आप यहाँ है :

श्री अश्विनी वैष्णव ने भारतीय रेल इनोवेशन नीति – “रेलवे के लिए स्टार्टअप” का शुभारंभ किया

इस नीति का उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स/एमएसएमई/इनोवेटर्स/उद्यमियों द्वारा भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और संरक्षा में सुधार के लिए विकसित नवीन तकनीकों का लाभ उठाना है।

उपलब्धि-वार भुगतान के प्रावधान के साथ समान साझेदारी के आधार पर इनोवेटर को 1.5 करोड़ रुपये तक का अनुदान

मुंबई। भारतीय रेल ने स्टार्ट-अप और अन्य संस्थाओं की भागीदारी के जरिए इनोवेशन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल की है। माननीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने रेल भवन, नई दिल्ली में “रेलवे के लिए स्टार्टअप” की शुरुआत की।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए, श्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय रेलवे में प्रौद्योगिकी के एकीकरण पर लंबे समय से चल रही चर्चा ने आज शुरू की गई इस पहल के रूप में आज ठोस रूप ले लिया है।

इस पहल के शुरू होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए माननीय मंत्री ने कहा कि इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से स्टार्ट अप को रेलवे से जुड़ने का अच्छा अवसर मिलेगा। इस कार्यक्रम के चरण 1 के लिए रेलवे के विभिन्न मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों/जोनों से प्राप्त 100 से अधिक समस्या विवरणों में से 11 समस्या विवरण जैसे रेल फ्रैक्चर, हेडवे में कमी आदि को लिया गया है। इन्हें इनो‍वेटिव समाधान खोजने के लिए स्टार्ट अप के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

रेल मंत्री ने स्टार्टअप को इस अवसर का उपयोग करने का अनुरोध किया और उन्हें 50 प्रतिशत पूंजी अनुदान, सुनिश्चित बाजार, पैमाने और पारिस्थितिकी तंत्र के रूप में भारतीय रेलवे से समर्थन सुनिश्चित करने की बात कही।

भारतीय रेलवे इनोवेशन नीति का मुख्य विवरण इस प्रकार है: –

• उपलब्धि-वार भुगतान के प्रावधान के साथ समान साझेदारी के आधार पर इनोवेटर को 1.5 करोड़ रुपए तक अनुदान।

• समस्या विवरण के फ्लोटिंग से लेकर प्रोटोटाइप के विकास तक की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और उद्देश्यपरक बनाने के लिए निर्धारित समय-सीमा के साथ ऑनलाइन है।

• रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा। प्रोटोटाइप के सफल निष्‍पादन पर डिप्‍लॉयमेंट को बढ़ाने के लिए बढ़ी हुई धनराशि प्रदान की जाएगी।

• इनोवेटर/इनोवेटरों का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा, जो ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा जिसका उद्घाटन माननीय रेल मंत्री द्वारा किया गया है।

• डेवलप्‍ड इंटेलेक्‍चुअल प्रोपर्टी राइट (आईपीआर) इनोवेटर के पास ही रहेंगे।

• इनोवेटर को एश्‍योर्ड डेवलपमेंट ऑर्डर।

• विलम्ब से बचने के लिए मंडल स्तर पर संपूर्ण उत्पाद विकास प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण।

मई माह में क्षेत्र इकाइयों को समस्या क्षेत्र उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। इसके प्रत्युत्तर में अब तक लगभग 160 समस्या विवरण प्राप्त हो चुके हैं। प्रारंभ में, नई इनोवेशन नीति के माध्यम से निपटने के लिए 11 समस्याओं के विवरण की पहचान की गई है और उन्‍हें पोर्टल पर अपलोड किया गया है।

i. ब्रोकन रेल डिटेक्‍शन सिस्‍टम

ii. रेल स्‍ट्रेस निगरानी प्रणाली

iii. भारतीय रेल राष्ट्रीय एटीपी प्रणाली के साथ उपनगरीय खंड के अंतर-संचालन के लिए हेडवे सुधार प्रणाली

iv. ट्रैक निरीक्षण गतिविधियों का ऑटोमेशन

v. हैवी हॉल फ्रेट वैगनों के लिए बेहतर इलास्टोमेरिक पैड (ईएम पैड) का डिजाइन

vi. 3-फेज इलेक्ट्रिक इंजनों के ट्रैक्शन मोटर्स के लिए ऑनलाइन कंडीशन मॉनिटरिंग सिस्टम का विकास

vii. नमक जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए हल्के वैगन

viii. यात्री सेवाओं में सुधार के लिए डिजिटल डेटा का उपयोग करके विश्लेषणात्मक टूल का विकास

ix. ट्रैक सफाई मशीन

x. प्रशिक्षण के बाद के परिशोधन और स्वयं सेवा पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों के लिए ऐप

xi. पुल निरीक्षण के लिए रिमोट सेंसिंग, जियोमैटिक्स और जीआईएस का उपयोग

रेलवे से और अधिक समस्या विवरण एकत्र किए गए हैं, जो जांच के अधीन हैं और चरणबद्ध तरीके से अपलोड किए जाएंगे।

इंडियन रेलवे इनोवेशन पोर्टल लॉन्च किया गया है जो वेब एड्रेस www.innovation.indianrailways.gov.in पर उपलब्ध है।

*******

image_pdfimage_print


सम्बंधित लेख
 

Get in Touch

Back to Top