मुगल काल में बने आगरा जिला कारागार में में निरुद्ध बंदी भी एफएम रेडियो का लुत्फ ले सकेंगे। यहां पर रेडियो जॉकी (आरजे) की भूमिका भी बंदी ही निभाएंगे। इसका नाम जिला कारागार रेडियो आगरा रखा गया है।
जिला जेल में एफएम रेडियो स्टेशन का उदघाटन एसएसपी बबलू कुमार और तिनका तिनका संस्था की संस्थापिका व वरिष्ठ पत्रकार वर्तिका नंदा ने किया। उन्होंने इसे जेल में कैदियों के लिए सकारात्मक शुरुआत बताया। फिलहाल, इस एफएम रेडियो में दो आरजे काम करेंगे। इस जेल एफएम की पहली रेडियो जॉकी आईआईएम बेंगलुरु से पास आउट है, जो यहां करीब चार महीने से बंद है, जबकि पुरुष आरजे पोस्ट ग्रेजुएट है और करीब दो साल से यहां बंद है। जेल एफएम पर दोपहर तीन से चार बजे तक प्रसारण किया जाएगा। इसमें ज्ञानवर्धक कार्यक्रमों के अलावा गाने भी सुनने को मिलेंगे।
दरअसल, जेलों में सजा काट रहे कैदियों को सुधारने के लिए तिनका-तिनका संस्था की ओर से कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके लिए संस्था से जुड़ीं वर्तिका नंदा ने जेल में रेडियो की संकल्पना की है। जिला जेल के मुख्य द्वार पर बने कमरे में रेडियो का स्टूडियो तैयार किया गया है। जेल रेडियो टीम में 10 से ज्यादा कैदी हैं। इसके लिए इन बंदियों को बाकायदा प्रशिक्षण दिया गया है। रेडियो के लिए अपनी स्क्रिप्ट भी बंदी तैयार कर रहे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले आगरा मंडल की मैनपुरी जिला जेल में भी रेडियो एफएम की शुरुआत हो चुकी है। प्रदेश की कई जेलों में इस पहल की सफलता के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशभर की जिला जेलों में अपना एफएम रेडियो स्थापित करने के आदेश दिए हैं।