मुंबई। अपने सम्माननीय यात्रियों को स्वच्छ एवं हरित परिवहन उपलब्ध कराने में लगातार प्रयासों के क्रम में पश्चिम रेलवे ने ऊर्जा मंत्रालय के ब्यूरो आफ एफीशिएंसी द्वारा वर्ष 2018-19 के लिए आयोजित पुरस्कार की दो कोटियों में 3 प्रतिष्ठित राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार जीते। पश्चिम रेलवे को परिवहन कैटेगरी में प्रथम तथा राजकोट एवं भावनगर मंडल कार्यालयों में अपनाये गये ऊर्जा संरक्षण उपायों के लिए इंस्टीट्यूटशन कैटेगरी में क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार मिले। पश्चिम रेलवे के प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर श्री संजीव भूटानी ने नई दिल्ली में 14 दिसम्बर ,2019 को विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार के दौरान माननीय विद्युत और नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह से परिवहन कैटेगरी में प्रथम पुरस्कार ग्रहण किया।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी श्री रविंद्र भाकर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार पश्चिम रेलवे को यह उच्च सम्मान विशेष ऊर्जा खपत में महत्त्वपूर्ण सुधार के लिए दिया गया है, जो परिवहन कैटेगरी में ऊर्जा दक्षता को मापने का एक मानक है। कोस्टिंग बोर्ड का प्रावधान तथा फॉलिंग ग्रेडिएंट में ट्रेक्शन को बंद करने के लिए क्रू को परामर्श, लोड तथा सेक्शन अनुसार ट्रिप का निर्धारण तथा इसकी गहन मॉनिटरिंग, लाइट मोड में काम करते हुए मल्टीपल यूनिट में ट्रेलिंग लोको को बंद करना, 3 फेज वाले ईएमयू एवं इलेक्ट्रिक लोको में रीजेनेरेटिंग ब्रेकिंग का 100 प्रतिशत प्रयोग, 30 मिनट से ज्यादा खड़े लोको को बंद करना तथा 15 मिनट से ज्यादा खड़े लोको की आक्जलरी मशीन को बंद करना, ऊर्जा की बचत के लिए लोको पायलट की ड्राइविंग तकनीक तथा ऊर्जा प्रभाव, क्रू की मानिटरिंग और ड्राइविंग तकनीक को सुधारने के लिए उसकी काउंसलिंग जैसे विभिन्न उपायों के जरिये पश्चिम रेलवे ने अपने उर्जा व्यय में उल्लेखनीय कमी की। यह उल्लेखनीय है कि इन उपायों के फलस्वरूप विशेष ऊर्जा खपत में गहन सुधार हुआ यानि रेलवे ट्रेक्शन में 2017-18 के दौरान 5.95 के बजाय 2018-19 में कैरिंग लोड के लिए 5.49 kwh/1000gtkm रहा।
श्री भाकर ने बताया कि इंस्टीट्यूटशन कैटेगरी में राजकोट एवं भावनगर मंडल ने नॉन ट्रेक्शन क्षेत्र में अपने मंडलों पर ऊर्जा दक्षता को प्रमोट करने के लिए द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार मिला है।
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