सभी ने 2018 का शानदार स्वागत किया. ये साल शानदार जाने वाला है क्योंकि साल के आते ही सुपरमून दस्तक देने जा रहा है. 31 जनवरी को सुपरमून, ब्लूमून और चंद्र ग्रहण (जिसे ब्लड मून भी कहते हैं) एक ही रात को नजर आएगा. इस घटना को ‘सुपर ब्लू ब्लड मून’ कहा जा रहा है. जनवरी की आखिरी रात ये ग्रहण नजर आएगा. ये ग्रहण 31 जनवरी को 6 बजकर 22 मिनट से 8 बजकर 42 मिनट के बीच नजर आएगा. इसे भारत के साथ-साथ इंडोनेशिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में चंद्र ग्रहण का नजारा साफ नजर आएगा. इसे पूरे भारत में देखा जा सकेगा. इसी के साथ अमेरिका के अलास्का, हवाई और कनाडा में साफ-साफ नजर आएगा. आइए जानते हैं आखिर क्यों कहा जाता है इसे सुपर ब्लू ब्ल्ड मून…
चांद और धरती के बीच की दूरी सबसे कम हो जाती है और चंद्रमा अपने पूरे शबाब पर चमकता दिखाई देता है. इसे पिछले साल 3 दिसंबर को भी दिखाई दिया था. चांद की तुलना में 14 फीसद ज्यादा बड़ा और 30 फीसद तक ज्यादा चमकीला दिखेगा. इस महीने पूर्ण चंद्रमा दिखने की घटना हो रही है. इस कारण इसे ब्लू मून भी कहा जा रहा है. नासा के मुताबिक, ब्लू मून हर ढाई साल में एक बार नजर आता है. स्पेस डॉट कॉम की खबर के मुताबिक चंद्रमा का नीचे का हिस्सा ऊपरी हिस्से की तुलना में ज्यादा चमकीला दिखाई देता है और नीली रोशनी फेंकता है. 31 जनवरी 2018 के बाद ये 2028 और 2037 में देखने को मिलेगा.
चंद्र ग्रहण तब होता है जब सूर्य, पृथ्वी एवं चंद्रमा ऐसी स्थिति में होते हैं कि कुछ समय के लिए पूरा चांद अंतरिक्ष धरती की छाया से गुजरता है. लेकिन पृथ्वी के वायुमंडल से गुजरते वक्त सूर्य की लालिमा वायुमंडल में बिखर जाती है और चंद्रमा की सतह पर पड़ती है. इसे ब्लड मून भी कहा जाता है. ये तीनों एक ही रात को पड़ेगा. जिसे सुपर ब्लू ब्लड मून भी कहा जा रहा है.