Monthly Archives: July, 2020
गुरू पूर्णिमा का चन्द्रमा है
इसलिए हमने सूरज की बात छोड़ दी। वह थोड़ा ज्यादा है, शिष्य की सामर्थ्य के बिल्कुल बाहर है। इसलिए हमने बीच में गुरु को लिया है।
डाक विभाग ने मनाई डिजिटल इण्डिया की 5वीं वर्षगाँठ
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि डाकघरों में कोर इंश्योरेंस, कोर बैंकिंग, एटीएम जैसी तमाम आधुनिक सेवाओं के साथ-साथ 'इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक' के जरिये डाक विभाग अपने ग्राहकों को एनईएफटी/
हमारे बस में नहीं चीन का बहिष्कार
वैसे एक पुरानी कहावत है कि तुम सांप के बिल में हाथ डालो और तब तक मैं मंत्र पढ़ा हूं। हमारी सरकार भी यही कर रही है। हमें सोचना चाहिए कि हम दुनिया के सबसे बड़े दवा निर्माता है। जब दवा के पहले हम कच्चा माल चीन से
सिर्फ़ पचास करोड़ लोगों को ही मुफ़्त का अनाज नहीं चाहिए !
श्रवण गर्ग - 0
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि लॉक डाउन के दौरान नागरिकों ने जिस सतर्कता का पालन किया था वह अब लापरवाही में परिवर्तित होता दिख रहा है जबकि उसकी इस समय और भी ज़्यादा ज़रूरत है।
आर्य वीर दल एक प्रेरक प्रसंग
वी कालेज सेक्टर १० के छात्रावास के अतिथिगृह के एक कमरे में रहता था| उस समय कालेज के प्राचार्य श्री किशन सिंह जी आर्य थे| उन्होंने इन आर्य वीरों से मिलाने के लिए मुझे बुला भेजा| सायंकाल का समय था|
फ़िल्मी दुनिया में एकाधिकार, भाई भतीजा वाद, अवसरवादिता और अवसाद
इस मायानगरी में सफलता का कोई फिक्स फार्मूला नहीं है लेकिन समय की पाबंदी ,सही व्यवहार और अपने गुणों को और अर्जित करते जाना सफलता के मंत्र ज़रूर हैं। इतना ही ज़रूरी है सफलता को सर पर न लेना और असफलता
हर घंटे हमारे सनातन धर्म का बोध कराने वाली घड़ी
4:00 बजने के स्थान पर चतुर्वेद लिखा हुआ है जिसका तात्पर्य यह है कि वेद चार प्रकार के होते हैं -- ऋग्वेद यजुर्वेद सामवेद और अथर्ववेद।
अडिग आत्मविश्वास का अनोखा संगीत है मूकमाटी महाकाव्य – डॉ. चन्द्रकुमार जैन
प्रोफ़ेसर चंद्रकुमार जैन ने कहा कि आचार्य प्रवर का मूकमाटी महाकाव्य हिंदी साहित्य ही नहीं, विश्व साहित्य की अभूतपूर्व उपलब्धि है। यह आधुनिक हिंदी काव्य संसार का भी गौरव ग्रन्थ है। इसका पूरा परिवेश मानवतामय है।
ये जो गुरुकुलों में पढ़ाया जाता था…
यह वामपंथी लंपट यह नहीं बताएंगे कि कैसे अंग्रेजों के नीतियों के कारण भारत में लोग एक ही साथ 3000000 लोग भूख से मर गए कुछ दिन के अंतराल में ।
हम रोज जीते हैं हम रोज मरते हैं
सुमन परमार - 0
अबरार मुल्तानी का कहना है, “दर्द शरीर का मैसेज है। अगर हमें दर्द नहीं होगा तो हम जीवित नहीं रह पायेंगे। दर्द बताता है कि देखों यहाँ परेशानी है इसका इलाज़ करो। पेनकिलर खाकर हम ‘हमारे हमदर्द' का मुँह बंद कर देते हैं।