दो भारतीयों की तकनीक चुराने के आरोप में प्रसिद्ध एप्पल कंपनी पर एक अमरीकी न्यायालय ने 1 23.40 करोड़ डॉलर (करीब 1,478 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया है। कंपनी को यह रकम यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉन्सिन मेडिसन को देनी होगी। न्यायालय ने माइक्रोप्रोसेसर तकनीक का पेटेंट चुराने के आरोप कंपनी पर यह जुर्माना लगाया है। इस तकनीक को विकसित करने वाली यूनिवर्सिटी की टीम में दो भारतीय मूल के अमरीकी गुरिंदर सोही और टीएन विजय कुमार शामिल थे।
इन दोनों ने ही इस तकनीक को विकसित किया था। इसके बाद शोध दल ने इसका पेटेंट करा लिया था। इस तकनीक के इस्तेमाल से एप्पल की चिप के काम करने की क्षमता जबरदस्त ढंग से बढ़ गई, और कंपनी अपने निकटतम प्रतियोगियों के मुकाबले काफी आगे निकल गई। जांच के दौरान न्यायालय ने यह भी पाया कि विश्वविद्यालय के रिसर्च फाउंडेशन ने कंप्यूटर प्रोसेसिंग की गति और क्षमता बढ़ाने वाली इस नई तकनीक के पेटेंट का दावा पहले ही कर रखा था। इस ए-7, ए-8 और ए-8 एक्स तकनीकी चिप को एप्पल फिलहाल आईफोन 5एस, 6 और नए उत्पाद 6एस में भी इस्तेमाल कर रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन मेडिसन की चार सदस्यों वाली टीम में भारतीय मूल के गुरिंदर सोही और टीएन विजयकुमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। दोनों भारतीय बिट्स-पिलानी के छात्र रह चुके हैं।