इस्लामाबाद. पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के बाहर अचानक वीजा मांगने के लिये श्रद्धालुओं की भीड़ लग गयी है। कतारों में लगे ये लोग जेएनयू के दर्शन करने के लिये किसी भी क़ीमत पर भारत का वीज़ा पाना चाहते हैं।
जेएनयू के दर्शनों के लिये पाकिस्तान में मची मारामारी
यह बिल्कुल हैरान करने वाली घटना है क्योंकि अभी तक पाकिस्तान से सबसे ज़्यादा श्रद्धालु अजमेर शरीफ़ या हज़रत निज़ामुद्दीन की मज़ार पर मत्था टेकने भारत आते थे। ऐसा पहली बार है कि यहां के लोग भारत के किसी और स्थान के दर्शन करने के लिये इतने उत्सुक है।
वीज़ा की लाइन में सुबह से धूप में खड़े चकीउर्रहमान लकवे ने बताया कि “जेएनयू में पाकिस्तान ज़िंदाबाद के नारे! सुभान अल्लाह-सुभान अल्लाह! ऐसे नारे तो आजकल हमारे अपने मुल्क में भी सुनायी नहीं देते। इसलिये जेएनयू के लिये अब हमारे दिल में अजमेर शरीफ़ से भी ज़्यादा इज़्ज़त पैदा हो गयी है।”
“अब तो बस यही तमन्ना है कि मरने से पहले एक बार जेएनयू की पाक सरज़मीं पर सज़दा कर आऊं” –लकवे ने आसमान की ओर हाथ उठाते हुए कहा।
लकवे के पीछे खड़े हुसैन हरकतुल्ला नाम के नौजवान ने कहा कि “मुझे तो अब पता चला कि भारत में हमारे क़ायदे-आज़म के नाम पर जिन्ना नेशनल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) खुली हुई है। पहले पता होता तो मैं यहां मदरसे में पढ़ने के बजाय वहीं पे एडमिशन ना लेता!”
इस बीच, पड़ोसी मुल्क में मची इस अफ़रा-तफ़री से हमारी सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े हो गये है। एजेंसियों को डर है कि कहीं श्रद्धालुओं की आड़ में जेएनयू में आतंकवादी ना घुस जायें।
आईबी के एक अधिकारी ने फ़ेकिंग न्यूज़ को बताया कि “कश्मीर में तो वे तार काटकर या छोटी-मोटी सुरंग खोदकर घुस जाते हैं लेकिन जेएनयू तक सुरंग खोदना तो उनके बाप…मेरा मतलब चीन के भी बस की बात नहीं है। इसलिये वे इस मौक़े का फ़ायदा उठाकर श्रद्धालुओं या छात्रों के भेस में जेएनयू में घुसने की कोशिश कर सकते हैं।”
साभार-http://my.fakingnews.firstpost.com/ से