Friday, May 17, 2024
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सबसे पहले न्यूज देने की होड़ सबसे बड़ा खतरा : टंडन

नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के 59वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष व्याख्यान को संबोधित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार एवं प्रसार भारती बोर्ड के सदस्य श्री अशोक टंडन ने कहा कि सबसे पहले न्यूज देने की होड़ मीडिया और समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा है। उन्होंने कहा कि बिना जांचे और परखे खबर को प्रसारित करने से सामाजिक सौहार्द और शांति पर बुरा असर पड़ता है। किसी भी खबर को देने से पहले पत्रकारों को इस बारे में जरूर सोचना चाहिए। इस अवसर पर संस्थान की महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर, अपर महानिदेशक डॉ. निमिष रुस्तगी, डीन अकादमिक प्रो. गोविंद सिंह एवं आउटरीच विभाग के प्रमुख प्रो. प्रमोद कुमार सहित अन्य संकाय सदस्य भी विशेष तौर पर उपस्थित थे।

‘सामाजिक सौहार्द एवं शांति को बढ़ावा देने में मीडिया की भूमिका’ विषय पर विचार व्यक्त करते हुए श्री अशोक टंडन ने कहा कि कोई भी देश तब तक तरक्की नहीं कर सकता, जब तक वहां शांति का माहौल न हो। ऐसे में हमारे देश में जब तनाव की स्थिति बनती है, तो मीडिया की कैसी भूमिका होनी चाहिए, यह बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। शांति और भाईचारे को कायम रखने में मीडिया की भूमिका सबसे अहम होती है। उन्होंने कहा कि हम सबका एक ही लक्ष्य होना चाहिए कि खबर से समाज में किसी तरह का विपरीत प्रभाव न पड़े और शांति का माहौल बना रहे। अगर शांति कायम रहेगी, तो देश तरक्की राह पर तेजी से बढ़ पाएगा।

श्री टंडन के अनुसार भारत में मीडिया की भूमिका हमेशा सकारात्मक रही है। मानव अधिकारों को लेकर मीडियाकर्मी ज्यादा संवेदनशील हैं। मानवाधिकारों से जुड़े कई प्रमुख विषयों को मीडिया लगातार उजागर कर रहा है, जिसके कारण समाज में जागरुकता पैदा होती है। उन्होंने कहा कि मीडिया को बड़ी ताकत के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी मिली है, जिसका ध्यान प्रत्येक मीडियाकर्मी को रखना चाहिए।

इस अवसर पर आईआईएमसी की महानिदेशक डॉ. अनुपमा भटनागर ने कहा कि भारतीय जन संचार संस्थान ने आज अपने गौरवशाली इतिहास के 59 वर्ष पूरे किए हैं। आईआईएमसी ने मीडिया शिक्षण, प्रशिक्षण और शोध के क्षेत्र में एक अलग जगह बनाई है। आईआईएमसी के सभी पूर्व महानिदेशकों, श्रेष्ठ प्राध्यापकों, अधिकारियों और कर्मचारियों के अथक प्रयास से ही हम लगातार कई वर्षों से मीडिया शिक्षण के क्षेत्र में पहले स्थान पर हैं।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. रचना शर्मा ने किया एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ. निमिष रुस्तगी ने दिया। आयोजन में संस्थान के समस्त अधिकारियों, प्राध्यापकों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।

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