आप यहाँ है :

शिवोहम एक नए युग का सूत्रपात है- वामन केन्द्रे

भोपाल। चार अभिनेता मिलकर एक नाटक का मंचन कर सकते हैं लेकिन दो निर्देशक मिलकर एक नाटक का निर्देशन नहीं कर सकते हैं, ऐसे में दो लेखक मिलकर शिवोहम जैसी नाट्य कृति की रचना करते हैं तो यह एक नए युग का सूत्रपात माना जाना चाहिए. यह बात ख्यात रंग निर्देशक एवं अध्यक्ष भारत भवन न्यास श्री वामन केन्द्रे नाट्य कृति ‘शिवोहम’ के विमोचन के अवसर पर संबोधित कर रहे थे। श्री केन्द्रे ने रंगमंच की चुनौतियों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि शंकराचार्य पर नाटक लिखा जाना अपने आपमें एक उपलब्धि और इस उपलब्धि के लिए मैं लेखक द्वय सतीश दवे एवं संजय मेहता को बधाई देता हूं.।
 कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार एवं नाट्य विश्लेषक श्री गिरिजा शंकर ने कहा कि शंकराचार्य पर नाटक लिखना ना केवल चुनौती था बल्कि इससे बड़ा संकट नाटक की भाषा को लेकर था. लेखक द्वय ने नाटक को इतने सरल और सहज शब्दों में लिखा है कि वह पढऩे में आसान हो गया है. यह संयोग था कि आज ही लेखक एवं निर्देशक संजय मेहता ने अपने जीवन के साठ वर्ष पूर्ण कर 61वें वर्ष में प्रवेश किया है.
इस अवसर पर उपस्थित मप्र साहित्य अकादमी के पूर्व निदेशक श्री देवेन्द्र दीपक ने कहा कि शब्दों की अपनी महत्ता है. शब्द जब मंच पर उतरते हैं तो अपना अर्थ पाते हैं. मप्र नाट्य स्कूल के निदेशक श्री टीकम जोशी ने कहा कि आज इस कृति के विमोचन का साक्षी बनकर और अपने गुरुजनों के मध्य उपस्थित होकर स्वयं को गौरवांवित महसूस कर रहा हूं.  वरिष्ठ रंगकर्मी ने भानु भारती कहा कि भोपाल से मेरी अनेक यादें जुड़ी हुई हैं। आज एक बार फिर याद ताजा हो गई. नाट्य कृति शिवोहम के लेखक सतीश दवे ने इसकी पृष्ठभूमि पर विस्तार से प्रकाश डाला और दूसरे लेखक संजय मेहता ने बताया कि अब तक इसके चार मंचन हो चुके हैं. आने वाले दिनों में मंचन होता रहेगा. कार्यक्रम का संचालन विवेक सावरीकर ने किया और आभार प्रदर्शन मनोज कुमार ने किया.
image_pdfimage_print


सम्बंधित लेख
 

Get in Touch

Back to Top