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भारत 77वें कान फिल्म महोत्सव (14-25 मई) में भाग लेगा
77वें कान फिल्म महोत्सव में ‘भारत पर्व’ मनाया जाएगा
एनआईडी, अहमदाबाद द्वारा डिजाइन भारत मंडप को क्रिएट इन इंडिया की इस वर्ष की थीम को दर्शाने के लिए ‘द सूत्रधार’ नाम दिया गया है
पायल कपाड़िया की ‘ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट’ एक भारतीय फिल्म है जिसे प्रतियोगिता अनुभाग में 30 वर्षों बाद शामिल किया गया है
इसमें नवंबर 2024 में होने वाले 55वें आईएफएफआई और प्रथम विश्व ऑडियो-विजुअल एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) के ‘सेव द डेट’ के पोस्टर और ट्रेलर लॉन्च होंगे
कान फिल्म महोत्सव में यह भारत के लिए एक विशेष वर्ष है क्योंकि देश इस प्रतिष्ठित महोत्सव के 77वें संस्करण के लिए तैयार है। भारत सरकार, राज्य सरकारों, फिल्म उद्योग के प्रतिनिधियों वाला कॉर्पोरेट भारतीय प्रतिनिधिमंडल महत्वपूर्ण पहलों की एक श्रृंखला के माध्यम से दुनिया के अग्रणी फिल्म बाजार मार्चे डु फिल्म्स में भारत की रचनात्मक अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन करेंगे।
ऐसा पहली बार होगा जब देश 77वें कान फिल्म महोत्सव में “भारत पर्व” की मेजबानी करेगा जिसमें इस महोत्सव में भाग लेने वाले दुनिया भर के प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति और प्रतिनिधि फिल्मी हस्तियों, फिल्म निर्माताओं, निर्देशकों, खरीदारों और बिक्री एजेंटों के साथ जुड़ सकेंगे। इसमें विभिन्न स्तरों पर रचनात्मक अवसरों के साथ ही रचनात्मक प्रतिभाओं का प्रदर्शन किया जाएगा। इस भारत पर्व में 20 से 28 नवंबर, 2024 तक गोवा में आयोजित होने वाले 55वें भारत अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के आधिकारिक पोस्टर और ट्रेलर का अनावरण किया जाएगा। भारत पर्व में 55वें आईएफएफआई के साथ आयोजित होने वाले प्रथम विश्व ऑडियो-विजुअल एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (वेव्स) के लिए “सेव द डेट” का विमोचन भी होगा।
108 विलेज इंटरनेशनल रिवेरा में 77वें कान फिल्म महोत्सव में भारत मंडप का उद्घाटन 15 मई 2024 को प्रख्यात फिल्मी हस्तियों की मौजूदगी में किया जाएगा। कान में भारत मंडप भारतीय फिल्म समुदाय के लिए विभिन्न गतिविधियों में शामिल होने के लिए एक मंच के रूप में कार्य करता है, जिसमें उत्पादन कार्य में सहयोग को बढ़ावा देना, क्यूरेटेड ज्ञान सत्र, वितरण सौदे कराना, स्क्रिप्ट की सुविधा, बी2बी बैठकें और दुनिया भर के प्रमुख मनोरंजन व मीडिया कर्मियों के साथ नेटवर्किंग शामिल है। इस मंडप का आयोजन राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) उद्योग भागीदार के रूप में भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से करेगा। भारतीय फिल्म उद्योग को अन्य फिल्मी हस्तियों से जुड़ने और सहयोग प्रदान करने के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के माध्यम से मार्चे डु कान में एक ‘भारत स्टॉल’ लगाया जाएगा।
राष्ट्रीय डिजाइन संस्थान, अहमदाबाद द्वारा डिजाइन भारत मंडप को इस वर्ष की थीम “क्रिएट इन इंडिया” को दर्शाने के लिए इसे ‘द सूत्रधार’ नाम दिया गया है। इस वर्ष कान फिल्म महोत्सव में भारत की उपस्थिति खास है जो इसके समृद्ध इतिहास और रचनात्मकता के परिदृश्य को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर एक दिशा को दर्शाता है।
सुर्खियों में, पायल कपाड़िया की प्रसिद्ध कृति “ऑल वी इमेजिन एज़ लाइट” दर्शकों को लुभाने और प्रतिष्ठित पाल्मे डी’ओर के लिए प्रतिस्पर्धा करने को तैयार है। यह विशेष रूप से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि तीन दशकों के बाद एक भारतीय फिल्म कान फिल्म महोत्सव के आधिकारिक चयन के प्रतियोगिता खंड में शामिल हुई है। यह सिनेमाई परिदृश्य ब्रिटिश-भारतीय फिल्म निर्माता संध्या सूरी की “संतोष” में मार्मिक कथा, डायरेक्टर्स फोर्टनाइट में अन सर्टेन रिगार्ड के साथ-साथ करण कंधारी की विचारोत्तेजक “सिस्टर मिडनाइट” और एल’एसिड में मैसम अली की सम्मोहक “इन रिट्रीट” से समृद्ध हुआ है।
भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के छात्र की फिल्म “सनफ्लॉवर्स वेयर फर्स्ट वन्स टू नो” को ला सिनेफ प्रतिस्पर्धा खंड में चुना गया है। कन्नड़ में बनी यह लघु फिल्म दुनिया भर से आई प्रविष्टियों के बीच चुनी गई और अब अंतिम चरण में पहुंची 17 अन्य अंतर्राष्ट्रीय लघु फिल्मों के साथ प्रतिस्पर्धा करेगी।
इसके अलावा, इस महोत्सव में श्याम बेनेगल की ‘मंथन’, जो अमूल डेयरी सहकारी आंदोलन पर केंद्रित फिल्म है, को शास्त्रीय अनुभाग में प्रस्तुत किया जाएगा जो इस महोत्सव के भारतीय लाइनअप में ऐतिहासिक महत्व का स्पर्श जोड़ेगी। इस फिल्म के रीलों को मंत्रालय की एक इकाई एनएफडीसी-नेशनल फिल्म आर्काइव ऑफ इंडिया (एनएफएआई) के फिल्म वॉल्ट में कई दशकों तक संरक्षित किया गया था, और अब फिल्म हेरिटेज फाउंडेशन (एफएचएम) द्वारा सुरक्षित किया गया है।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता सिनेमैटोग्राफर संतोष सिवन को कान फिल्म महोत्सव में प्रतिष्ठित पियरे एंजनीक्स ट्रिब्यूट से सम्मानित किया जाएगा। वह कान प्रतिनिधियों के लिए एक मास्टरक्लास भी देंगे। इस गौरव से सम्मानित होने वाले सिनेमैटोग्राफर संतोष सिवन ऐसे पहले भारतीय बन जाएंगे।
भारत के विविध स्थानों और फिल्म प्रतिभा को प्रदर्शित करने में मदद के लिए गोवा, महाराष्ट्र, जम्मू एवं कश्मीर, कर्नाटक, झारखंड और दिल्ली सहित कई भारतीय राज्यों के भाग लेने की संभावना है।
भारत के सहयोग से फिल्म निर्माण के अवसरों की खोज पर “प्रचुर प्रोत्साहन और निर्बाध सुविधाएं- आओ, भारत में बनाएं” शीर्षक से 15 मई को दोपहर 12 बजे मुख्य मंच (रिवेरा) में एक सत्र आयोजित किया जा रहा है। पैनल चर्चा में फिल्म निर्माण, सह-निर्माण के अवसरों और शीर्ष स्तर की पोस्ट-प्रोडक्शन सुविधाओं के लिए भारत के विशाल प्रोत्साहनों पर प्रकाश डाला जाएगा। पैनल यह बताएगा कि फिल्म निर्माता इन पहलों का कैसे स्वागत कर रहे हैं, भारत में फिल्मांकन के लिए जमीनी स्तर पर वास्तविक अनुभव क्या हैं और कौन सी रोमांचक कहानियां साझा की जा रही हैं।
पूरे महोत्सव के दौरान आयोजित भारत मंडप में संवादात्मक सत्र में भारत में फिल्म निर्माण के लिए प्रोत्साहन, फिल्म समारोहों में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, फिल्मांकन स्थल के रूप में भारत, भारत और स्पेन, ब्रिटेन, और फ्रांस जैसे अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय फिल्म सह-निर्माण जैसे विषयों शामिल होंगे। इन सत्रों का उद्देश्य सशक्त भारतीय फिल्म उद्योग और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों के साथ जुड़ने के इच्छुक फिल्म निर्माताओं के लिए चर्चा, नेटवर्किंग और सहयोग के अवसरों को सुविधाजनक बनाना है।
वाइस एडमिरल संजय भल्ला,ने भारतीय नौसेना के चीफ़ ऑफ पर्सनल का कार्यभार ग्रहण किया
वाइस एडमिरल संजय भल्ला, एवीएसएम, एनएम ने 10 मई, 2024 को भारतीय नौसेना के चीफ़ ऑफ पर्सनल का कार्यभार ग्रहण किया। उन्हें 01 जनवरी, 1989 को भारतीय नौसेना में नियुक्त किया गया था। 35 वर्षों के करियर में, उन्होंने जल और तट दोनों पर कई विशेषज्ञ, कर्मचारी और परिचालन नियुक्तियों में कार्य किया है।
संचार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में अपनी विशेषज्ञता पूरा करने के बाद, उन्होंने कई सीमावर्ती युद्धपोतों पर एक विशेषज्ञ के रूप में कार्य किया। बाद में उन्हें समुद्र में चुनौतीपूर्ण, पूर्णकालिक और घटनापूर्ण कमान संभालने का सौभाग्य मिला, जिसमें आईएनएस निशंक, आईएनएस तारागिरी, आईएनएस ब्यास और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग ईस्टर्न फ्लीट (एफओसीईएफ) की प्रतिष्ठित नियुक्ति शामिल है। एफओसीईएफ के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, वह प्रतिष्ठित राष्ट्रपति के बेड़े की समीक्षा (पीएफआर- 22) और भारतीय नौसेना के प्रमुख बहुराष्ट्रीय अभ्यास मिलन-22, जिसमें मित्र विदेशी देशों की अभूतपूर्व भागीदारी देखी गई थी के समुद्री चरण के लिए सामरिक कमान में अधिकारी थे ।
रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज, लंदन, नेवल वॉर कॉलेज और डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन; के पूर्व छात्र रहे, उनकी शैक्षिक उपलब्धियों में एम फिल (रक्षा और रणनीतिक अध्ययन), किंग्स कॉलेज, लंदन से अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक अध्ययन में स्नातकोत्तर, मद्रास विश्वविद्यालय से एम.एससी (रक्षा और रणनीतिक अध्ययन) और सीयूएसएटी से एम.एससी (दूरसंचार) शामिल है।
उनकी विशिष्ट सेवा के लिए उन्हें नौसेना स्टाफ के प्रमुख और फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ द्वारा अति विशिष्ट सेवा पदक, नाव सेना पदक और प्रशस्ति से सम्मानित किया गया है।
ख्यांत्से नोरबू की “पिग एट द क्रॉसिंग” का विश्व स्तरीय वर्चुअल प्रीमियर 11 मई को
थिम्पू, भूटान। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता ख्यांत्से नोरबू, जिन्हें “द कप” और “ट्रैवलर्स एंड मैजिशियंस” जैसे मौलिक कार्यों के लिए जाना जाता है, ने युवा भूटानी फिल्म निर्माताओं के एक कैडर के सहयोग से तैयार की गई अपनी नवीनतम सिनेमा कृति, “पिग एट द क्रॉसिंग” का अनावरण किया। पारंपरिक फिल्म निर्माण के तरीकों को छोड़कर एक साहसिक प्रयास, यह प्रोजेक्ट उभरती हुई प्रतिभा को प्रदर्शित करती है, जिनमें से कईयों ने इसके साथ अपनी पहली सिनेमाई यात्रा शुरू की है।
पिग एट द क्रॉसिंग का प्रीमियर
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30 प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों से अस्वीकृति का सामना करने के बावजूद, “पिग एट द क्रॉसिंग” एक वर्चुअल प्रीमियर के माध्यम से दुनिया भर के दर्शकों के साथ अपनी कहानी साझा करने के लिए तैयार है। पारंपरिक वितरण चैनलों से बचते हुए, फिल्म बिचौलियों को दरकिनार कर दर्शकों को अपने निर्माताओं से सीधा संबंध स्थापित करती है।
11 मई, 2024 को विभिन्न टाइम ज़ोन में वर्चुअल प्रीमियर की पांच स्क्रीनिंग की जाएंगी जिससें दर्शकों को अपनी सुविधा के अनुसार स्लॉट चुनने का विकल्प दिया जाएगा। टिकट और वर्चुअल प्रीमियर के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया विज़िट करें www.pigcrossing.film/
ऐसे समय में जब गेटकीपर अक्सर कलात्मक सामग्री को नियंत्रित करते हैं, पारंपरिक तरीकों को दरकिनार करने का निर्णय फिल्म निर्माताओं की प्रमाणिकता और अपने दर्शकों के साथ सीधे जुड़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। दर्शकों को पहली बार “पिग एट द क्रॉसिंग” का अनुभव करने के लिए आमंत्रित करके निर्माता भौगोलिक सीमाओं को पार करने वाली एक नई यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं।
“पिग एट द क्रॉसिंग” (2024) के बारे में
अवधि: 119 मिनट
भाषाएँ: Dzongkha और अंग्रेजी
लेखक और निर्देशक: ख्यांत्से नोरबू
प्रोडक्शन: नॉर्लिंग स्टूडियो, थिम्पू, भूटान
लॉगलाइन: एक दुर्घटना में एक युवक की अचानक मृत्यु हो जाने के बाद, वह मृत्यु और पुनर्जन्म के बीच की जगह की एक अपरिचित दुनिया से जूझता है।
रूपरेखा
29 वर्षीय डोलोम, एक मेहनती यूट्यूब निर्माता और भूटान में नव नियुक्त स्कूल शिक्षक है जो एक 32 वर्षीय विवाहित महिला डेकी के साथ एक रात बिताता है। जब उसे पता चलता है कि वह गर्भवती है, तो डोलोम अफेयर को कवर करने और उसकी प्रतिष्ठा बचाने की योजना बनाता है। डेकी के साथ मिलने के रास्ते में डोलोम एक मोटरसाइकिल दुर्घटना में घायल हो जाता है और एक विचित्र, और अराजक दुनिया में चला जाता है।
धीरे-धीरे उसे एहसास होने लगता है कि वह वास्तव में मर चुका है। एक रहस्यमयी गाइड की मदद से डोलोम इस बीच के दायरे को नेविगेट करता है और अपने अतीत और अपने कर्मों के परिणामों का सामना करता है। जैसे-जैसे समय उसके चारों ओर ढलता है, उसे अपनी गलतियों को सही करने का विकल्प चुनना पड़ता है और अपने पिछले जन्म के प्रति अपने लगाव को छोड़ना पड़ता है या फिर उसे अनिश्चित काल के लिए सपने की तरह इस स्थिति में भटकने के लिए फंसना पड़ेगा।
अधिक जानकारी के लिये कृपया यहां देखें: www.pigcrossing.film.
पश्चिम रेलवे चलाएगी दो जोड़ी समर स्पेशल ट्रेन
पश्चिम रेलवे द्वारा यात्रियों की सुविधा तथा उनकी यात्रा मांग को पूरा करने के उद्देश्य से विशेष किराये पर दो जोड़ी समर स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी श्री सुमित ठाकुर द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार इन स्पेशल ट्रेनों का विवरण इस प्रकार है:-
1. ट्रेन संख्या 09019/09020 सूरत-खोरधा रोड-उधना स्पेशल [02 फेरे]
ट्रेन संख्या 09019 सूरत-खोरधा रोड स्पेशल गुरुवार 16 मई, 2024 को सूरत से 23.50 बजे प्रस्थान करेगी और शनिवार को 12.00 बजे खोरधा रोड पहुंचेगी। इसी प्रकार, ट्रेन संख्या 09020 खोरधा रोड-उधना स्पेशल शनिवार 18 मई, 2024 को खोरधा रोड से 16.30 बजे प्रस्थान करेगी और सोमवार 01.00 बजे उधना पहुंचेगी।
यह ट्रेन दोनों दिशाओं में नंदुरबार, जलगांव, भुसावल, अको
इस ट्रेन में स्लीपर क्लास और जनरल सेकेंड क्लास कोच होंगे।
2. ट्रेन संख्या 09423/09424 अहमदाबाद-खोरधा रोड-उधना स्पेशल [08 फेरे]
ट्रेन संख्या 09423 अहमदाबाद-खोरधा रोड स्पेशल 15, 17, 22 और 29 मई, 2024 को अहमदाबाद से 19.10 बजे प्रस्थान करेगी और तीसरे दिन 12.00 बजे खोरधा रोड पहुंचेगी। इसी तरह, ट्रेन संख्या 09424 खोरधा रोड-उधना स्पेशल 17, 19, 24 और 31 मई, 2024 को खोरधा रोड से 16.30 बजे रवाना होगी और तीसरे दिन 01.00 बजे उधना पहुंचेगी।
यह ट्रेन दोनों दिशाओं में नंदुरबार, जलगांव, भुसावल, अको
इस ट्रेन में स्लीपर क्लास और जनरल सेकेंड क्लास कोच होंगे।
ट्रेन संख्या 09019 एवं 09423 की बुकिंग 11 मई, 2024 से सभी पीआरएस काउंटरों और आईआरसीटीसी वेबसाइट पर शुरू होगी। ट्रेनों के ठहराव के समय और संरचना के संबंध में विस्तृत जानकारी के लिए यात्री कृपया www.enquiry.indianrail.
भोपाल में दो दिवसीय मातृभाषा समारोह 11 व 12 मई को
भोपाल। सुभाष खेल मैदान, शक्ति नगर में 11 एवं 12 मई 2024 (शनिवार एवं रविवार) को मातृभाषा मंच के द्वारा मातृभाषा समारोह-24 का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर सायं 6 बजे से सांस्कृतिक आयोजन एवं पारंपरिक भोजनों के स्टॉल लगाये जायेंगे। मातृभाषा मंच प्रतिवर्ष यह आयोजन करता है। समारोह में भोपाल नगर के 17 भाषायी परिवार भाग ले रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि मातृभाषा के महत्व को अंतरराष्ट्रीय जगत द्वारा मान्यता प्रदान करते हुये संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया है। इस अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस की जनक भारत की बाँग्ला भाषा है। समाज में मातृभाषा के व्यवहारिक प्रयोग को बढ़ाने, मातृभाषा के प्रयोग से परंपराओं और सांस्कृतिक विरासत की धरोहर को सहेज कर उसे नवीन पीढ़ी को सौंपने की आवश्यकता है। मातृभाषा मंच, भोपाल शहर में इसी दिशा में विगत छः वर्षों से सक्रिय संस्था है। पूर्व में किये गये सफल आयोजनों में भाषायी समाजों के कलाकारों ने सांस्कृतिक छटा बिखेरी थी और लोगों ने भाषायी संस्कृतियों के पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया था। बौद्धिक सत्रों में भी देश के प्रतिष्ठित चिंतक व विचारकों ने संबोधित किया।
अमिताभ सक्सेना
संयोजक
मातृभाषा मंच
मोबाइल- 9977409005, 9827057845
विश्व संवाद केंद्र, भोपाल
डी- 100 /45, शिवाजी नगर, भोपाल दूरभाष /फैक्स :
0755-2763768*
ओरिएंटक्राफ्ट ने ऋण मुक्त स्थिति की घोषणा की, विकास के लिए झारखंड अगला ठिकाना
नई दिल्ली। वस्त्र निर्माण एवं निर्यात उद्योग में भारत की अग्रणी कंपनीओरिएंटक्राफ्ट लिमिटेड ने आज 100% ऋण-मुक्त स्थिति की घोषणा की है। कंपनी ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (यूबीआई), एचडीएफसी और यस बैंक सहित 11 बैंकों के एक समूह के साथ मिलकर 850 करोड़ रुपये के कुल कर्ज का भुगतान करने के लिए अपनी मार्की भूमि और कारखाने की संपत्ति का सफलतापूर्वक मॉनेटाइज़ेशन किया है। इसने कोविड महामारी से हुए वित्तीय घाटे के बाद ‘वन टाइम रीस्ट्रक्चरिंग’ के संकल्प को पूरा किया। ओरिएंटक्राफ्टने अपनी इच्छा से गैर-बंधक संपत्तियों का मुद्रीकरण करकेएवं बिना किसी कटौती के बकाया राशि का भुगतान किया है। इन प्रयासों की बैंकिंग कंसोर्टियम के सदस्यों द्वारा सराहना की गई है।
ओरिएंट क्राफ्ट अब नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) की स्थिति से मुक्त हो चुका है और अपने संस्थापक, अध्यक्ष और एमडी, सुधीर ढींगरा के नेतृत्व में अपने बिज़नेस पुनर्निर्माण पर फोकस कर रहा है। ओरिएंट क्राफ्ट एक नए अवतार के रूप में वस्त्र निर्माण और निर्यात में अपनी विरासत को जारी रखेगा जो अब रांची (झारखंड) में स्थापित होगा। यह एक विशाल एवं विश्व स्तरीय, अत्याधुनिक और देश में इस प्रकार का पहला सेट अप है। यह 3.5 लाख वर्ग फुट उत्पादन क्षमता के साथ एक पूर्णतः एकीकृत विनिर्माण परिसर है, जिसमें 2500+ मशीनें हैं जो डबल शिफ्ट में प्रभावी रूप से 5000+ मशीनों का काम करती हैं। इसमें कढ़ाई, धुलाई और छपाई जैसी इन-हाउस एकीकृत सुविधा उपलब्ध हैं, जो 1200 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व अर्जित करने में सक्षम हैं।
ओरिएंट क्राफ्ट के विकास पर अपने दृष्टिकोण के बारे में बात करते हुए संस्थापक, अध्यक्ष और एमडी सुधीर ढींगरा ने बताया, “बैंकों और अन्य सभी व्यावसायिक स्टेकहोल्डरस के प्रति हमारी वित्तीय प्रतिबद्धताओं की हाल ही में हुई पूर्ति से हमारे व्यवसाय को प्रोत्साहन मिला है। ओरिएंट क्राफ्ट में हम हमेशा वित्तीय संस्थानों और समकक्ष बिज़नेस के साथ दीर्घकालिक साझेदारी पर केंद्रित मजबूत व्यावसायिक नैतिकता पर विश्वास करते हैं। वित्तीय तनाव को पीछे छोड़ते हुए हम आने वाले वर्षों में तरक्की के अपार अवसर देख रहे हैं। यह एक उपयुक्त समय है जब परिधान निर्यात उद्योग कई दशकों के विकास के उच्च शिखर पर है। सुधीर ने कहा कि कोविड के बाद दुनिया भर के फैशन ब्रांड भारत से सोर्सिंग बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के साथ हाल ही में हुआ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए), और यूके और यूरोपीय संघ के साथ एफटीए भी व्यापार विकास के अवसर पैदा करेगा।”
पांच दशकों से अधिक समय तक भारत में अपनी उपस्थिति के बाद भारतीय परिधान निर्यात उद्योग का कुलआकार 16 बिलियन** डॉलर है जबकि वैश्विक परिधान बाजार***1.36 ट्रिलियन डॉलर है। कुछसंरचनात्मक बदलाव और नियामक समर्थन के साथ भारत 2027**** तक इस आकार को दोगुना करके 30 बिलियन डॉलर करने के लिए तैयार है। ओरिएंटक्राफ्ट,रांची (झारखंड) में अपनी नई फैसिलिटी के माध्यम से इस अवसर का एक बड़ा हिस्सा हासिल करने का लक्ष्य रखता है।
2024 में भारत में टेक्सटाइल और वस्त्र उद्योग देश की जीडीपी में लगभग 2.3% का योगदान दिया है। भारत सरकार की कपड़ा उद्योग के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं हैं, जिसमें वैश्विक कपड़ा बाजार का एक बड़ा हिस्सा हासिल करना महत्वपूर्ण है। इसका लक्ष्य है कि निर्यात में 45 बिलियन डॉलर से 100 बिलियन डॉलर की वृद्धि की जाए। ओरिएंट क्राफ्ट इस अवसर को समझते हुए यह फोकस करता है कि उद्योग में कुशल कर्मियों को लाया जाए और इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आधुनिक बुनियादी ढांचे और कुशल प्रतिभा में निवेश किया जाए।
ओरिएंट क्राफ्ट के बारे में
1978 में स्थापित ओरिएंट क्राफ्ट भारत का अग्रणी प्रीमियम रेडी-टू-वियर गारमेंट्स और होम फर्निशिंग का निर्यातक व निर्माता है। इनोवेशन से प्रेरित ओरिएंट क्राफ्ट का परिधान डिजाइन हाउस एक बड़े और विश्व स्तरीय विनिर्माण बुनियादी ढांचे से युक्त है जो फैशन सेगमेंट और उपभोक्ता विक्रय चक्र में व्यापक मल्टीप्रोडक्ट प्रोडक्टस का निर्माण करता है। ओरिएंट क्राफ्ट के पास डिजाइन और उत्पाद विकास के लिए एक विशाल इन-हाउस क्षमता है, जो अपने खरीदार को बेहतर व व्यापक उत्पाद समाधान प्रदान करता है।
कंपनी भारत में परिधान विनिर्माण और निर्यात उद्योग की शक्ति को एक प्रमुख रोजगार क्षेत्र के रूप में बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करती है। यह अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को समझते हुए स्थानीय क्षेत्रों से विकलांग व्यक्तियों और गैर-शिक्षित और पिछड़ी महिलाओं व श्रमिकों को कौशल व रोजगार देने की अपनी रणनीति पर काम कर रहा है।
कोविड से पूर्व ओरिएंट क्राफ्ट में 32,000 कर्मचारी कार्यरत थे जो 5 राज्यों में 24 फैसिलिटीस में फैले हुए एवं अमेरिका, यूरोप, यूके और ऑस्ट्रेलिया में 40+ प्रीमियम मेन-स्ट्रीम फैशन ब्रांड्स की सेवा कर रहे हैं।
स्नेहलता शर्मा के दिल की धड़कनों से गूंजते हैं स्वर….
फ़िल्म “श्री रामायण कथा” का टीजर पोस्टर जारी
अंजली अरोड़ा अब अभिषेक सिंह के डायरेक्शन में बन रही फिल्म “श्री रामायण कथा” में सीता के किरदार में नज़र आएंगी। अभिषेक सिंह के डायरेक्शन में बन रही फिल्म श्री रामायण कथा अगले साल 2025 में सिल्वर स्क्रीन पर आने के लिए तैयार है।
इसके टीज़र पोस्टर में सबसे आगे, हनुमान का शक्तिशाली चेहरा नजर आता है, उनकी अभिव्यक्ति शक्ति और भक्ति से गूंजती है। हनुमान के माथे पर भगवान राम का पवित्र नाम अंकित है, जो उनकी अटूट निष्ठा और समर्पण का प्रतीक है। यह राम और हनुमान के बीच के गहरे बंधन की ओर इशारा करता है, जो महाकाव्य के आध्यात्मिक और भावनात्मक पहलुओं में गहराई से उतरने वाली कथा के लिए एक स्वर निर्धारित करता है।
निर्देशक अभिषेक सिंह के इस प्रोजेक्ट के सिनेमैटोग्राफर कुणाल कदम हैं। देव व आशीष ने बेहतरीन संगीत दिया है। श्री रामायण कथा 2025 में स्क्रीन पर आने वाली है, जो एक लाजवाब सिनेमाई अनुभव का वादा करती है।