Friday, May 10, 2024
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Monthly Archives: January, 2018

31 जनवरी को देखिये सुपर मून

सभी ने 2018 का शानदार स्वागत किया. ये साल शानदार जाने वाला है क्योंकि साल के आते ही सुपरमून दस्तक देने जा रहा है. 31 जनवरी को सुपरमून, ब्लूमून और चंद्र ग्रहण (जिसे ब्लड मून भी कहते हैं) एक ही रात को नजर आएगा. इस घटना को 'सुपर ब्लू ब्लड मून' कहा जा रहा है. जनवरी की आखिरी रात ये ग्रहण नजर आएगा. ये ग्रहण 31 जनवरी को 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 42 मिनट के बीच नजर आएगा. इसे भारत के साथ-साथ इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में चंद्र ग्रहण का नजारा साफ नजर आएगा. इसे पूरे भारत में देखा जा सकेगा. इसी के साथ अमेरिका के अलास्का, हवाई और कनाडा में साफ-साफ नजर आएगा. आइए जानते हैं आखिर क्यों कहा जाता है इसे सुपर ब्लू ब्ल्ड मून...

आडवाणी जी ने अपने लेख में किया एक नया खुलासा

भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री लालकृष्ण आडवाणी  ने पुराने अखबार ‘ऑर्गनाइजर’ के 70 साल पूरे होने पर लिखे एक लेख में ऑर्गनाइजर और पत्रकारिता के दिनों की यादें ताजा की है। उन्होंने एक नया खुलासा भी किया है कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्रीजी अक्सर उस दौर के सरसंघचालक गुरु गोलवलकर को बुलाकर मंत्रणा किया करते थे।

महंत राजा दिग्विजय दास के योगदान का कृतज्ञ स्मरण

राजनांदगांव। उच्च शिक्षा के स्वप्नदृष्टा, दानवीर महंत राज दिग्विजयदास जी की पुण्य तिथि ( 22 जनवरी ) पर, शासकीय दिग्विजय स्वशासी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में महाविद्यालय परिवार द्वारा उनका भावपूर्ण स्मरण किया गया और उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई।

चंदा इकठ्ठा करने में भाजपा ने बाजी मारी

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 में 21 इलेक्टोरल ट्रस्ट को 325.27 करोड़ रुपये चंदे के रुप में मिले है। इनमें से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सर्वाधिक 89 फीसदी रकम मिली। BJP को मिली कुल रकम 290.22 करोड़ है। इसके बाद कांग्रेस को 5 फीसदी (16.5 करोड़) रकम, शिरोमणि अकाली दल को 2.75 फीसदी (9 करोड़) और सपा को 2 फीसदी (6.5) का दान मिला। इस बार इन ट्रस्टों ने सिर्फ 10 पार्टियों को चंदा दिया है।

प्रधानमंत्री ने कहा, स्वास्थ्य, समृद्धि और शांति के लिए भारत आएं

मोदी ने विश्व की चुनौतिओं का जिक्र किया तो उसके उपाय भी सुझाए और इसके लिए शास्त्रों को उद्धरित भी किया.

प्रकृति के प्रेम का उत्सव है वसंत पंचमी

हिन्दू पंचांग के अनुसार हर साल माघ महीने में शुक्ल की पंचमी को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना होती है. इस पर्व को आम भाषा में वसंत पंचमी कहा जाता है. यह दिन साल के कुछ खास दिनों मे से एक माना जाता है, इसलिए कुछ लोग इसे "अबूझ मुहूर्त" भी कहते हैं. पौराणिक मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में विद्या और बुद्धि का योग नहीं होता है वह लोग वसंत पंचमी को मां सरस्वती को पूजा करके उस योग को ठीक कर सकते हैं. इसी साल पूरे भारत में वसंत पंचमी 22 जनवरी को मनाई जाएगी.

भारतीय शोध वैज्ञानिक की खोज पर ध्यान दिया नासा ने

भारतीय वैज्ञानिक (शोधार्थी) अपनी एक खोज से अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा का ध्यान खींचा है। राजस्थान के एक शोधार्थी द्वारा अंतरिक्ष यानों में गैस टर्बाइन इंजन में इस्तेमाल के लिये विकसित नये थर्मल स्प्रे कोटिंग प्रौद्योगिकी ने नासा के एक वैज्ञानिक का ध्यान आकर्षित किया है।

मतदान के आगे भी है दायित्व

एक वोट ने फ्रांस में लोकतांत्रिक सरकार का रास्ता प्रशस्त किया; एक वोट के कारण ही जर्मनी.. नाजी हिटलर के हवाले हो गया। यह एक वोट ही था, जिसने 13 दिन में ही अटल सरकार को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। एक वोट ने ही कभी अमेरिका की राजभाषा तय की दी थी। यदि एक वोट सरकार बदल सकती है, तो हमारी तकदीर क्यों नहीं ?

‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस’, राष्ट्र के प्रति कर्तव्य की याद दिलाने का दिन

भारत में राष्ट्रीय मतदाता दिवस हर साल 25 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिवस भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए अहम है। इस दिन भारत के प्रत्येक नागरिक को अपने राष्ट्र के प्रत्येक चुनाव में भागीदारी की शपथ लेनी चाहिए, क्योंकि भारत के प्रत्येक व्यक्ति का वोट ही देश के भावी भविष्य की नींव रखता है। इसलिए हर एक व्यक्ति का वोट राष्ट्र के निर्माण में भागीदार बनता है। भारत में जितने भी चुनाव होते हैं, उनको निष्पक्षता से संपन्न कराने की जिम्मेदारी ‘भारत निर्वाचन आयोग’ की होती है। ‘भारत निर्वाचन आयोग’ का गठन भारतीय संविधान के लागू होने से एक दिन पहले 25 जनवरी, 195

6 लाख से ज्यादा की खरीदी की तो आपकी जानकारी सीधे सरकार को

सरकार 2 लाख के नकद लेनदेन पर रोक पहले ही लगा चुकी है, अब उन लोगों पर सरकारी चाबुक चलने वाला है जो 6 लाख से ज्यादा का लेनदेन करेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरकार की नजर 6 लाख की खरीददारी पर होगी, इसमें यह देखा जाएगा कि कहीं लेनदेन काले धन को वैध बनाने के मकसद से तो नहीं किया गया? सूत्रों की मानें तो इस निगेहवानी की जद में ज्वैलरी या अन्य महंगे सामानों की खरीददारी होगी। दुनिया के कई देशों में इस तरह के नियम पहले से चल रहे हैं। हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक एक सरकारी अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि ज्यादातर देशों में इस तरह की सीमा 10 हजार डॉलर यानी आज की भारतीय मुद्रा के हिसाब से 6 लाख 38 हजार 565 रुपये है। अधिकारी ने कहा कि अपने देश में आम सहमति के साथ 6 लाख रुपये के आसपास की सीमा तय करने पर चर्चा चल रही है।
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