।
हाल ही के कुछ मामलों का हवाला देते हुए, श्री ठाकुर ने बताया कि अंधेरी पोस्ट की क्राइम प्रिवेंशन एंड डिटेक्शन स्क्वाड (सीपीडीएस) टीम ने सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से निगरानी करके अंधेरी स्टेशन पर एक चोर को पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान, संदिग्ध विनोद प्रेम चंद गुप्ता, उम्र 38 वर्ष ने मोबाइल चोरी के चार अलग-अलग मामलों में अपनी संलिप्तता का खुलासा किया। अंधेरी स्टेशन पर चोरी की ये घटनाएं अलग-अलग तारीखों में हुई थीं। कानूनी औपचारिकताओं के बाद, आरोपी को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जीआरपी/अंधेरी को सौंप दिया गया। आरोपी ने लगभग 90 हजार रुपए के मोबाइल चोरी किए थे। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 379 के तहत चोरी के चार मामले दर्ज किए गए हैं।
श्री ठाकुर ने आगे बताया कि चौकस और सतर्क आरपीएफ अधिकारियों ने चोरी और डकैती जैसे कई यात्री-संबंधी अपराधों में अपराधियों को पकड़ा है और यात्रियों के सामान जैसे मोबाइल फोन, नकदी से भरे बैग, कीमती सामान और महत्वपूर्ण दस्तावेज, पर्स आदि बरामद करने में मदद की है। इसके बाद, इसमें शामिल असामाजिक तत्वों को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए जीआरपी को सौंप दिया गया।