मुंबई का छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) भारत की ऎतिहासिक धरोहरों में माना जाता है। वर्तमान में यूनेस्को विश्व धरोहर विरासत में भी शामिल हो चुका सीएसटी भारत का सबसे व्यवस्त रेल्वे स्टेशन है। क्वीन विक्टोरिया की गोल्डन जुबली पूरी होने के उपलक्ष्य में बनाए गए इस रेल्वे स्टेशन का नामकरण विक्टोरिया टर्मिनस किया गया था। 20 जून 1887 को इसे शुरू किया गया।
1996 में केन्द्रीय रेलमंत्री सुरेश कलमाड़ी द्वारा इस स्टेशन का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस कर दिया गया। इटेलियन मार्बल तथा पॉलिश्ड भारतीय ब्लू स्टोन से बनाया गया छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) में भारतीय और ब्रिटिश आर्किटेक्ट शैली की कुशल संगम दिखाई देता है। यहां के हर गेट पर एक शेर (ब्रिटेन का प्रतीक) तथा चीता (भारत का प्रतीक) दिखाई देता है। साथ ही यहां क्वीन विक्टोरिया की प्रतिमा भी स्थापित की गई थी जिसे आजादी के बाद हटा दिया गया। विक्टोरियन गोथिक स्टाइल में बनाए गए इस टर्मिनल की खासियत यहां का खास लुक तथा यहां का भारी-भरकम इन्फ्रास्ट्रक्चर है। वर्तमान में यहां पर 18 रेल्वे प्लेटफॉर्म हैं जिनमें 11 लंबी दूरियों की ट्रेनों के लिए तथा 7 लोकल ट्रेनों के लिए काम में लिए जाते हैं