Tuesday, March 19, 2024
spot_img
Homeभारत गौरवलच्छू महाराज को याद किया गूगल ने

लच्छू महाराज को याद किया गूगल ने

गूगल हमेशा की तरह आज भी एक हस्ती की जयंती मना रहा है। यह हैं मशहूर तबलावादक लच्छू महाराज। आज उनकी 74वीं जयंती है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 16 अक्टूबर 1944 को एक बच्चे ने जन्म लिया और उसका नाम लक्ष्मी नारायण सिंह रखा गया।

बाद में वह लच्छू महाराज के नाम से विख्यात हुए। लच्छू महाराज को बनारस घराने का काफी कुशल तबला वादक माना जाता था। बता दें कि बनारस घराना तबला वादन की सबसे प्रचलित 6 विधा में से एक है, जिसे 200 साल पहले पहले ढूंढा गया था।

पंडित लच्छू महाराज एक भारतीय शास्त्रीय नर्तक, तबलावादक और कथक के कोरियोग्राफर थे। वह लखनऊ में शानदार कथक घाटियों के परिवार से आए और फिल्म कोरियोग्राफर के रूप में हिंदी सिनेमा, विशेष रूप से मुगल-ए-आजम (1960) और पाकीजा (1972) के रूप में भी काम किया |

लच्छू महाराज के पिता का नाम वासुदेव महाराज था। उनके चार बेटे-बेटियों में लच्छू महाराज चौथे और सबसे छोटे थे। लच्छू महाराज ने उन्होंने टीना नाम की एक फ्रांसीसी महिला से शादी की थी। उन्होंने लगभग दस वर्षों तक अवध के नवाब के पंडित बिंदद्दीन महाराज, उनके चाचा और अदालत नर्तक से व्यापक प्रशिक्षण मिला।

साल 1972 में केंद्र सरकार ने उनको ‘पद्मश्री’ से सम्मानित करने का फैसला किया लेकिन उन्‍होंने ‘पद्मश्री’ लेने से मना कर दि‍या। उन्होंने कहा कि ‘श्रोताओं की वाह और तालि‍यों की गड़गड़ाहट ही कलाकार का असली पुरस्‍कार होता है। 28 जुलाई, साल 2016 को लच्छू महाराज का निधन हुआ था।

image_print

एक निवेदन

ये साईट भारतीय जीवन मूल्यों और संस्कृति को समर्पित है। हिंदी के विद्वान लेखक अपने शोधपूर्ण लेखों से इसे समृध्द करते हैं। जिन विषयों पर देश का मैन लाईन मीडिया मौन रहता है, हम उन मुद्दों को देश के सामने लाते हैं। इस साईट के संचालन में हमारा कोई आर्थिक व कारोबारी आधार नहीं है। ये साईट भारतीयता की सोच रखने वाले स्नेही जनों के सहयोग से चल रही है। यदि आप अपनी ओर से कोई सहयोग देना चाहें तो आपका स्वागत है। आपका छोटा सा सहयोग भी हमें इस साईट को और समृध्द करने और भारतीय जीवन मूल्यों को प्रचारित-प्रसारित करने के लिए प्रेरित करेगा।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -spot_img

लोकप्रिय

उपभोक्ता मंच

- Advertisment -spot_img

वार त्यौहार