भोपाल। योगगुरु बाबा रामदेव के बाद अब भोपाल सांसद आलोक संजर ने एक हजार एवं पांच सौ के नोटों पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कालेधन और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए प्लास्टिक मनी का प्रचलन बढ़ाने एवं ‘कैशलेस” सोसायटी पर जोर देना होगा। उन्होंने बताया कि यह मुद्दा वह संसद में भी उठा चुके हैं।
अपने निवास पर बुधवार को पत्रकारों से चर्चा करते हुए संजर ने कुछ देशों का उदाहरण दिया और बताया कि भ्रष्टाचार और कालेधन को रोकने के लिए यही एक उपाय है। इस संबंध में वह दिल्ली में कई केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों के समक्ष प्रेजंटेशन देने के अलावा माहौल बनाने में जुटे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात में भी इसका जिक्र हुआ है। संजर ने यूरोप के देशों में बैंकों और बाजार में नकदी के अनुपात का ब्योरा भी दिया। उन्होंने बताया कि बड़े नोटों के बंद होने से नकली नोटों की छपाई पर भी रोक लग जाएगी। आतंकवादी गतिविधियों पर भी अंकुश लगेगी।
सांसद संजर के साथ मौजूद एक एनजीओ अर्थक्रांति के संचालक मृगेंद्र ने प्रेजंटेशन के माध्यम से विस्तृत जानकारी भी दी। साथ ही बताया कि देश में यदि बड़े करेंसी नोटों पर रोक लगती है तो कोई भी व्यक्ति रिश्वत के रूप में छोटे नोट नहीं स्वीकार करने में डरेगा। इसके अलावा प्लास्टिक मनी का प्रचलन बढ़ने और जनधन योजना का प्रचार बढ़ने के बाद सारा लेनदेन बैंकों के जरिए ही होने लगेगा।
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