Monday, May 6, 2024
spot_img

Monthly Archives: December, 2021

क्या जीसस का जन्म सचमुच 25 दिसम्बर को ही हुआ था ?

जिसे विश्वास न हो जाकर Pope Benedict की book, Jesus of Nazareth: The Infancy Narratives पढ़ ले । वह कहते है कि जीसस चाहे 25 दिसम्बर को जन्मे हो या अब तक हज़ार सालो से उतपत्ति में आये अन्य 150 अन्य तिथियों के दिन यह विवाद का विषय नही है क्योकि जीसस का जन्म एक आध्यात्मिक जन्म है ।

राष्ट्र की सेवा ही ईश्वर की सेवा है

हम इजराइल जैसे छोटे से देश से सीख सकते हैं, जिसकी आबादी केवल 85 लाख है लेकिन वह दुश्मनों से घिरा हुआ है। प्रत्येक इजरायली नागरिक के लिए राष्ट्र से बड़ा कुछ भी नहीं है, और जब देश पर हमला होता है,

अपने अनुभव से नीति निर्धारण और विकास में योगदान दें पेंशनरः बिरला

कार्यक्रम में पेंशनर्स से अपने भावनात्मक रिश्तों की बात करते हुए स्पीकर बिरला ने कि आपके और मेरे संबंध पिता-पुत्र के समान हैं। मेरी पहली चुनावी जीत से लेकर आज तक मैंने जो भी हासिल किया उसमें पेंशनर्स की प्रेरणा,

अपनी ही अदालत में मुकदमा हारते रहे अटल जी !

ऐसा भारत जो भूख, भय, निरक्षरता और अभाव से मुक्त हो की कामना करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी एक समय मानते रहे हैं कि क्रांतिकारियों के साथ हमने न्याय नहीं किया, देशवासी महान क्रांतिकारियों को भूल रहे हैं,

पं. मदन मोहन मालवीयः अंग्रेजी राज में भारतीयता का परचम फहराया

उनके पुरखे उज्जैन के खेलड़ा ग्राम में रहते थे। मालवा से विशेष प्रेम के चलते उन्होंने अपना उपनाम चतुर्वेदी से बदलकर मालवीय कर लिया था।

स्वामी श्रद्धानन्द ने शुद्धि आंदोलन से जो किया वो करोड़ों की कथा करने वाले संत महात्मा नहीं कर पाए

स्वामी जी सधे क़दमों से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे। एक ओर मौलाना अब्दुल बारी द्वारा दिए गए बयान जिसमें इस्लाम को न मानने वालो को मारने की वकालात की गई थी के विरुद्ध महात्मा गांधी जी कि प्रतिक्रिया पक्षपातपूर्ण थी।

पहली कहानी -शक्तिहीन

वह वैश्या चौंक गई, उसने एक झटके से मेरी तरफ मुंह घुमाया। मैंने जीवन में पहली बार उसका चेहरा गौर से देखा। धब्बेदार चेहरे में उसकी आंखों के नीचे के काले घेरे आंसुओं से तर थे। वह मुझे घूर कर देखती हुई लेकिन डरे हुए शब्दों में बोली, "हां… आपको… ठीक लग रहा है।"

भारत को परमाणु शक्ति संपन्न बनाने वाले -भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व.अटल जी

अटल जी को अपने राजनैतिक जीवन में कई पुरस्कार प्राप्त हुए। जिसमें 1992 में पदम विभूषण , 1994 में लोकमान्य तिलक पुरस्कार , 1994 में श्रेष्ठ सांसद पुरस्कार , 1994 में भारतरत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

राजपूत, राजपुताना और राजपाटः लाखों राजपूतों की भीड़ ने सबकी नींद उड़ाई !

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत बोले कि क्षत्रिय वास्तव में एक संस्कार है, और राजपूत अपने विचार व व्यवहार से सभी को साथ लेकर चलने वाला समाज हैं। हालांकि शेखावत ने यह कहा कि यह कोई राजनीतिक मंच नहीं है।

न्यूजरूम के ‘इंडिया’ से अलग है हमारा ‘भारत’ : विजय मनोहर तिवारी

'भारत जैसा मैंने देखा : एक रिपोर्टर की डायरी' विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री विजय मनोहर तिवारी ने कहा कि भारत के हर हिस्से से आपको उसका एक अलग परिचय मिलता है।
- Advertisment -
Google search engine

Most Read