Friday, May 10, 2024
spot_img

Monthly Archives: November, 2019

मध्यप्रदेश की राष्ट्रीय नागेश ट्रॉफी में धमाकेदार शुरुआत

टूर्नामेंट का सेकंड एडिशन 12 जगहों अगरतला, लखनऊ, पुणे, अहमदाबाद, भोपाल, कोच्चि, लुधिआना, मैसूर, अजमेर, फरीदाबाद, चेन्नई और पांडिचेरी में होगा |

नाटक और नुक्कड़ नाटक आज भी लोकप्रिय हैंः देवमाईत मिंज

हिंदी विभाग में आयोजन में छत्तीसगढ़ के राजगीत अरपा पैरी के धार की प्रस्तुति से कार्यक्रम का शुभारम्भ हुआ।

आधार कार्ड में अब बार बार बदलाव मुश्किल

आधार कार्ड को जारी करने वाली संस्था यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने आठ नवंबर से अपडेशन के नियमों में कई तरह के बदलाव कर दिए हैं।

गोइन्का राजस्थानी साहित्य पुरस्कार वितरण समारोह सम्पन्न

समारोह अध्यक्ष श्री राजेन्द्रसिंह राठौड़ जी ने सम्मानमूर्ति साहित्यकारों का अभिनन्दन किया तथा गोइन्का जी को साहित्यिक गतिविधयों के लिए बधाई देते हुए हिन्दी,

दिवाली क्या गई जीना हराम कर गई

उनकी सेहत की एक मात्र शुभ चिंतक याने उनकी धर्मपत्नी का सुबह घूमने जाने के लिए किया जाने वाला तगादा,जो उनके फेसबुक और व्हॉटसएप चलाते हुए दिनभर सोफे पर पड़े रहने

शिक्षा को प्रभावी बनाने के लिए राष्ट्र को भाषा की दरकार है !

किसी भाषा का व्यवहार में बना रहना उस समाज की जीवंतता और सृजनात्मकता को संभव करता है.

मांगलिक कार्य आरम्भ होने का दिन है ‘‘देवोत्थान एकादशी’’

प्रबोधिनी एकादशी अथवा देवोत्थान एकादशी के दिन भीष्म पंचक व्रत भी शुरू होता है, जो कि देवोत्थान एकादशी से शुरू होकर पांचवें दिन पूर्णिमा तक चलता है। इसलिए इसे इसे भीष्म पंचक कहा जाता है।

खुल के बोलो अभियान के ज़रिये सामने आई बच्चों की मासूमियत

निकेलोडियन अभियान #खुलकेबोलो न केवल बच्चों को बल्कि बड़ों को भी प्रेरित करता है तथा उन्हें बच्चों को प्रभावित करने वाले किसी सामाजिक बोझ को न डालने की अपील करता है। जैसे ही हम बड़े होते हैं,

छत्तीसगढ़ की आत्मा का संगीत : अरपा पैरी के धार

य हो जय हो छत्तीसगढ़ मैया की धुन सुनते ही लोग स्तंभित हो जाते हैं। जैसे कि राष्ट्र्गान के स्वर गूँज रहे हैं। वैसे भी वह राजगीत तो है ही। माता की ऐसी वंदना सचमुच बड़ी दुर्लभ बात है। यह कोई बिरला सपूत ही कर पाता है।

पानीपत ः गद्दारों का महिमा मंडन

आज सोचता हूँ , कि जिस प्रकार , भारत के सभी मुस्लिम शासक ,अब्दाली से जाकर मिल गये थे ,अगर जाट , राजपूत और सिक्ख मराठा झंडे ने नीचे आये होते , तो भारत भूमि का #नक्शा बहुत पहले ही बदल जाता ।
- Advertisment -
Google search engine

Most Read