Monthly Archives: April, 2019
पाकिस्तानी सीमा पर रहने वाली गायिका शीरिन फातिमा के साहस और सफलता की रोमांचक कहानी
नंदिनी दुबे - 0
अगले महीने हम अपने गांव वापस जा रहे हैं. मैं पहले की तरह ही फेसबुक, यूट्यूब पर अपने गाने अपलोड करती रहूंगी. मुझे उम्मीद है कि मेरी इन कोशिशों का मेरे गांव और बलतिस्तान के लोगों पर अच्छा असर पड़ेगा.
महावीर जयन्ती- 17 अप्रैल, 2019 :महावीर युग फिर से आए
भगवान महावीर की जयन्ती मनाते हुए हमें महावीर बनने का संकल्प लेना होगा। उन्होंने जीवन भर अनगिनत संघर्षों को झेला, कष्टों को सहा,
गणगौर- 8 अप्रैल पर विशेषः गणगौर है दाम्पत्य की खुशहाली का पर्व
गणगौर शब्द का गौरव अंतहीन पवित्र दाम्पत्य जीवन की खुशहाली से जुड़ा है। कुंआरी कन्याएं अच्छा पति पाने के लिए और नवविवाहिताएं अखंड सौभाग्य की कामना के लिए यह त्यौहार हर्षोल्लास के साथ मनाती हैं,
घर बैठे अपने आधार कार्ड में पता बदलें
आधार कार्ड अपडेट कराने के लिए भटक रहे लोगों के लिए खुशखबरी है। अब आप अपने आधार कार्ड पर दिए गए पते को ऑनलाइन ही बदल सकते हैं।
सत्ता और तंत्र को बेहद करीब से देखने वाले एक आईएएस अधिकारी के अनुभव
इस किताब में अनिल ने उत्तर प्रदेश के अपने अनुभवों से लेकर दिल्ली के अलग-अलग मंत्रालयों के अनुभवों के साथ पाकिस्तान और विदेशों के अनुभवों को भी सहेजा है.
धोखे का जाल बिछाकर लोगों के बैंक अकाउंट से लाखों रुपये उड़ा रहे जालसाज
नाइजीरियन प्रिंस स्कैम-यह इंटरनेट के सबसे पुराने स्कैम में से एक है। जाल में फंसाने वाले ऐसे ई-मेल आमतौर पर नाइजीरिया के प्रिंस, इनवेस्टर या सरकारी अधिकारी के नाम से आते हैं। इन ई-मेल में आपको बड़ा फायदा दिलाने का वायदा किया जाता है।
हर अच्छी कविता अपने समय की गवाही देती हैः अशोक बाजपेयी
कार्यक्रम का प्रारम्भ ‘परिवार पुरस्कार’ प्राप्त दिवंगत कवि विष्णु खरे और संस्था के आजीवन सदस्य विनोद गड़िया की स्मृति में दो मिनिट के मौन से हुआ I स्वागत भाषण किया ‘परिवार’ के कार्याध्यक्ष नंदकिशोर नौटियाल ने
चुनावी लोकतंत्र : बस, पांच कदम चलना होगा..
अरुण तिवारी - 0
मतदान की मशीन पर चुनने के लिए छपे हुए निशान भी पार्टियों के ही होते हैं। मतदाता भी अपना मत, उम्मीदवार से ज्यादा, पार्टियों को ध्यान में रखकर ही देता है। यह लोकसभा के लिए लोक-प्रतिनिधि चुनने का चुनाव है कि पार्टिंयां चुनने का ?
अशोक श्रीवास्तव ने योगेन्द्र यादव की धज्जियाँ उड़ा दी
आजकल ‘दूरदर्शन’ देखता कौन है? यह सवाल या कहें कि तंज चुनाव विश्लेषक से राजनेता बने योगेंद्र यादव के लिए परेशानी का सबब बन गया है। सोशल मीडिया पर उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
राष्ट्र, मनुष्य और संस्कृति का घोल राष्ट्रीयता :माखनलाल चतुर्वेदी
आनंद जोनवार - 0
किसान का सवाल लेख में शोषण अन्याय का प्रश्न उठाते हुए उन्होंने कहा था कि भारत के किसान की हालत क्या है?