पानी की बर्बादी को लेकर गांव देहात में रिवर्स ओसमोसिस (RO) लगाने के खिलाफ दाखिल एक एनजीओ की याचिका पर एनजीटी ने केंद्र से जवाब मांगा है । एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली बेंच ने मिनिस्ट्री ऑफ वॉटर रिसोर्सिस को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई की तारीख 4 अगस्त तक जवाब देने के लिए कहा है। एनजीओ ने अपनी याचिका में कहा है कि प्रति लीटर प्यूरीफाइड वॉटर के लिए फिल्टर से करीब तीन से चार लीटर पानी बर्बाद हो जाता है जिसकी वजह से करीब 80 फीसदी पानी बर्बाद हो रहा है।
फ्रेंड्स नाम की एनजीओ ने आरोप लगाया कि हेमा मालिनी और सचिन तेंडुलकर जैसे सेलेब्रिटी प्यूरिफायर का प्रचार कर रहे हैं जिससे आम आदमी पर असर पड़ता है और वह इन्हें खरीदना शुरू कर देते हैं। प्यूरिफिकेशन की ग्रोथ की वजह से ग्राउंड वॉटर प्रदूषित हो रहा है। एडवोकेट सुग्रीव दुबे के जरिए दाखिल याचिका में यह भी कहा गया है कि विभिन्न गांवों में RO सिस्टम लगाए जा रहे हैं और गरीब गांव वालों को मजबूरन उनसे पानी खरीदना पड़ रहा है।