तीन दिवसीय अखिल भारतीय कालिदास समारोह देव प्रबोधिनी एकादशी (25 नवंबर) से प्रारंभ होगा। उद्घाटन कालिदास संस्कृत अकादमी के पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल हॉल में शाम 4 बजे बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर करेंगी। अध्यक्षता उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव करेंगे। पहले दिन कालिदास साहित्य में वर्णित नायिकाओं पर आधारित संस्कृत नाटक दीपशिखा का मंचन सतीश दवे के निर्देशन में होगा। दूसरे दिन शर्मा शर्मा के निर्देशन में हिंदी नाटक मालविकाग्निमित्र और तीसरे दिन प्रज्ञा गढ़वाल के निर्देशन में मालवी नृत्यनाटिका ऋतुसंहार का मंचन होगा। ये तीनों प्रस्तुतियां शाम 7 बजे से पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल में होगी।
उद्घाटन से एक दिन पहले अकादमी ने रामघाट पर कलश पूजन किया और फिर प्रतीकात्मक यात्रा निकाल कलश को कालिदास अकादमी में स्थापित किया। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेशकुमार पांडेय, कालिदास समिति के सचिव प्रो. शैलेंद्रकुमार शर्मा, अकादमी की प्रभारी निदेशक प्रतिभा दवे, एसडीएम राकेशमोहन त्रिपाठी, नायब तहसीलदार भूमिका जैन, रूप पमनानी, ओम जैन उपस्थित थे। इस अवसर पर विधायक पारस जैन ने ज्योतिषविद् पं. आनंदशंकर व्यास का सम्मान किया। पं. व्यास ने कहा कि समारोह का मूल उद्देश्य संपूर्ण विश्व में संस्कृत संबंधी कार्य को एक मंच पर लाना है। पूर्व में महाकाल मंदिर और योगेश्वर टेकरी से मेघदूत के श्लोकों का प्रसारण होता था, वह दोबारा शुरू किया जाना चाहिए।
समारोह अंतर्गत मंगलवार शाम पं. सूर्यनारायण व्यास संकुल हॉल में नांदी कार्यक्रम अंतर्गत उज्जैन के नगाड़ा वादक नरेंद्र कुशवाह और लोक गायक सुंदरलाल मालवीय ने साथी कलाकारों के साथ प्रस्तुति दी। कार्यक्रम कोविड-19 गाइडलाइन पालन करते हुए किया गया। बताया कि कालिदास समारोह के उद्घाटन के साथ राष्ट्रीय चित्र एवं मूर्तिशिल्प कला की प्रदर्शनी का उद्घाटन भी होगा। ये प्रदर्शनी 1 दिसंबर तक सुबह 10 से रात 8 बजे तक लोग देख सकेंगे। इस प्रदर्शनी का अवलोकन यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से भी किया जा सकेगा। समारोह के तीनों दिन अभिरंग नाट्यगृह में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी भी होगी।