Monthly Archives: May, 2016
धूम्रपान का शौक.. यानि किस्तों में मौत..
गुरूग्राम। देखो तम्बाकू कम्पनियों की यारी, हुक्के की गुड़-गुड़ छुड़वादी.. अब धुआं पाॅकेट में यार, और मौत होगी सिर पे सवार‘, ‘भले काम से मुंह मत मोड़ो धूम्रपान की आदत छोड़ो..’, ‘धूम्रपान का शौक.. यानि किस्तों में मौत..’, ‘बीड़ी सिगरेट तम्बाकू!
‘पानी बाबा’ नहीं रहे
अरुण तिवारी - 0
अखबार के पन्नों पर अरुण कुमार 'पानी बाबा' के नाम, परम्परागत व्यंजनों की लम्बी लेखमाला और बिना लाग-लपेट के अपनी बात कहने के लिए मशहूर श्री अरुण जी नहीं रहे .
काव्य संग्रह ’बिखरने से बचाया जाए’ का लोकार्पण
दिल्ली के कन्सटीट्यूशन क्लब (डिप्टी चेयरमैन हॉल) में 7 मई शनिवार शाम लेखिका श्रीमती अलका सिंह के काव्य संग्रह ’बिखरने से बचाया जाए’ का लोकार्पण प्रख्यात साहित्यकार एवं आलोचक डॊ. नामवर सिंह ने किया. इस मौक़े पर उन्होंने कहा कि हिंदी में ग़ज़ल लिखना मुश्किल काम है.
‘प्रधान सेवक’ से नम्बर वन ‘मजदूर’
सुनील कुमार - 0
भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 मई, 2916 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में ‘उज्जवला योजना’ की शुरूआत की। भारत के प्रधानमंत्री ‘योजना’ लागू करने और प्रधानमंत्री का उपनाम रखने के मास्टरमाइंड (ऐसे वह बहुत सारे चीजों के वे मास्टरमाडंड हैं) रहे हैं।
तामझाम से नहीं, व्यक्तित्व के प्रभाव से मिलती है प्रतिष्ठा
राजनांदगांव। दिग्विजय कॉलेज के प्रोफ़ेसर डॉ.चन्द्रकुमार जैन ने कहा कि दुनिया में अपनी क्षमता और योग्यता से रूबरू होने से बड़ी कोई नेमत नहीं है। खुद को निखारना ख़ुदा की बंदगी के समान है।
वाकई सुब्रह्मण्यम स्वामी जैसा कोई नहीं
डा. सुब्रमण्यम स्वामी के राज्यसभा सदस्य बनने के साथ हंगामा खड़ा हो गया। वे इमेज के अनुसार हंगामा कर दे रहे है। अगर वे ऐसा न करते तो जरुर आश्चर्य होता। विवादों से उनका पुराना नाता है।
दुनिया का सबसे छोटा बीज भारत में होने का दावा
अरुणेश, नोएडा। विश्व का सर्वाधिक छोटा बीज जिसे खुली आंख से नहीं देखा जा सकता है उसके भारत में होने का दावा नोएडा स्थित बॉटनिक गार्डन के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ शिव कुमार ने किया है।
एक पूरे युग के प्रत्यक्षदर्शी थे बलराज मधोक
प्रोफेसर बलराज मधोक का 96 वर्ष की आयु में जाना एक पूरे युग के की उठापटक के चश्मदीद गवाह का छिन जाना है। बलराज मधोक ने जम्मू-काश्मीर को तब से समझना आरम्भ किया जब भारत के विभाजन की योजनाए बन रही थी, वे तब जवान हुए जब जम्मू-काश्मीर को बलात छीनने की समरनीति तय की जा रही थी।
एक असाधारण सृजनशील कलाकार रबीन्द्रनाथ ठाकुर
रबीन्द्रनाथ ठाकुर को आधुनिक भारत का असाधारण सृजनशील कलाकार माना जाता है. वे बांग्ला कवि, कहानीकार, गीतकार, संगीतकार, नाटककार, निबंधकार और चित्रकार थे. वे एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता हैं,
मां, पर पीर तो होती होगी
अरुण तिवारी - 0
गांव की सबसे बङी हवेली
उसमें बैठी मात दुकेली,
दीवारों से बाते करते,
दीवारों से सर टकराना,