शोपियां मामले में यू-टर्न लेते हुए कश्मीर सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि शोपियां फायरिंग मामले में सेना के जवानों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में मेजर आदित्य कुमार का नाम नहीं है। कोर्ट मेजर आदित्य के पिता लेफ्टिनेंट कर्नल (रिटायर्ड) करमवीर सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें उन्होंने अपने बेटे के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी।
जम्मू और कश्मीर सरकार ने कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत की है जिसमें मेजर आदित्य का नाम उस एफआईआर में शामिल नहीं है, जिसे पुलिस ने फायरिंग मामले की जांच करने के लिए दर्ज किया था। तीन जजों की बेंच ने शोपियां फायरिंग मामले की जांच पर रोक लगा दी थी। इस मामले में मेजर की भूमिका थी या नहीं इसकी सुनवाई कोर्ट 24 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई में करेगी।
कोर्ट ने कहा- आदित्य सेना के एक जवान हैं और उनसे जम्मू और कश्मीर की पुलिस एक साधारण अपराधी की तरह व्यवहार नहीं कर सकती है। जम्मू और कश्मीर की सरकार ने कोर्ट में बताया कि मेजर आदित्य का नाम एफआईआर में आरोपी के तौर पर दर्ज नहीं है। हालांकि बेच ने कहा कि उनका नाम एफआईआर से जुड़ी घटना के वर्णन में शामिल किया गया है इसलिए उन्हें इस मामले से कभी भी जोड़ा जा सकता है।
पिछले महीने कोर्ट ने महबूबा मुफ्ती की सरकार को सेना के जवानों के खिलाफ सख्त कदम उठाने से रोक दिया था जिसमें मेजर आदित्या का नाम भी शामिल था। अपनी रिपोर्ट में मुफ्ती सरकार ने शिकायत की थी कि सेना उनके पत्रों का जवाब नहीं दे रही है और पूछा था कि क्या वो कानून से ऊपर हैं? या सेना के पास लोगों की जान लेने का लाइसेंस है?