प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ की लोकप्रियता बढ़ी है, साथ ही इस कार्यक्रम ने 30.80 करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया है। इस बात की जानकारी राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने दी।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम से सबसे अधिक आय 2017-18 में 10.64 करोड़ रुपए हुई।
बता दें कि ‘मन की बात’ कार्यक्रम का प्रसारण विभिन्न आकाशवाणी और दूरदर्शन के चैनलों पर महीने के अंतिम रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे किया जाता है।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि प्रसार भारती ने अपने आकाशवाणी, दूरदर्शन नेटवर्क और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी आज की तारीख तक ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 78 एपिसोड के प्रसारण किए हैं। यह कार्यक्रम विभिन्न भाषाओं और उसके बाद बोलियों में भी प्रसारित किया जा रहा है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य राकेश सिन्हा ने प्रश्न किया था कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम से रेडियो की लोकप्रियता में वृद्धि हुई है और इसका पुनरुद्धार हुआ है। इसके जवाब में सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘जी, हां।’ उन्होंने कहा कि ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम के माध्यम से देशभर की जनता तक पहुंचने के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक अनूठी पहल है। यह कार्यक्रम प्रत्येक नागरिक को प्रधानमंत्री के रेडियो संबोधन के जरिए जुड़ने, सुझाव देने और सहभागी शासन का हिस्सा बनने का अवसर प्रदान करता है।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि दूरदर्शन के 34 चैनल और लगभग 91 निजी सैटेलाइट टीवी चैनल पूरे भारतवर्ष में इस रेडियो कार्यक्रम का प्रसारण करते हैं और इसके दर्शकों की संख्या 11.8 करोड़ है और यह वर्ष 2020 में 14.3 करोड़ लोगों को सुलभ था। उन्होंने कहा, ‘इससे परंपरागत रेडियो में फिर से रुचि और जागरूकता उत्पन्न हुई है।’
यह पूछे जाने पर कि वर्ष 2017-18, 2018-19, 2019-20, 2020-21 में आकाशवाणी द्वारा कितना-कितना राजस्व अर्जित किया गया, ठाकुर ने बताया, ‘2017-18 में 10,64,27,300 करोड़ रुपए, वर्ष 2018-19 में 7,47,00,000 करोड़ रुपए, वर्ष 2019-20 में 2,56,00,000 करोड़ रुपए और 2020-21 में 1,02,00,000 रुपए अर्जित किए गये।’
एक अन्य सवाल के लिखित जवाब में सूचना-प्रसारण मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में अपनी शुरुआत से अब तक ‘मन की बात’ से 30.80 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल हुआ है। सबसे अधिक राजस्व 2017-18 के दौरान हासिल हुआ, जबकि सबसे कम राजस्व 2020-2021 में आया। हालांकि उन्होंने दोहराया कि प्रधानमंत्री के ‘मन की बात’ कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य दिन-प्रतिदिन शासन के मु्द्दों पर नागरिकों के साथ संवाद स्थापित करना है।