Saturday, April 27, 2024
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700 करोड़ की लागत से  27 एकड़ जमीन पर बना है अबूधाबी का मंदिर

संयुक्त अरब अमीरात की राजधानी अबू धाबी में एक विशाल हिंदू मंदिर बनचुका है। इस मंदिर का नाम बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) हिंदू मंदिर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) बुधवार को इस मंदिर का उद्घाटन करने वाले हैं। यह विशाल हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बना है। दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के पास यह मंदिर बना है। साल 2019 से इस मंदिर का काम चल रहा है। संयुक्त अरब अमीरात की सरकार ने इस मंदिर के लिए जमीन दान की थी।

अबू धाबी के इस हिंदू मंदिर को बनाने में करीब 700 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह बीएपीएस मंदिर खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर है। संयुक्त अरब अमीरात में 3 और हिंदू मंदिर हैं, जो दुबई में हैं। इस भव्य हिंदू मंदिर का निर्माण साल 2019 में शुरू हुआ था। मंदिर का काम साल 2022 में पूरा होने वाला था। लेकिन कोरोना महामारी के चलते निर्माण में देरी हुई।

मंदिर का निर्माण बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था द्वारा किया गया है। यह मंदिर कुल 27 एकड़ में जमीन पर बना है। मंदिर के सामने वाले हिस्से पर बलुआ पत्थर की पृष्ठभूमि पर उत्कृष्ट संगमरमर की नक्काशी है।  संगमरमर से बने मंदिर के स्तंभ में अद्भुत शिल्पकारी की गई है. हर स्तंभ पर हनुमान जी, राम जी, सीता जी, गणेश जी की प्रतिमा उकेरी गई है. भारतीय संस्कृति को दर्शया गया है. मंदिर के बाहरी स्तंभों पर सीता स्वयंवर, राम वनगमन, कृष्ण लीलाएं आदि शामिल हैं. इस मंदिर का निर्माण जयपुर के पिंक सैंड स्टोन (लाल बलुआ पत्थर) से हुआ है. यह वही पत्थर है, जिससे अयोध्या में मंदिर बनाया गया है. बीएपीएस एक ऐसी संस्था है, जिसने दुनियाभर में 1,100 से ज्यादा हिंदू मंदिरों का निर्माण किया है.

दिल्ली में अक्षरधाम मंदिर का निर्माण भी इसी संस्था ने किया है. मंदिर के लिए 40,000 घन मीटर संगमरमर, 1,80,000 घन मीटर स्टैंडस्टोन और 1.8 मिलियन से अधिक ईंटों की आवश्यकता होगी. अब तक 4 लाख घंटे की मेहनत की जा चुकी है और मंदिर परिसर के पूरा होने तक कई घंटे और श्रम करना बाकी है. मंदिर के निर्माण में 50,000 से अधिक लोगों ने ईंटें रखी हैं, इनमें भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, अभिनेता संजय दत्त और अक्षय कुमार भी शामिल हैं. दिल्ली में प्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर और भारत के बाहर न्यू जर्सी में सबसे बड़े हिंदू मंदिर सहित दुनिया भर में 1,100 हिंदू मंदिरों के निर्माण की विरासत के साथ, BAPS एक वैश्विक सांस्कृतिक राजदूत बना हुआ है.

इसमें १०,००० लोग आ सकते हैं। मंदिर की ऊंचाई ३२.९२ मीटर (१०८ फीट), लंबाई ७९.८६ मीटर (२६२ फीट) और चौड़ाई ५४.८६ मीटर (१८० फीट) है। अन्य वास्तुशिल्प विशेषताओं में शामिल हैं: दो घुमट (गुंबद), सात शिखर (शिखर) – संयुक्त अरब अमीरात में सात अमीरात का प्रतीक, १२ समरन और ४०२ स्तंभ। इसमें बलुआ पत्थर की इमारत की पृष्ठभूमि में संगमरमर की नक्काशी है।यह मंदिर भारत में कुशल कारीगरों द्वारा तराशे गए पत्थर के २५,००० से अधिक टुकड़ों से बना है प्रत्येक शिकारे के भीतर, रामायण, शिव पुराण, भागवत पुराण, महाभारत की कहानियों की नक्काशी है, और नक्काशी है जो जगन्नाथ, स्वामिनारायण, वेंकटेश्वर और अय्यप्पा के जीवन को चित्रित करती है। ‘सद्भाव का गुंबद’ पांच प्राकृतिक तत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष को प्रदर्शित करता है। यहां घोड़ों और ऊंट जैसे जानवरों की नक्काशी भी है जो संयुक्त अरब अमीरात का प्रतिनिधित्व करती है। घोड़े और ऊँट की प्रत्येक नक्काशी बिना दोहराव के उकेरी गई है।

मंदिर का निर्माण भारतीय कारीगरों ने किया है। ये कारीगर पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला में माहिर हैं। मंदिर का निर्माण हाथ से नक्काशीदार संगमरमर और बलुआ पत्थर से किया गया है। 2015 में प्रधानमंत्री मोदी की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के दौरान अबू धाबी ने दुबई-अबू धाबी राजमार्ग पर मंदिर परियोजना के लिए 17 एकड़ से ज्‍यादा भूमि आवंटित की थी। मंदिर की आधारशिला 2017 में पीएम मोदी ने रखी थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल यानी की 14 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबु धाबी में बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे। इस मंदिर के निर्माण के लिए भारत के कई क्षेत्रों से योगदान दिया गया है। यूएई के पहले हिंदू मंदिर के लिए भारत से गंगा और यमुना का पवित्र जल, राजस्थान का गुलाबी बलुआ पत्थर और लकड़ी के फर्नीचर का उपयोग किया गया है।

मंदिर के दोनों किनारों पर गंगा और यमुना के पवित्र जल का छिड़काव किया जाएगा। भारत से एक बड़े कंटेनर में इस पवित्र जल को लाया गया है। मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, मंदिर के किनारे पर एक घाट बनाया गया है, जहां गंगा का पानी बहेगा। मंदिर के प्रमुख वॉलंटियर विशाल पटेल ने कहा, ‘इसे वाराणसी के घाट जैसा बनाने का विचार था, जहां पर्यटक बैठकर ध्यान कर सकते हैं। जब पर्यटक इसके अंदर जाएंगे, तो उन्हें पानी की दो धाराएं दिखेंगी। ये धाराएं भारत की गंगा और यमुना को प्रदर्शित करेंगी।’

मंदिर के सामने वाले हिस्से पर बलुआ पत्थर की पृष्ठभूमि पर उत्कृष्ट संगमरमर की नक्काशी है। इसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों द्वारा 25,000 से अधिक पत्थर के टुकड़ों से तैयार किया गया है। मंदिर के लिए उत्तरी राजस्थान से बड़े पैमाने पर गुलाबी बलुआ पत्थर को अबु धाबी में भेजा गया था। करीब 700 कंटेनरों में दो लाख क्यूबिक फीट का पवित्र पत्थर अबु धाबी लाया गया। मंदिर के अधिकारियों ने बताया कि पत्थरों को जिस लकड़ी के ट्रंक में लाया गया था, उसका इस्तेमाल मंदिर के लिए फर्नीचर बनाने के लिए किया जाएगा।

मंदिर का निर्माण 2019 में शुरू हुआ था और मंदिर के लिए जमीन यूएई सरकार ने दी थी। पीएम मोदी आज यूएई के लिए रवाना हो चुके हैं। 2015 से यह पीएम मोदी का यूएई का सातवां दौरा है और पिछले आठ महीनों में यह उनका तीसरा दौरा है। मंदिर के उद्घाटन से एक दिन पहले अबु धाबी के जायद स्पोर्ट्स सिटी में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करेंगे। इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान से भी मुलाकात करेंगे।

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