केंद्र सरकार एक ऐसा सिस्टम बनाने जा रही है जिससे चोरी या गुम हुआ फोन नया सिम डाले जाने पर एक्टिवेट नहीं होगा. साथ ही इससे यूजर्स का प्राइवेट डेटा चोरी होने से बच जाएगा. दूरसंचार विभाग ने बीते मंगलवार को एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि भारत संचार निगम लिमिटेड पुणे में सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिफाई रजिस्टर नाम से एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है. इसके तहत आईएमईआई नंबर की रजिस्ट्री बनाई जाएगी. यह एक केंद्रीय व्यवस्था की तरह काम करेगी जिसमें सभी मोबाइल फोन कंपनियां चोरी या गुम हुए फोन का डेटा शेयर कर सकेंगी. बताया जाता है कि यह सिस्टम बनने के बाद चोरी या गुम हुआ फोन नया सिम डाले जाने पर एक्टिवेट नहीं होगा.
दूरसंचार विभाग के एक बयान में कहा गया है, ‘मोबाइल फोन की चोरी और क्लोनिंग गंभीर समस्या बन गई है. यह लोगों की निजी जिंदगी और राष्ट्रीय सुरक्षा दोनों के लिए खतरा बन गया है. हमारे मोबाइल नेटवर्क में फर्जी आईएमईआई नंबर वाले बहुत से नकली फोन एक्टिव हैं. ये पॉपुलर ब्रांड और मॉडल की गैरकानूनी तरीके से बनाई कॉपी हैं. इसके चलते कंज्यूमर को दी जाने वाली सर्विस की क्वॉलिटी खराब होती है.’
डिपार्टमेंट के अनुसार उसकी इस नई योजना का व्यापक उद्देश्य उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना, नकली मोबाइल फोन मार्केट पर शिकंजा कसना, मोबाइल फोन की चोरी पर लगाम लगाना, फोन क्लोनिंग को पकड़ना और जरूरत पड़ने पर वैध टैपिंग की इजाजत देना है.