उच्च शिक्षा की सर्वोच्च संस्था विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने फर्जी यूनिवर्सिटीज की लिस्ट जारी की है। इस सूची में देश की 21 यूनिवर्सिटीज को फर्जी बताया है।
यूजीसी ने छात्रों को इन यूनिवर्सिटीज में एडमिशन न लेने की हिदायत दी है। ऐसी यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने वाले छात्रों की डिग्री मान्य नहीं होगी। लिहाजा, किसी भी नौकरी के लिए उसका उपयोग नहीं हो सकेगा।
लिस्ट में देश के नौ राज्यों में संचालित यूनिवर्सिटी के नाम हैं। इनमें सर्वाधिक आठ यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश में है। जबकि दूसरे स्थान पर दिल्ली का नंबर आता है, जहां छह फर्जी यूनिवर्सिटी संचालित हो रही हैं। तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, पश्िचम बंगाल और बिहार में एक-एक फर्जी यूनिवर्सिटी है।
मध्यप्रदेश – केसरवानी विद्यापीठ, जबलपुर।
दिल्ली – कॉमर्शियल यूनिवर्सिटी लिमिटेड, यूनाइटेड नेशंस यूनिवर्सिटी, वोकेशन यूनिवर्सिटी, एडीआर सेंट्रिक ज्यूरिडिकल यूनिवर्सिटी, एडीआर हाउस, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड इंजीनियरिंग, वाराणसेय संस्कृत यूनिवर्सिटी।
बिहार – मैथिली यूनिवर्सिटी, दरभंगा।
कर्नाटक – बडागानवी सरकार वर्ल्ड ओपन यूनिवर्सिटी एजुकेशन सोसाइटी, बेलगाम।
केरल – सेंट जॉन, कृष्णट्टम।
महाराष्ट्र – राजा अरेबिक यूनिवर्सिटी नागपुर।
तमिलनाडु – डीडीबी संस्कृत यूनिवर्सिटी, पुत्तुर, त्रिची।
पश्चिम बंगाल – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिसिन, कोलकाता।
उत्तरप्रदेश – महिला ग्राम विद्यापीठ यूनिवर्सिटी इलाहाबाद, गांधी हिंदी विद्यापीठ इलाहाबाद, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ इलेक्ट्रो कॉम्प्लेक्स होमियोपैथी कानपुर, नेताजी सुभाषचंद्र बोस यूनिवर्सिटी (ओपन यूनिवर्सिटी) अलीगढ़, उत्तर प्रदेश विश्व विद्यालय, महाराणा प्रताप शिक्षा निकेतन यूनिवर्सिटी प्रतापगढ़, इंद्रप्रस्थ शिक्षा परिषद नोएडा, गुरुकुल यूनिवर्सिटी मथुरा।