आए दिन सीमांत इलाकों में आम नागरिकों को निशाना बनाने वाले पाकिस्तान को बीएसएफ ने ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया कि वह रुको-रुको करने लगा है। बीएसएफ द्वारा सीमा के नजदीक पाकिस्तान के सैनिकों और पूर्व सैनिकों के घरों और खेतों पर की गई फायरिंग के बाद पाकिस्तान सीजफायर करने को मजबूर हुआ है। पिछले महीने भारतीय जवानों को मारने, ग्रामीणों पर फायरिंग और गांवों में गोलाबारी करने के लिए पाक ने स्नाइपर्स का इस्तेमाल किया था जिसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए ‘ऑपरेशन अर्जुन’ शुरू किया गया।
‘ऑपरेशन अर्जुन’ के तहत सीमा पर पाकिस्तान को जवाब देने के कारण इस्लामाबाद को 3 दिन पहले सीजफायर की अपील करनी पड़ी। सूत्रों के मुताबिक, बीएसएफ ने विशेष रूप से पाकिस्तान के पूर्व सैनिकों, आईएसआई और पाक रेंजर्स के अधिकारियों के आवास और खेतों को निशाना बनाया जो घुसपैठ और भारत विरोधी अभियान में मदद कर रहे थे।
भारतीय कार्रवाई के बाद पाक रेंजर्स के पंजाब डीजी मेजर जनरल अजगर नवीद हायत खान ने बीएसएफ डायरेक्टर के.के.शर्मा से सप्ताह में दो बार फायरिंग रोकने की अपील की। शर्मा ने पाकिस्तान द्वारा बिना उकसाहट की जा रही गोलीबारी पर कड़ा विरोध जाहिर किया। शर्मा को पाकिस्तान की तरफ से पहला कॉल 22 सितंबर को आया और दूसरा 25 सितंबर को किया गया।
शर्मा ने खान से कहा कि उनके जूनियर 12वीं चेनाब रेंजर्स के लेफ्टिनेंट कर्नल इरफान का रवैया उकसाहट भरा रहा है, जिससे दोनों तरफ गोलीबारी का खतरा बढ़ रहा है। ऑपरेशन अर्जुन के तहत बीएसएफ ने छोटे, मध्यम और एरिया वेपंस का इस्तेमाल किया। इससे पाकिस्तान को भारी क्षति पहुंची। इसमें पाक रेंजर्स के सात सैनिक और 11 नागरिक मारे गए हैं। लंबी दूरी के 81 एमएम वेपंस के इस्तेमाल से पाक सेना और रेंजर्स के कई आउट पोस्ट तबाह किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान की तरफ से लगातार हो रही फायरिंग के कारण बीएसएफ ने पश्चिमी सीमा पर अपने ऑपरेशन को फिर से तैयार किया।
सूत्रों ने बताया कि यह अभियान पिछले साल तीन महीने तक चले ‘ऑपरेशन रुस्तम’ की तर्ज पर था। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद पाक सेना की गोलाबारी का जवाब देने के लिए यह ऑपरेशन शुरू किया गया था। बीएसएफ के जवाब के कारण पाक रेंजर्स को सफेद झंडा दिखाने पर मजबूर होना पड़ा था।
साभार- टाईम्स ऑफ इंडिया से