Friday, November 22, 2024
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सड़क पर सोने से लेकर, बम हमला झेलने वाला आज एक मुख्यमंत्री है

सीएम पद के लिए मोहन चरण माझी का नाम तय होने के बाद उनके जुड़ा हर व्यक्ति उनके संघर्षों के दिनों को याद कर रहा है। एक समय ऐसा भी था कि उन्हें सड़क पर सोना पड़ा था। उस टाइम उनका फोन भी चोरी हो गया था।

ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड जीत के बाद मोहन चरण माझी आज से प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। 52 साल की उम्र में माझी को इस मुकाम पर पहुँचता देख कई लोग बहुत खुश हैं। उनकी माँ और पत्नी ने उन्हें ढेरों शुभकामनाएँ दीं। साथ ही ये भी कहा कि पहले माझी को स्थानीय स्तर पर लोगों का भला करना होता था। अब उनपर राज्य की भी जिम्मेदारी होगी।

मोहन चरण माझी ओडिशा की क्योंझर सीट से चुनाव लड़े। उन्होंने बीजू जनता दल की नीना माझी को 11,577 वोटों से हराया है। उनको 87,815 वोट मिले, जबकि नीना 76,238 वोटों पर ही सिमट गईं।

आज के दिन मोहन माझी से जुड़ा हर व्यक्ति माझी के संघर्ष के दिनों को भी याद कर रहा है। याद किया जा रहा है कि कैसे माझी ने सरस्वती शिशु मंदिर में शिक्षक के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी और बाद में वो राजनीति में आए। माझी ने सरपंच बनकर पहले लोगों की समस्याओं को समाधान करना शुरू किया और बाद में वो विधायक चुने गए। जानकारी के मुताबिक साल 2000 में विधायक बनने से पहले वो गाँव के सरपंच थे। साल 1997 से 2000 तक उन्होंने सरपंच का पद संभाला था। इसके बाद वो 2000 में पहली बार विधासभा चुनाव जीतकर विधायक बने थे, फिर 2004 में भी चुनाव उन्होंने ही जीता था। 2004 में वो दूसरी बार विधायक चुने गए. 2009 और 2014 में अगले दो विधानसभा चुनाव में हारने के बाद वो 2019 में तीसरी बार विधानसभा के लिए चुने गए और भाजपा विधायक दल के चीफ व्हिप बने.

इस दौरान नवीन पटनायक की बीजेडी सरकार पर निशाना साधने में वो हमेशा मुखर रहे. चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए कई नामों की चर्चा हो रही थी.

सबसे अधिक चर्चा देश के पूर्व महालेखाकार (सीएजी) डॉक्टर गिरीश चंद्र मुर्मू के नाम की थी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क़रीबी माने जाते हैं और गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के कार्यकाल में उनके प्रमुख सचिव, उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद केंद्र सरकार में सचिव और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल रह चुके हैं. वो आदिवासी हैं और ओडिशा के मयूरभंज जिले के निवासी हैं. मयूरभंज मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का भी जन्मस्थान है.

मुर्मू के अलावा जिन नामों की चर्चा थी वे थे केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बैजयंत जय पंडा, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन सामल, पूर्व अध्यक्ष सुरेश पुजारी.
इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष और पूर्व मंत्री और छह बार विधायक बने कनक वर्धन सिंहदेव, पिछले विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके संबलपुर के विधायक जयनारायण मिश्र और भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सुरमा पाढ़ी का नाम भी चर्चा में था. बाद में 2019 में वो पार्टी के मुख्य सचेतक बन गए।

2019 में ही उनकी राजनीति में फिर विधायक बन वापसी हुई। हालाँकि यही वो समय था जब उन्हें घर मिलने में में देरी के कारण फुटपाथ पर सोना पड़ा था। इसका जिक्र उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष एसएन पात्रो से भी किया था। उन्होंने बताया था कि वो कम समय में किराए के घर पर नहीं रह सकते थे और उसके बाद से वो खुले में सो रहे थे। उस दौरान उनका फोन भी चोरी हो गया था।

मालूम हो कि इस बार भी जब वो सीएम बने हैं तो अभी तुरंत उन्हें कोई आवास नहीं मिल रहा। एक दो मंजिला क्वार्टर है जिसे रेनोवेट कराने का काम हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले 24 सालों से ओडिशा के मुख्यमंत्री पद पर बैठे नवीन पटनायक अपने निजी आवास में रहा करते थे ऐसे में अलग से सीएम आवास की जरूरत नहीं हुई। अब जब सीएम बदले हैं तो इस मुद्दे पर काम शुरू हुआ है।

बता दें मोहन चरण माझी के ऊपर 2021 में अज्ञान हमलावरों द्वारा बम भी फेंके गए थे। उस समय वह क्योंझर कस्बे थानांतर्गत मंडुआ इलाके में भाजपा श्रमिक संघ की बैठक में भाग लेकर वापस लौट रहे थी। हमले में वह बाल-बाल भचे थे। उन्होंने उस समय बीजद के स्थानीय नेताओं पर ऐसा करने का आरोप लगाया था।
मोहन माझी ने अपने चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास 1.97 करोड़ रुपए की संपत्ति है। उन्होंने 95.58 लाख रुपए उधार ले रखे हैं। ओडिशा के नए सीएम ने ग्रेजुएशन किया है।

मोहन माझी ने पत्नी डॉ. प्रियंका मरंडी की संपत्ति के बारे में जानकारी देते हुए हलफनामे में लिखा है कि पत्नी के पास 50 हजार रुपए नगद रखे हैं। उनके 9 बैंक खातों में अकाउंट है, जिसमें 10.92 लाख रुपए जमा है। उनकी पत्नी ने एसबीआई में 51 लाख रुपए की फिक्स्ड डिपॉजिट भी कर रखी है।

माझी आरएसएस से खास जुड़ाव रखते हैं। उनकी एक तेज तर्रार आदिवासी नेता की छवि है। वह अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय है। वह क्योंझर से चार बार लगातार विधायक बने हैं, इसलिए शासन की उनको उच्छी समझ भी है। 2023 में सत्र के दौरान माझी पर आरोप लगा कि उन्होंने स्पीकर के पोडियम पर दाल फेंकी थी। उनको सस्पेंड कर इसकी सजा दी थी। उन्होंने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि उन्होंने दाल भेंट की थी।

वे अपनी मां, पत्नी और दो बेटों के साथ भुवनेश्वर में सरकारी आवास में रहते हैं. मंगलवार को जब माझी को नया मुख्यमंत्री घोषित किया गया तो उनका परिवार आश्चर्यचकित रह गया. उन्हें सबसे पहले स्थानीय समाचार चैनलों से उनके मुख्यमंत्री के रूप में चुने जाने की जानकारी मिली. उस क्षण तक वे पूरी तरह से इस निर्णय से अनजान थे. आवाज में अविश्वास और गर्व के मिलेजुले भाव के साथ मोहन की पत्नी प्रियंका ने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि वो (मोहन) मुख्यमंत्री बनेंगे. मुझे ये तो उम्मीद थी कि उन्हें नए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) मंत्रिमंडल में मंत्री पद मिलेगा. लेकिन यह मेरे और मेरे परिवार के लिए एक चौंका देने वाला था.

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