Friday, April 26, 2024
spot_img
Homeदुनिया भर कीसफलता के लिए डिग्री जरुरी नहीं, एपल में 50 प्रतिशत कर्मियों के...

सफलता के लिए डिग्री जरुरी नहीं, एपल में 50 प्रतिशत कर्मियों के पास डिग्री नहींः टिम कुक

वॉशिंगटन। एपल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक का कहना है कि टेक इंडस्ट्री सीईओ और सफल उद्यमियों से भरी पड़ी है, जो साधारण परिवारों से आते हैं। कई लोगों ने कड़ी मेहनत से पढ़ाई की और शीर्ष पर पहुंचने के लिए सालों तक मेहनत की। वहीं, दूसरी तरफ कई लोग कॉलेज में स्नातक की डिग्री हासिल किए बिना ही इस मुकाम तक पहुंच जाते हैं। उन्होंने कहा कि सफल होने के लिए कॉलेज की डिग्री की जरूरत नहीं है। ऐपल में करीब 50 फीसद कर्मचारियों के पास यह नहीं है। फिर भी वे बेहतर हैं और सफल हैं। राष्ट्रपति ट्रंप और अन्य सदस्यों के साथ व्हाइट हाउस में बुधवार को अमेरिकी कार्यबल नीति सलाहकार बोर्ड की बैठक के दौरान यह बात कही। ऐपल के सीईओ ने कहा कि नौकरियों के लिए पूरी तरह से शैक्षिक योग्यता पर भरोसा नहीं करना चाहिए।

उन्होंने जोर देकर कहा कि इंडस्ट्री कुछ ऐसे कौशल की मांग की जाती है, जो कॉलेज में छात्र कभी नहीं सीख सकते हैं। उदाहरण के लिए कोडिंग जैसी चीजें। और इसलिए जैसा कि हमने अंत तक देखा है इस तरह कॉलेज से आने वाले छात्रों के कौशल और भविष्य में हमें जिस तरह की जरूरत होगी, वह काफी बेमेल है। कई अन्य व्यवसायों की तरह हमने इसमें कोडिंग को एक बहुत ही महत्वपूर्ण चीज के रूप में पहचाना है।

टिम कुक ने कहा कि हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि पिछले साल ऐपल में भर्ती किए गए लगभग आधे कर्मचारी ऐसे थे, जिनके पास चार साल की कॉलेज की डिग्री नहीं थी। कुक का मानना है कि ये मिसिंग स्किल यानी गायब कौशल ही दरअसल वह है, जिसकी वास्तव में शिक्षा प्रणाली को जरूरत है।

कुक के अनुसार, अमेरिका के प्रत्येक बच्चे को हाई स्कूल में स्नातक होने से पहले कोडिंग का कुछ स्तर तक प्रशिक्षण देना चाहिए। आखिरकार इन दिनों अधिक से अधिक क्षेत्रों में कुछ स्तर के तकनीकी कार्य शामिल हैं। अब अधिक से अधिक नौकरियां आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) द्वारा स्वचालित हो रही हैं।

यही कारण है कि ऐपल ने साल 2016 में ‘एवरीवन कैन कोड’ प्रोग्राम लॉन्च किया था। यह एक स्कूल पाठ्यक्रम है, जिसे किंडरगार्टन से कॉलेज तक के छात्रों को चरणबद्ध तरीके से कोडिंग सीखने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया है। वर्तमान में अमेरिका में कम से कम 4,000 स्कूल पाठ्यक्रम इसका उपयोग करते हैं।

अन्य प्रमुख कंपनियां जैसे गूगल, आईबीएम आदि भी ऐसा ही महसूस करती हैं और वे भी बिना डिग्री वाले कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए तैयार हैं। कुक ने कहा कि आखिरकार ऐपल को खुद ही एक कॉलेज ड्रॉपआउट, स्टीव जॉब्स ने स्थापित किया था। वह अकेले “अशिक्षित” सफल इंसान नहीं है। माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने हार्वर्ड को छोड़ दिया था। दशकों बाद मार्क जुकरबर्ग ने भी कॉलेज छोड़कर फेसबुक की शुरुआत की।

ट्विटर के संस्थापक जैक डोरसी और डेल के संस्थापक माइकल डेल भी कंपनी के शुरू होने के समय कॉलेज ड्रॉपआउट थे। उनके जैसे कई और लोग भी हैं। कुक कहते हैं कि यदि आप चाहें तो आप अपने जीवन का आधा समय पढ़ते हुए बिता सकते हैं। मगर, अपने क्षितिज का विस्तार करना वास्तव में महत्वपूर्ण है।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार