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बचपन बचाओ आंदोलन ने हौजखास व साकेत एसडीएम के साथ मिलकर नौ बाल मजदूर छुड़ाए

दिल्‍ली। नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी द्वारा स्‍थापित बचपन बचाओ आंदोलन ने हौजखास एसडीएम व साकेत एसडीएम के साथ संयुक्‍त छापामार कार्रवाई में नौ बाल मजदूरों को मुक्‍त करवाया है। दो स्‍थानों पर की गई इस संयुक्‍त छापामार कार्रवाई में पुलिस सिविल डिफेंस, लेबर डिपार्टमेंट, चाइल्‍ड लाइन और दिल्‍ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग के लोग भी शामिल थे। साथ ही दो इकाइयों को मौक पर ही सील कर दिया है।

मुक्‍त करवाए गए बाल मजदूरों में आठ लड़के और एक लड़की है। ये सभी उत्‍तर प्रदेश, बिहार व नेपाल के रहने वाले हैं। 11 से 17 साल के इन बच्‍चों से 10 से 13 घंटे तक काम करवाया जाता था। मजदूरी के नाम पर इन्‍हें सिर्फ 20 रुपए, 50 रुपए या 100 रुपए मिलते थे। बाल मजदूरों को बचाने की कार्रवाई में यह पहली बार हुआ है कि मुक्‍त करवाए गए बच्‍चों का आधार कार्ड बनवाया गया और बैंक खाता भी खोला गया।

मुक्‍त करवाने के बाद सभी बच्‍चों का मेडिकल करवाया गया और फिर चाइल्‍ड वेलफेयर कमेटी(सीडब्‍ल्‍यूसी) के सामने पेश किया गया। सीडब्‍ल्‍यूसी के आदेश पर सभी बच्‍चों को शेल्‍टर होम भेजा गया है।

हौजखास एसडीएम व साकेत एसडीएम ने पुलिस को बॉन्‍डेड लेबर एक्‍ट, चाइल्‍ड लेबर एक्‍ट, जेजे एक्‍ट और ट्रैफिकिंग एक्‍ट के तहत केस दर्ज करने का आदेश दिया है।
बाल मजदूरी की स्थिति पर चिंता जताते हुए ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के निदेशक मनीश शर्मा ने कहा, ‘बच्‍चों को बालश्रम और बाल शोषण से बचाने के कानून होने के बाद भी लोग बच्‍चों से मजदूरी करवा रहे हैं। यह बच्‍चों का शोषण है। चाइल्‍ड ट्रैफिकर्स बच्‍चों को दूसरे राज्‍यों से लाते हैं और फिर उन्‍हें बालश्रम में लगा देते हैं। यह बच्‍चों के प्रति एक गंभीर अपराध है। सरकार को चाहिए कि वह बच्‍चों को सुरक्षित करे। साथ ही सुरक्षा एजेंसियों को और भी ज्‍यादा सजग होकर काम करना होगा।’ ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के निदेशक मनीश शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि चाइल्‍ड ट्रैफिकिंग पर रोक लगाने के लिए वह जल्‍द से जल्‍द एंटी ट्रैफिकिंग बिल को संसद में पास करवाए।

मीडिया संपर्क
इला तिवारी 8595950820

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