केंद्र ने गुरुवार को एक ऐसे पोर्टल की शुरूआत की जहां कोई भी नागरिक बच्चों को अश्लील ढंग से पेश करने वाली सामग्री (पोर्नोग्राफी) अश्लीलता के प्रसार, अश्लील यौन सामग्री और ऑनलाइन यौन दुर्व्यवहार के बारे में शिकायत दर्ज करा सकता है. इससे स्वत: प्राथमिकी दर्ज हो जाएगी और अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई होगी. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पोर्टल ‘साइबरक्राइम डाट जीओवी डाट इन’ की शुरूआत की है .
गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव मदन एम ओबेराय ने बताया कि यह पोर्टल न केवल पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं बल्कि सिविल सोसाइटी संगठनों और जिम्मेदार नागरिकों की मदद करेगा. इसमें नागरिक बाल अश्लीलता एवं बाल लैंगिक दुर्व्यवहार सामग्री अथवा बलात्कार एवं सामूहिक बलात्कार से जुड़े यौन मामलों की गुमनाम शिकायत भी कर सकेंगे.
उन्होंने बताया कि महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ साइबर अपराध रोकथाम पोर्टल सुविधाजनक है और यह उपयोगकर्ता के अनुकूल है. इसमें शिकायतकर्ताओं को पहचान का खुलासा नहीं होगा. शिकायतकर्ता जांच में पुलिस की मदद के लिए आपत्तिजनक सामग्री और यूआरएल भी अपलोड कर सकते हैं. इस पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत शिकायतों को संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की पुलिस द्वारा निस्तारण किया जाएगा . पीड़ित या शिकायतकर्ता अपने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल कर “रिपोर्ट और ट्रैक” विकल्प चुनकर अपनी शिकायत पर हुई कार्रवाई को भी जान सकते हैं .
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) इस तरह की आपत्तिजनक सामग्री की सक्रियता से पहचान करेगा और संबंधित एजेंसियों से इसे हटाने के लिए कहेगा. इसके लिए, आईटी अधिनियम की धारा 79 (3) बी के तहत नोटिस जारी करने के लिए एनसीआरबी को पहले ही सरकारी एजेंसी के रूप में अधिसूचित किया गया है.