कोटा व डकनिया रेलवे स्टेशन का स्वरूप 150 करोड़ रूपए की लागत से निखरेगा। इसके लिए आईआरएसडीसी ने प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दिए हैं, जहां स उन्हें जल्द स्वीकृत कर दिया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को यह जानकारी सोमवार को संसद भवन परिसर में आयोजित बैठक के दौरान रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी।
रेल मंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला को बताया कि कोटा से जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे करने के लिए उनकी विशेष माॅनीटरिंग की जा रही है। डकनिया तालाब स्टेशन पर लूप लाइन बिछाने के लिए इलेक्ट्रिकल और इंजीनियरिंग से टेंडर जल्द ही फाइनल हो जाएंगे। शेष कार्यों के टेंडर अगस्त में लगा दिए जाएंगे। कोटा स्टेशन पर भी 22 करोड़ रूपए की लागत से होने वाले विकास कार्य जल्द शुरू हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि कोटा और डकनिया स्टेशन का स्वरून निखारने का जिम्मा आईआरएसडीसी को सौंपा गया था। संस्था ने कोटा मंडल रेल प्रशासन से इसके लिए विस्तार से चर्चा करने तथा मौके का आकलन करने के बाद करीब 150 करोड़ रूपए के प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दिए हैं, जिनको जल्द निर्णित कर दिया जाएगा।
रामगंजमंडी-भोपाल रेल लाइन के लिए इस वर्ष 470 करोड़ रूपए स्वीकृत किए गए हैं। इस रेल लाइन के लिए रामगंजमंडी से जूनाखेड़ा तक 47 किमी का काम पूरा हो चुका है। इस वित्तीय वर्ष के अंत तक जूनाखेड़ा से अकलेरा तक का 27 किमी का काम भी पूरा हो जाएगा। रेलमंत्री ने लोकसभा अध्यक्ष बिरला को बताया कि इस परियोजना में अब भोपाल की ओर से काम को गति दी जाएगी।
रेलमंत्री ने बताया कि ग्वालियर-दीगोद लाइन को भी प्राथमिकता से लिया जा रहा है। इस परियोजना के तहत ग्वालिया से श्योपुरकलां तक आमान परिवर्तन तथा श्योपुराकला से दीगोद तक नई रेल लाइन बिछाने का कार्य किया जाएगा। मार्च 2018 में काम प्रारंभ होने के बाद इस परियोजना पर अब तक 184 करोड़ रूपए का व्यय हो चुका है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को कोटा में मेमो ट्रेन की संख्या बढ़ाने को भी कहा है। उन्होंने मंत्री को बताया कि अभी कोटा को दो रैक उपलब्ध करवाए गए हैं जिनके परिचालन की तिथि जल्द तय कर दी जाएगी। लेकिन क्षेत्र की आवश्यकताओं को देखते हुए मेमो ट्रेन के और रैक आवंटित किए जाने की आवश्यकता है। मंत्री वैष्णव ने आश्वस्त किया कि वे जल्द से जल्द और रैक आवंटित करने का प्रयास करेंगे।
रेलमंत्री वैष्णव ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया कि कोटा के सैटेलाइट स्टेशन के रूप् में विकसित किए जा रहे सोगरिया स्टेशन का काम अगस्त के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा। कोरोना की दूसरी लहर के कारण इस काम में देरी हुई, लेकिन अब पूरी गति से इसका अंतिम चरण का कार्य किया जा रहा है।