Friday, May 17, 2024
spot_img

Monthly Archives: November, 2016

भाजपा को कहाँ ले जाएगा नोट बंदी का फैसला

मोदी सरकार ने पिछले हफ्ते मंगलवार देर शाम को एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए 500 और 100 की नोटों पर पाबंदी लगाने का निर्णय लिया । इसके बाद से चारो तरफ हलचल तेज हो गई । आम लोगो को थोड़ा बहुत दिक्कते हुई लेकिन ज्यादातर लोगो का यही कहना था कि हम देश के साथ हैं लेकिन क्या जनता का कहना सच है क्योंकि आम जनता का रुख कोई नही भांप सकता ।

सरकार घोषणा करके भूल गई, लोग परेशान हैं

शादी समारोह के लिए 2.50 लाख और किसानों को 50 हजार देने की घोषणा का सर्कुलर नहीं

नोटबंदी – अचल संपत्ति और आवास के लिए वरदान

उच्च मूल्य के नोटों के चलन को बंद करने के कदम के जरिए काले धन के खिलाफ मोदी सरकार द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक अचल संपत्ति क्षेत्र को हिला कर रख देगी, क्‍योंकि इस क्षेत्र में मुख्‍यत: अघोषित पैसे से ही लेन-देन होते रहे हैं।

काले धन के खिलाफ एक आभासी लड़ाई!

जिस दौर में सुझाव को आलोचना और आलोचना को षडयंत्र समझा जा रहा है, ऐसे कठिन समय में भारतीय संस्कृति और उसकी सामासिकता के अनुगामियों को कुछ असुविधाजनक सवाल पूछने के जोखिम जरूर उठाने चाहिए।

ऐसे बदलेगी रेल्वे स्टेशनों की सूरत और सीरत

पचास साल से शौचालय और सफाई को लेकर जारी मेरे काम का एक ही मकसद रहा है, स्वच्छता की संस्कृति को बदलना। 1960 के दशक तक तो स्वच्छता को लेकर खास संस्कृति भी नहीं थी। इसका उदाहरण है कि जब भी कभी हमलोग किसी के यहां शौचालय को लेकर बात करने जाते थे तो लोगों का पहला सुझाव यह होता था कि पहले चाय पी लेते हैं

एक नजारा ऐसा भी : छोटे नोट जमा करने आया तो सम्मान से खड़े हो गए बैंक प्रबंधक

सहारनपुर / कालेधन पर सर्जिकल स्ट्राइक से चारों तरफ खलबली है। लोग अपनी जरूरत के लिए बैंकों से रुपये निकालने को लेकर परेशान हैं । पूरे देश में इस समय छोटे नोटों को लेकर जहाँ मारामारी मची हुई है वहीं सामान्य खर्चों से निपटने के लिए छोटे नोटों की चाहत में लोग घण्टों बैंक के सामने कतार में खड़े हो रहे हैं ।

ताकि जीवन का हर क्षण निर्माण का सन्देश बन जाये

एक नये समाज एवं राष्ट्र का निर्माण करने के लिये नये मनुष्यों की जरूरत है। ऐसे मनुष्यों का जीवन वह दुर्लभ क्षण है, जिसमें हम जो चाहें पा सकते हैं। जो चाहें कर सकते हैं। यह वह अवस्था है, जहां से हम अपने जीवन को सही समझ दे सकते हैं।

भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में जगह मिली तो हिन्दी की कमर टूट जाएगी.

हमारी हिन्दी आज टूटने के कगार पर है. कुछ स्वार्थी लोगों ने भोजपुरी को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल करने की माँग तेज कर दी है. भोजपुरी क्षेत्र के दो माननीय सांसदों ने संसद में फिर से यह माँग की है. पिछले 8 अगस्त और इसके बाद 15 नवंबर को इस माँग के समर्थन में दिल्ली के जंतर मंतर पर धरना दिया गया.

गुजरात के चुनाव एवं आदिवासी समस्याएं

गुजरात में विधानसभा चुनाव को लेकर विभिन्न राजनीतिक दल सक्रिय हो गये हैं। ये चुनाव जहां भारतीय जनता पार्टी के लिए एक चुनौती बनते जा रहे हैं वहीं दूसरों दलों को भाजपा को हराने की सकारात्मक संभावनाएं दिखाई दे रही है।

माल्या सहित 63 बेईमानों के आगे स्टेट बैंक ने घुटने टेके

भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने भगोड़ा घोषित कारोबारी विजय माल्या समेत 63 कर्जदारों का करीब सात हजार करोड़ रुपये का बकाया लोन को डूबा हुआ मान लिया है। ये राशि एसबीआई के शीर्ष 100 लोन डिफाल्टरों (बकाया नहीं चुकाने वाले) पर बाकी कुल राशि का करीब 80 प्रतिशत है।
- Advertisment -
Google search engine

Most Read