Friday, May 3, 2024
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Monthly Archives: December, 2015

भारतीय रेल्वे अंग्रेजी राज से आज तक, मुंबई से कोलकोता अभी भी 500 किमी. ज्यादा का चक्कर

भारतीय रेलवे में कई किस्से महज किंवदंतियों में ही दम तोड़ देते हैं। सही रूपरेखा के साथ उन्हें व्यावहारिक बनाकर हकीकत का रूप दिया जा सकता है। भारत के मानचित्र पर गौर करते हुए हावड़ा से मुंबई जाने वाली रेलगाड़ी के मार्ग की कल्पना कीजिए। हावड़ा से मुंबई जाने के लिए पहले आपको इलाहाबाद आना पड़ सकता है, फिर मुंबई की राह मिलेगी।

काश! हम भी उस लड़की जैसे हो पाएँ…

एक पोस्टमैन ने एक घर के दरवाजे पर दस्तक देते हुए कहा,

जोधापेक्स-2015 में दिखी डाक टिकटों की समृद्ध परम्परा, 15 से ज्यादा देशों के डाक टिकटों का प्रदर्शन

डाक विभाग द्वारा दो दिवसीय जोधपुर डाक टिकट प्रदर्शनी ‘जोधापेक्स-2015’ का शुभारम्भ 7 दिसंबर 2015 को सोहन लाल मनिहार बालिका सीनियर सेकेण्डरी विद्यालय, सिवांची गेट, जोधपुर के सभागार में किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन फीता काटकर और द्वीप प्रज्वलित कर राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर की पोस्टमास्टर जनरल शिउली बर्मन और निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव द्वारा किया गया।

अंकों के साथ खेलिए मजेदार खेल

संख्याओं के तिलिस्म का नाम ही गणित है। इस तिलिस्म (मायाजाल) में फँसे व्यक्ति को यह विषय नीरस प्रतीत होता है; परंतु इस तिलिस्म का रहस्य पता चलने पर उसे बहुत ही रोचक लगने लगता है। प्रस्तुत पुस्तक में दैनिक जीवन से संबंधित कुछ रहस्यमयी समस्याओं के समाधान देकर गणित के प्रति रुचि उत्पन्न करने का प्रयास किया गया है। इसमें दी गई समस्याओं के हलों को समझने से पाठकों की बुद्धि के विकास में निश्चित रूप से सफलता मिलेगी, ऐसी हमारी धारणा है।

गोइन्का पुरस्कार एवं सम्मान समारोह सम्पन्न

कमला गोइन्का फाउण्डेशन एवं हिन्दी विद्यापीठ (केरल) के संयुक्त-तत्वावधान में आयोजित समारोह में वरिष्ठ अहिन्दी भाषी साहित्यकारों के सम्मानार्थ घोषित "बालकृष्ण गोइन्का हिन्दी साहित्य सम्मान" से तिरुवनन्तपुरम् (केरल) के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. एन. चन्द्रशेखरन नायर जी को विभूषित किया गया एवं केरल के सिरमौर फिल्म अभिनेता, हिन्दी-प्रेमी पद्मश्री मधु (माधवन नायर) जी को भी "दक्षिण ध्वजधारी सम्मान" से नवाजा गया।

जाने कहाँ गए सहिष्णुता के वो दिन!

सच में क्या गजब की सहिष्णुता थी, जाने कहाँ गए वो दिन? ये नरेंद्र मोदी अच्छे दिन का बोलकर कहाँ लेकर आ गए.!!

प्रभु श्री राम के पूर्वज कौन थे?

यह है प्रभु श्री राम की वंशावली......

फिल्म बाजार में तैयार होती संपूर्ण सिनेमा की संस्कृति

दीपक शर्मा का वृत्तचित्र 'ब्लैक इज ब्यूटीफुल' उन 11 दृष्टिबाधित बच्चों के बारे में है जो रंगमंच से जुड़े हुए हैं। फिल्म बनकर तैयार है लेकिन उसे प्रोडक्शन के बाद के लिए रकम और प्रिंट-प्रचार की लागत के लिए धन की आवश्यकता है। चंद्रशेखर रेड्डी की फिल्म 'फायरफ्लाइज इन द एबीज' के बारे में भी यही सच है।

पॉयलट बनी सारा हमीद मुस्लिम धर्मगुरूओं की बदजुबानी को करारा जवाब है

वैसे तो विभिन्न धर्मों के तथाकथित धर्मगुरू जिन्हें प्राय: अपने धर्म तथा अपने ही धर्म से संबंधित धर्मग्रंथों की ही आधी-अधूरी जानकारी रहती है वे आए दिन कोई न कोई ऐसे विवादित तथा बेतुके बयान देते रहते हैं जिन्हें सुनकर समाज में बेचैनी फैल जाती है। परंतु ऐसे धर्मगुरु हैं कि अपनी कथित ‘ज्ञानवर्षा’ करने से बाज़ ही नहीं आते।

सत्ता मिलते ही केजरीवाल कपिल सिब्बल हो गए!

पता नहीं क्यों ऐसा होता है कि जो सत्ता में आता है वह अपने को उन बातों में भी बदल डालता है जिनकी बदौलत वह सत्ता पाता है। तभी सवाल है कि ऐसा कैसे हुआ कि जिस जन लोकपाल के नाम पर अरविंद केजरीवाल का आंदोलन था, जिससे उनकी राजनीति बनी, पार्टी बनी और सत्ता पाई उसी जनलोकपाल में भी वे बेईमानी कर बैठे!
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