नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन (NDHM) के तहत देश के हर नागरिक को आधार कार्ड (Aadhaar card) की तरह डिजिटल हेल्थ आईडी (Digital Health ID) प्रदान की जाएगी। इसमें पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड सिस्टम के जरिए उसके स्वास्थ्य की तमाम जानकारी रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2020 को NDHM शुरू करने की घोषणा की थी।
इस हेल्थ आईडी में हर नागरिक की बीमारी का पूरा रिकॉर्ड रखा जाएगा। उसने किस डॉक्टर से इलाज करवाया और इस दौरान उसे कोई सी दवा दी गई, इसका पूरा रिकॉर्ड इस आईडी में रहेगा। पोर्टेबल होने की वजह से मरीजों के लिए इसे साथ रखना भी आसान होगा। इसमें आधार कार्ड और मोबाइल नंबर का उल्लेख भी होगा। हेल्थ आईडी कार्ड का नंबर भी आधार कार्ड की तरह हर व्यक्ति के लिए यूनिक होगा।
एनडीएचएम के तहत एक लाख से ज्यादा यूनिक हेल्थ आईडी बनाए जा चुके हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर छह राज्यों में इसकी शुरुआत हो चुकी है।
डिजिटल हेल्थ मिशन से देश की जीडीपी में बढ़ोतरी होगी। इसके तहत जीडीपी में 250 अरब डॉलर एकत्रित होंगे।
केंद्र सरकार के अनुसार, डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड को पूरी तरह गोपनीय रखा जाएगा।
इस योजना से मरीजों को अच्छी सुविधाएं मिलेंगी और डॉक्टर सही तरीके से उनका इलाज कर पाएंगे।
एनडीएचएम के छह प्रमुख अंग है। हेल्थ आईडी, डिजिटल डॉक्टर, हेल्थ फेसिलिटी रजिस्ट्री, पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड्स, ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसीन।
यह रिकॉर्ड तय व्यक्ति तक ही सीमित रहेगा। जब एक व्यक्ति अपने रिकॉर्ड को देखने की अनुमति देगा, तभी दूसरा व्यक्ति या डॉक्टर उस नागरिक की सारी जानकारी देख पाएगा।