Monday, May 20, 2024
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देशभर के किसान ‘आयुर्वेद फॉर वन हेल्थ’ अभियान का हिस्सा बन रहे हैं

देशभर के किसानों को ‘आयुर्वेद दिवस’ के ‘आयुर्वेद फॉर वन हेल्थ’ अभियान से लगातार जोड़ा जा रहा है।

आरसीएफसी (क्षेत्रीय सह सुविधा केन्द्र), एसएमपीबी (राज्य औषधीय पादप बोर्ड) जैसे संगठन पौधों के औषधीय और आर्थिक मूल्य के बारे में किसानों में जागरूकता सृजित कर रहे हैं।
एनएमपीबी (राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड) के माध्यम से किसानों को ‘आयुर्वेद दिवस’ से जोड़ने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया जा रहा है।

किसान 10 नवंबर 2023 को ‘आयुर्वेद दिवस’ कार्यक्रम में प्रमुख सहभागी होंगे। इस आयोजन की एक प्रमुख विषयवस्तु ‘किसानों के लिए आयुर्वेद’ है। आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों और पौधों की खेती को अपनी आजीविका का हिस्सा बनाकर किसान आत्मनिर्भर और सशक्त बन सकते हैं। औषधीय पौधों के आर्थिक महत्व के बारे में किसानों को जागरूक करने का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। किसानों को एनएमपीबी (राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड) के माध्यम से औषधीय पौधों की खेती में उपयोग की जाने वाली विशेष तकनीकों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। ‘आयुर्वेद दिवस’ के ‘आयुर्वेद फॉर वन हेल्थ’ अभियान से जुड़कर भारत के किसान ‘किसानों के लिए आयुर्वेद’ विषय को व्यापक रूप से समझ सकेंगे।

‘आयुर्वेद दिवस’ का मुख्य कार्यक्रम 10 नवंबर, 2023 को हरियाणा के पंचकूला में आयोजित होना निर्धारित है। देश भर के किसान इस आयोजन में हिस्सा ले सकते हैं और औषधीय पौधों की खेती के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। ‘एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद’ अभियान के तहत, देश भर के किसानों को बैठकों, परस्पर वार्ताओं, कार्यक्रमों और संचार के विभिन्न साधनों का उपयोग करके संवेदनशील बनाया जा रहा है। आयुर्वेद दिवस के आयोजन के लिए नोडल एजेंसी सीसीआरएएस (केंद्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) द्वारा एक माइक्रो वेबसाइट www.ayurvedaday.org.in विकसित की गई है। विश्व भर के आगंतुक ‘आयुर्वेद दिवस’ के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए वेबसाइट पर जा सकते हैं और ‘एक स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद’ अभियान से संबंधित विभिन्न चल रही गतिविधियों का हिस्सा बन सकते हैं।

आयुष मंत्रालय ‘आयुर्वेद दिवस’ को सफल बनाने में सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। छात्रों और युवाओं के अतिरिक्त देश भर के किसानों को ‘आयुर्वेद दिवस’ अभियान से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। देशभर से किसानों को समूह बैठकों, व्यक्तिगत परस्पर वार्ताओं, व्याख्यान और कार्यशालाओं के माध्यम से इस अभियान से जोड़ा जा रहा है। देश भर में स्थित सात आरसीएफसी (क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र) और 37 एसएमपीबी (राज्य औषधीय पादप बोर्ड) किसानों को ‘आयुर्वेद दिवस’ अभियान से जोड़ने के लिए काम कर रहे हैं। इन केंद्रों से जुड़े सहयोगी घर-घर जाकर किसानों को औषधीय पौधे वितरित कर रहे हैं और किसानों की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रहे हैं। आयुष मंत्रालय से जुड़े सभी संस्थान और विभिन्न मंत्रालयों की टीमें ‘आयुर्वेद दिवस’ को वैश्विक आयोजन के रूप में मनाने की निरंतर तैयारी कर रही हैं।

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