Wednesday, May 1, 2024
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नवोदय विद्यालय स्थापना दिवस पर बीएचयू में पुराने दिनों को याद कर हुए रोमांचित

वाराणसी। नवोदय विद्यालय स्थापना दिवस (13 अप्रैल) समारोह का आयोजन वाराणसी में बीएचयू स्थित केएन उडुप्पा हॉल में किया गया। इसमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश,असम इत्यादि विभिन्न राज्यों के 500 से ज्यादा पुरा नवोदय विद्यार्थी शामिल हुए। उन्होंने अपने यादगार अनुभव साझा किये वहीं नवोदय विद्यालय की प्रगति के विभिन्न आयामों पर भी चर्चा हुई। बीएचयू के कुलगीत, नवोदय प्रार्थना, स्वागत गीत के बीच अतिथियों ने पं. मदन मोहन मालवीय और नवोदय विद्यालय के संस्थापक राजीव गाँधी के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल श्री कृष्ण कुमार यादव ने 66 नवोदयन्स लोगों को सम्मानजनक उपलब्धियों के लिए ‘नवोदय रत्न’ से भी सम्मानित किया।

अपने सम्बोधन में पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि 13 अप्रैल, 1986 को दो नवोदय विद्यालयों से आरंभ हुआ यह सफर आज 661 तक पहुँच चुका है। नवोदय विद्यालय एक सरकारी संस्थान होने के बावजूद उत्कृष्ट शिक्षा व बेहतर परीक्षा परिणामों की वजह से आज शीर्ष पर है। ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ एवं ‘शिक्षार्थ आइए, सेवार्थ जाइए’ की भावना से प्रेरित नवोदय में जाति, संप्रदाय, क्षेत्र से परे सिर्फ राष्ट्रवाद की भावना है। देश भर में नवोदय विद्यालय के 16 लाख से अधिक पुरा विद्यार्थियों का नेटवर्क समाज को नई दिशा देने के लिए तत्पर है। राजनीति, प्रशासन, चिकित्सा, इंजीनियरिंग, सैन्य सेवाओं से लेकर विभिन्न प्रोफेशनल सेवाओं, बिजनेस और सामाजिक सेवाओं में नवोदयन्स पूरे भारत ही नहीं वरन पूरी दुनिया में पहचान बना रहे हैं।

आज नवोदय एक ब्रांड बन चुका है। श्री यादव ने कहा कि हमारे व्यक्तित्व और कैरियर के निर्माण में नवोदय का बहुत बड़ा योगदान रहा है। यदि मैं नवोदय में नहीं रहता तो शायद ही यहाँ तक पहुँच पाता। ग्रामीण क्षेत्र की प्रतिभाओं को आगे बढ़ने में नवोदय का अहम योगदान है। नवोदय विद्यालय से निकले लगभग 30 साल हो गए पर अभी भी वही लगाव और अपनत्व बरकरार है। नवोदय ने हम सभी को बहुत कुछ दिया है, अब ‘पे बैक टू सोसाइटी’ की जरुरत है। भारत के उज्जवल भविष्य का निर्माण करने में नवोदयन्स की अहम भूमिका है। विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि अध्ययन के साथ-साथ रचनात्मकता भी बहुत जरूरी है। रचनात्मकता ही हमें जिज्ञासु बनाती है और संवेदनशीलता को बरकरार रखती है। सही दिशा और बेहतर प्रयास के साथ इच्छाशक्ति जितनी मजबूत होगी, उतनी ही तेजी से सफलता कदम चूमेगी।

कार्यक्रम में मंचीय कवि दानबहादुर सिंह ने अपनी कविताओं से शमां बांधा वहीं सौम्या श्रीवास्तव, परिणिति गोस्वामी, रुश्पा, सृष्टि, शिवम सहित तमाम पुरा विद्यार्थियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति कर लोगों का दिल जीत लिया। स्वागत भाषण आईएमएस बाल रोग विभाग अध्यक्ष डॉ. सुनील राव ने दिया, कार्यक्रम का संयोजन सोमेश चौधरी, शालिन्दी और अमन वर्मा ने किया, वहीं संचालन अनुराधा व दिव्य लक्ष्मी ने किया। समारोह को यादगार बनाने के लिए लगी सेल्फी प्वाइंट ने भी सबका ध्यान आकर्षित किया, जहाँ ‘हमीं नवोदय हों’ की भावना के साथ जुटे नवोदयन्स अपनी सेल्फी लेकर सुनहरी यादों को मोबाइल में कैद करते रहे।

‘नवोदय रत्न’ से 66 लोग सम्मानित- पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव, बीएचयू हिंदी विभाग प्रोफेसर डॉ. सत्यपाल शर्मा, डॉ. अवनीश राय, नवोदय एल्युमिनाई वेलफेयर एसोसिएशन (नवा) अध्यक्ष घनश्याम यादव, फिजिक्स प्रोफ़ेसर डॉ. सुरेंद्र कुमार, डॉ. सुनील राव, सीआरपीएफ असिस्टेंट कमांडेंट विनोद सिंह, उपजिलाधिकारी राजातालाब सुनीता गुप्ता, समीक्षा अधिकारी रत्नेश मौर्या डिप्टी रजिस्ट्रार बीएचयू ब्रजेश त्रिपाठी, सिविल जज मनीष राना, इंजीनियर अभिषेक सिंह, सीनियर नर्सिंग ऑफिसर ममता मिश्रा, कवि दानबहादुर सिंह, एसोसिएट प्रोफ़ेसर डॉ. पंकज गौतम, असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डॉ. सत्यपाल यादव, शिव प्रसाद बर्नवाल, श्री सरफराज अहमद, हरिलाल, डॉ.अभय प्रताप यादव, विमलेश कुमार सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 66 नवोदयन्स सम्मानित हुए।

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