बड़े नोट अब बंद हो गए,
आर्थिक सुधार के वेश में
सर्जिकल स्ट्रोक हो गया
अपने भारत देश में
गुपचुप किया,कड़ा फैसला
भारत के दरवेश ने
चारों कोने चित्त विरोधी
चिचियाते आवेश में
बैंक लूटने वालों की
सारी मेहनत हो गई बेकार
जमा खोर के चूर हैं सपने
रोते है वो जार जार
भ्रष्टाचार पे कसी लगाम
परिवर्तन के वेश में
सर्जिकल स्ट्रोक हो गया
अपने भारत देश में
कल तक थे जो बेशकीमती
पड़े है कबरिस्तान में
नोट तो वे बेकार जाएँगे
छपे जो पाकिस्तान में
जमाखोर,काले धन वाले
अभी तलक न होश में
सर्जिकल स्ट्रोक हो गई
अपने भारत देश में
जाली नोट छपाने वालों के
बेदम हो गए औजार
पत्थर फेंकने वालों से
बोलो कैसे होगा व्यापार
बिन मुद्रा आतंकी कैसे
घुस पाएँगे देश में
सर्जिकल स्ट्रोक हो गया
अपने भारत देश में
अड़ी खड़ी थी महँगाई
अब चूलें उसकी ढीली हैं
नोट जहाँ बोरों में थे
सूरत उनकी पीली है
चुनावी भ्रष्टाचारी करते
तांडव पूरे तैश में
सर्जिकल स्ट्रोक हो गया
अपने भारत देश में
कैश कमी,तकलीफ दे रही
पर प्रयत्न करना होगा
नए दौर के नए तरीके
हमको अपनाना होगा
कार्यान्वन की कमी दूर
होना है इस परिवेश में
सर्जिकल स्ट्रोक हो गया
अपने भारत देश में
लेखिका विश्व मैत्री मंच से जुड़ी हैं और मनोवैज्ञानिक परामर्श दात्री, एवं साहित्यकार हैं। कविताएँ ,गीत ,गज़ल सभी विधाओं में लिखती हैं। )
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