पोप फ्रांसिस का 21 अप्रैल 2025 को वेटिकन सिटी में 88 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनकी मृत्यु का कारण स्ट्रोक और हृदय गति रुकना बताया गया है । उनका पूरा नाम: जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था। उनका जन्म 17 दिसंबर 1936, ब्यूनस आयर्स, अर्जेंटीना में हुआ था। 13 मार्च 2013 को पोप निर्वाचित हुए थे। वे पहले लैटिन अमेरिकी और पहले जेसुइट पोप थे और पहले पोप जिन्होंने “फ्रांसिस” नाम अपनाया।उनका अंतिम संस्कार और श्रद्धांजलि कार्यक्रम शनिवार, 26 अप्रैल 2025 को सेंट पीटर्स स्क्वायर में आयोजित होगा । उन्हें संत मैरी मेजर बेसिलिका, वेटिकन में दफनाया जाएगा।
पोप की परंपरा कैसे शुरू हुई?
पोप की परंपरा रोमन कैथोलिक चर्च की स्थापना से जुड़ी है, जो ईसाई धर्म के प्रारंभिक काल में शुरू हुई। कैथोलिक मान्यता के अनुसार, यीशु मसीह ने अपने शिष्य संत पीटर (Saint Peter) को अपनी कलीसिया (चर्च) का आधार बनाया और उन्हें “स्वर्ग के राज्यों की कुंजी” सौंपी (मत्ती 16:18-19)। इससे संत पीटर को रोम का पहला बिशप और प्रथम पोप माना जाता है। समय के साथ, रोम के बिशप का पद सर्वोच्च धार्मिक नेता के रूप में स्थापित हुआ, जिसे “पोप” (लैटिन: papa, अर्थ: पिता) कहा गया। यह परंपरा पहली शताब्दी से शुरू होकर मध्ययुग में और शक्तिशाली हुई, जब पोप ने धार्मिक और राजनीतिक प्रभाव प्राप्त किया।
- पहला पोप कौन था?
कैथोलिक परंपरा के अनुसार, संत पीटर (Saint Peter) पहले पोप थे। वे यीशु मसीह के बारह शिष्यों में से एक थे और रोम के पहले बिशप बने। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, संत पीटर की मृत्यु 64-68 ईस्वी के बीच रोम में सम्राट नीरो के शासनकाल में हुई, और उनकी समाधि पर बाद में सेंट पीटर्स बेसिलिका बनी। हालांकि, कुछ इतिहासकार मानते हैं कि “पोप” शब्द का प्रयोग बाद की शताब्दियों में शुरू हुआ, लेकिन संत पीटर को परंपरागत रूप से पहला पोप माना जाता है।
पोप का चुनाव कैसे होता है?
पोप का चुनाव एक गुप्त और परंपरागत प्रक्रिया के माध्यम से होता है, जिसे कॉन्क्लेव (Conclave) कहते हैं। यह प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- योग्य मतदाता: 80 वर्ष से कम उम्र के कार्डिनल्स (वरिष्ठ पादरी) वोट डाल सकते हैं। इनकी संख्या आमतौर पर 120 तक होती है।
- स्थान: वोटिंग वेटिकन सिटी के सिस्टीन चैपल में होती है, जहाँ कार्डिनल्स बाहरी दुनिया से पूरी तरह कटे रहते हैं।
- प्रक्रिया: – कार्डिनल्स गुप्त मतदान करते हैं, जिसमें कागज़ के मत-पत्रों का उपयोग होता है। – प्रत्येक दिन चार राउंड में वोटिंग होती है। – किसी उम्मीदवार को पोप बनने के लिए दो-तिहाई बहुमत (लगभग 77 वोट) चाहिए। – मतदान के बाद, मत-पत्रों को जलाया जाता है। यदि कोई पोप नहीं चुना गया, तो काला धुआँ निकलता है; यदि चुना गया, तो सफेद धुआँ।
- योग्यता: सैद्धांतिक रूप से, कोई भी पुरुष कैथोलिक पोप बन सकता है, लेकिन व्यवहार में, चुना गया व्यक्ति हमेशा कार्डिनल रहा है।
- नाम परिवर्तन: नया पोप चुने जाने के बाद एक नया नाम चुनता है, और उसकी घोषणा सेंट पीटर्स बेसिलिका की बालकनी से की जाती है।
भारत से वर्तमान में चार कार्डिनल्स हैं, जो चुनाव में हिस्सा ले सकते हैं।
भारत के 4 कार्डिनल्स जो पोप के चुनाव में भाग लेंगे
- कार्डिनल फिलिप नेरी फेराओ (Cardinal Filipe Neri Ferrao)
- पद: गोवा और दमन के आर्चबिशप
- भूमिका: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (CCBI) और एशियाई बिशप्स सम्मेलन (FABC) के अध्यक्ष
- कार्डिनल बेसिलियोस क्लेमिस (Cardinal Baselios Cleemis)
- पद: सायरो-मलांकरा कैथोलिक चर्च के मेजर आर्चबिशप, तिरुवनंतपुरम
- कार्डिनल एंथनी पूला (Cardinal Anthony Poola)
- पद: हैदराबाद के मेट्रोपॉलिटन आर्चबिशप
- कार्डिनल जॉर्ज जैकब कूवाकड (Cardinal George Jacob Koovakad)
- पद: वेटिकन के अंतरधार्मिक संवाद कार्यालय के प्रमुख
- विशेषता: सायरो-मलाबार समुदाय के आर्चबिशप, केरल से
इन चारों कार्डिनल्स की भूमिका अगला पोप चुनने में महत्वपूर्ण होगी, जो वैश्विक कैथोलिक समुदाय के लिए एक नया अध्याय शुरू करेगा।
- वेटिकन सिटी को आधिकारिक रूप से 11 फरवरी, 1929 में लेटरन संधि (Lateran Treaty) के तहत एक स्वतंत्र देश के रूप में स्थापित किया गया। इस संधि के द्वारा इटली ने वेटिकन को एक स्वायत्त राज्य के रूप में मान्यता दी। हालांकि, वेटिकन का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व पहली शताब्दी से है, जब संत पीटर की समाधि पर चर्च बनाए गए। वेटिकन रोम के भीतर स्थित है और मध्ययुग में पापल स्टेट्स का हिस्सा था। 19वीं सदी में इटली के एकीकरण के दौरान पापल स्टेट्स का अधिकांश हिस्सा खो गया, और 1929 में वेटिकन को छोटा लेकिन स्वतंत्र राज्य बनाया गया। इसका क्षेत्रफल केवल 44 हेक्टेयर है, और जनसंख्या लगभग 800 है।
- वेटिकन रोमन कैथोलिक चर्च का केंद्र है और दुनिया के 1.3 अरब कैथोलिकों का आध्यात्मिक मुख्यालय। सेंट पीटर्स बेसिलिका और सिस्टीन चैपल जैसे स्थल तीर्थस्थल हैं। पोप वेटिकन सिटी के राष्ट्राध्यक्ष हैं, और वेटिकन एक संप्रभु राष्ट्र के रूप में राजनयिक संबंध रखता है। यह वैश्विक शांति, सामाजिक न्याय, और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर प्रभाव डालता है। – सांस्कृतिक: वेटिकन में माइकलएंजेलो की कृतियाँ, वेटिकन संग्रहालय, और ऐतिहासिक दस्तावेज़ सांस्कृतिक धरोहर हैं।
पोप के निधन या इस्तीफे के बाद, वेटिकन में एक विशेष प्रक्रिया होती है जिसे “कॉन्क्लेव” कहा जाता है। इसमें 80 वर्ष से कम आयु के कार्डिनल्स भाग लेते हैं। वे सिस्टिन चैपल में एकत्र होकर गुप्त मतदान करते हैं। जब किसी उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत प्राप्त होता है, तो उसे नया पोप घोषित किया जाता है। इसकी घोषणा “Habemus Papam” (हमें पोप मिला) शब्दों से की जाती है, और सिस्टिन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं निकलता है, जो संकेत देता है कि नया पोप चुन लिया गया है।
अब तक लगभग 266 पोप हो चुके हैं। हाल ही में, पोप फ्रांसिस का निधन 21 अप्रैल 2025 को हुआ। वे 2013 से 2025 तक पोप रहे और पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार, उन्हें सेंट पीटर बेसिलिका के बजाय रोम के सांता मारिया माजोरे में दफनाया जाएगा।
वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र राष्ट्र है, जिसकी स्थापना 1929 में लेटरन संधि के तहत हुई थी। यह कैथोलिक चर्च का आध्यात्मिक और प्रशासनिक केंद्र है। यहां सेंट पीटर बेसिलिका, सिस्टिन चैपल और वेटिकन म्यूज़ियम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल स्थित हैं। वेटिकन सिटी को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
सांस्कृतिक धरोहर: यहाँ सेंट पीटर बेसिलिका, सिस्टीन चैपल और वेटिकन म्यूज़ियम जैसी विश्व प्रसिद्ध कलाकृतियाँ हैं।
राजनीतिक स्वतंत्रता: यह एक स्वतंत्र राष्ट्र है, जिसका अपना शासन और प्रशासन है
पोप की परंपरा कैसे शुरू हुई?
पोप की परंपरा रोमन कैथोलिक चर्च की स्थापना से जुड़ी है, जो ईसाई धर्म के प्रारंभिक काल में शुरू हुई। कैथोलिक मान्यता के अनुसार, यीशु मसीह ने अपने शिष्य संत पीटर (Saint Peter) को अपनी कलीसिया (चर्च) का आधार बनाया और उन्हें “स्वर्ग के राज्यों की कुंजी” सौंपी (मत्ती 16:18-19)। इससे संत पीटर को रोम का पहला बिशप और प्रथम पोप माना जाता है। समय के साथ, रोम के बिशप का पद सर्वोच्च धार्मिक नेता के रूप में स्थापित हुआ, जिसे “पोप” (लैटिन: papa, अर्थ: पिता) कहा गया। यह परंपरा पहली शताब्दी से शुरू होकर मध्ययुग में और शक्तिशाली हुई, जब पोप ने धार्मिक और राजनीतिक प्रभाव प्राप्त किया।
- पहला पोप कौन था?
कैथोलिक परंपरा के अनुसार, संत पीटर (Saint Peter) पहले पोप थे। वे यीशु मसीह के बारह शिष्यों में से एक थे और रोम के पहले बिशप बने। ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार, संत पीटर की मृत्यु 64-68 ईस्वी के बीच रोम में सम्राट नीरो के शासनकाल में हुई, और उनकी समाधि पर बाद में सेंट पीटर्स बेसिलिका बनी। हालांकि, कुछ इतिहासकार मानते हैं कि “पोप” शब्द का प्रयोग बाद की शताब्दियों में शुरू हुआ, लेकिन संत पीटर को परंपरागत रूप से पहला पोप माना जाता है।
- स्थापना: वेटिकन सिटी को आधिकारिक रूप से 11 फरवरी, 1929 में लेटरन संधि (Lateran Treaty) के तहत एक स्वतंत्र देश के रूप में स्थापित किया गया। इस संधि के द्वारा इटली ने वेटिकन को एक स्वायत्त राज्य के रूप में मान्यता दी। हालांकि, वेटिकन का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व पहली शताब्दी से है, जब संत पीटर की समाधि पर चर्च बनाए गए।
पोप के निधन या इस्तीफे के बाद, वेटिकन में एक विशेष प्रक्रिया होती है जिसे “कॉन्क्लेव” कहा जाता है। इसमें 80 वर्ष से कम आयु के कार्डिनल्स भाग लेते हैं। वे सिस्टिन चैपल में एकत्र होकर गुप्त मतदान करते हैं। जब किसी उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत प्राप्त होता है, तो उसे नया पोप घोषित किया जाता है। इसकी घोषणा “Habemus Papam” (हमें पोप मिला) शब्दों से की जाती है, और सिस्टिन चैपल की चिमनी से सफेद धुआं निकलता है, जो संकेत देता है कि नया पोप चुन लिया गया है।
अब तक लगभग 266 पोप हो चुके हैं। हाल ही में, पोप फ्रांसिस का निधन 21 अप्रैल 2025 को हुआ। वे 2013 से 2025 तक पोप रहे और पहले लैटिन अमेरिकी पोप थे। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसार, उन्हें सेंट पीटर बेसिलिका के बजाय रोम के सांता मारिया माजोरे में दफनाया जाएगा।
वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा स्वतंत्र राष्ट्र है, जिसकी स्थापना 1929 में लेटरन संधि के तहत हुई थी। यह कैथोलिक चर्च का आध्यात्मिक और प्रशासनिक केंद्र है। यहां सेंट पीटर बेसिलिका, सिस्टिन चैपल और वेटिकन म्यूज़ियम जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल स्थित हैं। वेटिकन सिटी को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।
यहाँ सेंट पीटर बेसिलिका, सिस्टीन चैपल और वेटिकन म्यूज़ियम जैसी विश्व प्रसिद्ध कलाकृतियाँ हैं।