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पश्चिम रेलवे पर मनाया गया सामंजस्य दिवस
‘रेल हमसफ़र सप्ताह’ का पाँचवाँ दिन 30 मई, 2016 को पश्चिम रेलवे द्वारा ‘सामंजस्य दिवस’ के रूप में मनाया गया, जिसके अंतर्गत सम्पूर्ण पश्चिम रेलवे पर सम्बंधित अधिकारियों द्वारा मान्यता प्राप्त यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ स्वच्छता मुहिम चलाने तथा रेलवे कॉलोनियों के नियमित रख-रखाव के लिए कॉलोनियों का निरीक्षण किया गया।
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हिरण मारने वाला आजाद और बचाने वाले को सजा, ये कैसा ‘मेक इन इंडिया, हैं?
चर्चा का विषय था अभी उज्जैन सिंहस्थ को कुछ समय बीता है , नीलगिरि महाराज जोकि एक हिरण(संतोष गिरी) को लेकर आये थे
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झमाझम बारिश के साथ कुछ यूं शुरू होती है ‘ज़िंदगी’ के जन्म की कहानी
शाम का वक्त हो और ज़ोर से बारिश हो रही हो, तो आप क्या कर सकते हैं? अपनी बोरियत मिटाने के लिए टीवी देखेंगे और क्या, है न?
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कलम आज मौलवी मोहम्मद बाक़ीर की जय बोल !
क्या आपको पता है कि भारतीय स्वतंत्रता-संग्राम में शहादत सिर्फ उन वीरों की नहीं हुई थी जिन्होंने हथियारों के दम पर यह लड़ाई लड़ी थीं, कलम से आज़ादी की लड़ाई लड़ने वाला एक शख्स भी शहीद हुआ था ?
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अमर सिंह ने वो दिन भी देखे हैं जब जेब खाली रहती थी
'मैं 202 चिंतरंजन एवेन्यू में तीन कमरे के फ्लैट में पैदा हुआ और पला। हम पांच लोग थे और केवल एक ही शौचालय था। मुझे आज भी याद है वह त्रासद दौर जब हर सुबह हम पांचों शौचालय के बाहर पंक्तिबद्घ खड़े अपनी बारी की प्रतीक्षा करते थे।
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शारजाह में काव्य-संध्या
वेब पर उपलब्ध दो हिंदी पत्रिकाओं “अनूभूति” और ”अभिव्यक्ति” की सुरुचि-सम्पन्न संपादिका पूर्णिमा वर्मन के नाम से हिंदी-पाठक और हिंदी लेखक अपरिचित नहीं होंगे।देश-विदेश के अनेक लेखक इनकी पत्रिकाओं से जुड़े हैं।
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पश्चिम रेलवे का मुंबई मंडल 31 मई, 2016 को मनायेगा ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’
31 मई, 2016 को सम्पूर्ण विश्व में ‘विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ मनाया जायेगा। इसी क्रम में पश्चिम रेलवे द्वारा भी तम्बाकू के सेवन से होने वाली सामाजिक बुराइयों के बारे में लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के प्रयास किये जा रहे हैं।
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23 जून को को बीजेपी मनाएगी डॉ मुखर्जी का बलिदान दिवस
मुंबई। जनसंघ - बीजेपी के संस्थापक डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि के अवसर पर एक भव्य समारोह आयोजित किया जा रहा है।
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जोधपुर रीजन ने राजस्थान में डाक जीवन बीमा में सर्वाधिक प्रीमियम का रिकॉर्बड बनाया
जीवन बीमा आज के दौर में जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है। डाक विभाग पत्रों के साथ-साथ एक लम्बे समय से जीवन बीमा के क्षेत्र में भी है।
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क्या भविष्य है बिहार के हिन्दी अखबारों का
1991 में देश कंगाल हो गया था, इन्हीं राजनेताओं और उनके द्वारा गढ़ी व्यवस्था से। 1991 में उदारीकरण बाजार व्यवस्था का दौर आरंभ हुआ।