Friday, April 26, 2024
spot_img
Homeदुनिया भर कीउज्जैन के महाकाल पंचांग में छपेगी राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता...ये...

उज्जैन के महाकाल पंचांग में छपेगी राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता…ये नववर्ष हमें स्वीकार नहीं

उज्जैन। धर्मधानी उज्जयिनी से प्रकाशित महाकाल पंचांग में इस बार राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता ये नववर्ष हमें स्वीकार नहीं…कविता का प्रकाशन होगा। दिनकर ने अपनी इस कविता में आंग्ल नववर्ष मनाने की परंपरा पर कटाक्ष करते हुए देशवासियों से चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर नववर्ष मनाने की अपील की थी। बता दें कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर हिंदू नवर्ष की शुभारंभ होता है। सम्राट विक्रमादित्य की नगरी उज्जयिनी में गुड़ी पड़वा पर हर्षोल्लास के साथ हिंदू नववर्ष मनाया जाता है।

पंचांगकर्ता ज्योतिषाचार्य पं.आनंद शंकर व्यास ने बताया सामान्यत: पंचांगों में तीज, त्योहार, तिथि, नक्षत्र, चौघड़िया आदि का समावेश होता है, लेकिन इस बार राष्ट्र चेतना जाग्रत करती राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता को पंचांग में विशेष तौर पर शामिल किया गया है। दिनकर ने अपनी कविता में 1 जनवरी को नया साल मनाने की परंपरा पर जमकर कटाक्ष किया है।

उन्होंने लिखा है आंग्ल नववर्ष के समय प्रकृति भी इस बात की इजाजत नहीं देती है, जबकि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हिंदू नववर्ष के लिए वसुंधरा रंग बिरंगे फूलों से महकती है। चारों ओर नव पल्लव का उल्लास नजर आता है। ऐसे समय भारतवासियों को नया साल मनाना चाहिए। पं. व्यास ने बताया इस बार 13 अप्रैल को चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन ‘आनंद नाम संवत्सर” का आरंभ होगा। देशवासियों को इस दिन उदय होते सूर्य को अर्घ्य देकर नए साल का उत्सव मनाना चाहिए।

140 साल पुरानी परंपरा आज भी जारी
पं.व्यास के परिवार में पंचांग निर्माण की परंपरा 140 साल से जारी है। 95 साल पहले तक उनके पूर्वज हस्त लिखित पंचांग बनाते थे। इन हस्तलिखित पंचांगों को स्टेट व छोटी-छोटी रिसायतों में भेजा जाता था। इन पंचांग के आधार पर राजा पंडित सभा में तीज, त्योहार व तिथियों का निर्धारण करते थे। इसके बाद नगर में डोंडी पिटवाकर लोगों को तिथि, त्योहार आदि की जानकारी दी जाती थी।

साभार- https://www.naidunia.com/ से

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार