देश की नौकरशाही के घिसे-पिटे ढर्रे की निंदा करते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आज (09 अक्टूबर को) मध्य प्रदेश के इंदौर में कहा कि अगर सुस्त चाल से काम करने वाले अफसर सुधर जाते, तो उनका मंत्रालय मौजूदा स्तर से दोगुना काम कर सकता था। गडकरी ने अलग-अलग सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास करने के बाद आयोजित समारोह में कहा, ‘‘अधिकारियों की मानसिकता जल्दी काम करने की नहीं है। वे (कामों में) समय लगाते हैं, (काम को) रफ से फेयर करते हैं, (योजना को) इधर-उधर घुमाते हैं और आपत्तियां ढूंढने में बहुत वक्त खराब करते हैं। अगर ये सुधर जाते, तो हम आज से दोगुना काम कर सकते थे लेकिन मैं इन्हें दोष नहीं देता क्योंकि इन्हें सुधारना हमारी जिम्मेदारी है।”
उन्होंने कहा, “अफसरों की सेवानिवृत्ति की उम्र 58 साल है और मेरे पास पांच साल का कार्यकाल है। मैं इन्हें कहता हूं कि वे मेरे कहे अनुसार ही काम करें।” आधारभूत ढांचे के तेज विकास को नरेंद्र मोदी सरकार की प्राथमिकता बताते हुए गडकरी ने कहा, “जब मैं मंत्री बना तब हमारे देश में केवल 96,000 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग थे। आज हमारे देश में 1,78,000 किलोमीटर लम्बे राष्ट्रीय राजमार्ग है। उम्मीद है कि राष्ट्रीय राजमार्गों की लम्बाई जल्द ही 2,00,000 किलोमीटर हो जायेगी।”
सड़क परिवहन मंत्री ने उम्मीद जतायी कि 6,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के निर्माण का काम चार महीने में शुरू हो जायेगा। जहाजरानी मंत्री ने कहा, “पहले तय हुआ था कि इंदौर-मनमाड़ रेल लाइन के निर्माण का 50 प्रतिशत खर्च रेलवे उठायेगा, जबकि 25-25 फीसद रकम मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की राज्य सरकारें देंगी। लेकिन दोनों प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि उनकी सरकारों के पास धन की कमी है। इसलिए हमने मुंबई स्थित इंडियन पोर्ट रेल कॉर्पोरेशन के जरिये इस रेल लाइन के निर्माण का फैसला किया।”