Friday, April 26, 2024
spot_img
Homeदुनिया भर कीदेश के डेढ़ सौ से ज्यादा आईएस आईपीएस व पूर्व राज्यपालों ने...

देश के डेढ़ सौ से ज्यादा आईएस आईपीएस व पूर्व राज्यपालों ने सीएए के समर्थन में राष्ट्रपति को पत्र लिखा

देश के डेढ़ सौ से ज्यादा विशिष्ट नागरिकों ने मिलकर CAA-NRC-NPR के समर्थन की घोषणा की है। इन्होंने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर CAA-NRC-NPR के खिलाफ चलाये जा रहे प्रोपगैंड़ा पर भी चिंता जाहिर की है। सीएए के समर्थन में पत्र लिखने वाले नागरिकों में विभिन्न हाईकोर्ट के 11 पूर्व जज, 24 रिटायर्ड आईएएस अधिकारी, 11 आईपीएस अधिकारी, 11 आईएफएस अधिकारी और 18 पूर्व उप-राज्यपाल समेत कई पूर्व सैन्य अधिकारी शामिल हैं।

पत्र में इन जानी-मानी हस्तियों ने राष्ट्रपति को CAA-NRC-NPR के नाम पर चल रहे प्रदर्शनों के प्रति सचेत रहने और जांच की अपील की है। इन हस्तियों ने इन प्रदर्शनों को देश की अखंडता और एकता के लिए खतरा बताते हुए लिखा है कि “इनके पीछे एक बारीक बुनी हुई साजिश छिपी है। हमें पूर्ण संशय है कि बाहरी ताकतें हालात बिगड़ाने में शामिल हैं।”

इस पत्र में आगे लिखा है कि पिछले 6 साल में देश के सुरक्षा और विकास को लेकर जो लंबे समय से लंबित पड़े फैसले लिये गये हैं। उनसे कुछ लोगों को असुरक्षा महसूस होने लगी है। लिहाजा अपने फायदे के लिए इन लोगों ने सरकार के खिलाफ झूठ का कैंपेन शुरू कर दिया है। जोकि देश को, खासतौर पर युवाओं को गुमराह किया जा रहा है।

देश को अस्थिर करने की साजिश पर पत्र में लिखा गया है कि “देश के इतिहास में जब भी बाहरी शक्तियों ने हमला किया है। इसकी पीछे देश के अंदर ही छिपे कुछ लोगों का हाथ रहा है, जो अपने फायदे के लिए देश की एकता और अखंडता को निशाना बनाते रहे हैं। इस मामले में भी ऐसा ही प्रतीत हो रहा है।”

सीएए के समर्थन में आये इन हस्तियों में सिक्किम हाईकोर्ट के जस्टिस रहे प्रमोद कोहली, पूर्व डिफेंस सेक्रेटरी योगेद्र नारायण, पूर्व रॉ चीफ संजीव कुमार त्रिपाठी, केरल के चीफ सेक्रेटरी रहे सीवी आनंद बोस, केरल के पूर्व डीजीपी आर पदमनाभन, पुद्दूचेरी के वाइस-चांसलर गुरमीत सिंह शामिल हैं।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार