Monthly Archives: March, 2020
ईश्वर से मिलना कैसे हो
तो जिस दिन मेरे अहंकार की बूंद इस विराट अस्तित्व के सागर में खोने को राजी हो जाती है, उसी दिन मैं उसे उपलब्ध हो जाता हूं,
एक यादगार शाम ‘कनाडा की उड़न तश्तरी’ के साथ
अवितोको रुम थिएटर की विभा रानी जी के घर “विस्थापन व पुनःस्थापन के बीच सृजन” पर हुई चर्चा के साथ शुरु हुआ ये कार्यक्रम जैसे जैसे आगे बढ़ता गया संवाद की रोचकता बढ़ती गई।
डॉ. मल्लिका जोन्नलगड्डा–पहाड़ की ऊंचाई छूने वाली महिला की कहानी
वह कहती हैं, ‘इस परियोजना ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और संयुक्त प्रयोगशाला कार्य के लिए तमाम दरवाजे खोलने में मदद की जिससे मुझे नए कौशल हासिल करने में मदद मिली। इस ने मुझे प्रतिष्ठित सीएनआरएस
जंगल से मिलेंगे देश को नए ‘चैंपियन’
टुडू के रग्बी टीम में एक लड़की अपने बच्चे की अकेले परवरिश करने वाली मां है और दो अन्य लड़कियां घरों में नौकरानी का काम करती हैं। इन प्रतिकूल परिस्थितियों से आने के बावजूद टुडू की इस टीम ने
लोक साहित्य में होती है जनता की आत्मा
डॉ. जैन ने कहा आज पर्यावरण बचाने के लिए सबसे पहले लोक चेतना को ही जगाने की आवाज़ बुलंद होती है। इस चेतना के प्रसार में लोक साहित्य की बड़ी भूमिका हो सकती है।
हजारों मंदिर नष्ट कर दिए मुस्लिम आक्रांताओं ने
कश्मीर के शासकसिकंदर ने मार्तण्ड सूर्य मंदिर, विश्य मंदिर,इसाना मंदिर, चक्रवत मंदिर, और त्रिपुरेश्वर मंदिरको लूटकर तोड़ दिया था।बंगाल के पाण्डुआ में कई मंदिरों को तोड़ करमंदिरों के अवशेष से जलालुद्दीन मुहम्मदशाहका मकबरा लक्खी मस्जिद बनाया गया।
बीबीसी को आईना दिखाया प्रसार भारती के सीईओ ने
प्रसार भारती के सीईओ ने बीबीसी के डायरेक्टर जनरल टोनी हॉल को भेजे अपने पत्र में बीबीसी की एकतरफा पत्रकारिता के लिए आलोचना करते हुए कहा है कि बतौर पब्लिक ब्रॉडकास्टर
गुमनामी के अंधेरे में खोने वाली इन 11 महिला वैज्ञानिकों को अब बच्चा-बच्चा जानेगा
तो किसी महिला ने विज्ञान में पहली बार डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। विज्ञान और तकनीक और महिला और बाल विकास मंत्रालय ने फैसला किया है
श्री सुधांशु शर्मा ने पदभार ग्रहण किया
भारतीय रेलवे में शामिल होने से पहले आपने सिविल इंजीनियरिंग के बाद वित्तीय प्रबंधन में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी (निर्माण) के रूप में अपनी नियुक्त्िा से पहले आप उत्तर पूर्व रेलवे,
होली के रंग कुछ ऐसे भी
आरिफा एविस - 0
राजनीतिक लोग आपस में आरोप-प्रत्यारोप के गुब्बारे आये दिन फेंकते रहते हैं. संसद में जुबानी गुलाल-अबीर की बौछार भी करते रहते हैं. इनकी एक खास पहचान है रंगहीन होते हुए भी ये सभी रंगों को मिलकर काला रंग बनाते है और ये स्याह लोग सफेदपोश कहलाते है .