वित्त मंत्रालय ने ट्वीट करके अपने एक अधिकारी कुलदीप कुमार शर्मा की तारीफ की है। इसकी वजह है अपने पिता को खोने के बावजूद वह बजट ड्यूटी पर काम करते रहे और घर नहीं गए। 26 जनवरी को उनके पिता का निधन हुआ था। वह वित्त मंत्रालय प्रेस में उप प्रबंधक हैं। जब तक बजट पेश नहीं हो जाता तब तक बजट प्रक्रिया से जुड़े सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है।
शनिवार को संसद में देश का आम बजट पेश किया जाएगा। जिसके बाद ही कुलदीप बाहर निकल सकते हैं। आमतौर पर बजट बनाने की प्रक्रिया सितंबर से शुरू होती है। जो छह महीने तक चलती है। वहीं बजट दस्तावेज छपने की प्रक्रिया हलवा सेरेमनी से शुरू हो जाती है। हलवा सेरेमनी के बाद बजट प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी और कर्मचारी वित्त मंत्रालय में ही रहते हैं।
ट्वीट में वित्त मंत्रालय ने लिखा, ‘हमें यह बताते हुए अफसोस हो रहा है कि श्री कुलदीप कुमार शर्मा, उप प्रबंधक (प्रेस) ने 26 जनवरी 2020 को अपने पिता को खो दिया। बजट ड्यूटी पर होते हुए वह बाहर नहीं जा सकते थे। अपने पिता को खोने के बावजूद शर्मा ने एक मिनट के लिए भी प्रेस एरिया को नहीं छोड़ने का फैसला लिया।’
मंत्रालय ने आगे कहा, ‘श्री शर्मा के पास बजट प्रक्रिया में 31 साल का अनुभव है। इसी कारण बेहद कम समय में बजट दस्तावेज के छपाई कार्य को पूरा करने में उनकी अहम भूमिका रही। अनुकरणीय प्रतिबद्धता का प्रदर्शित करते हुए शर्मा ने व्यक्तिगत नुकसान की अनदेखी करते हुए अपने कर्तव्य के प्रति असाधारण ईमानदारी दिखाई।’
Sh. Sharma is the key hand to complete budget document printing task within a very tight schedule, owing to his 31 yrs of experience in Budget Process. Displaying exemplary commitment, Sh. Sharma symbolised extraordinary sincerity towards his call of duty, ignoring personal loss.
— Ministry of Finance (@FinMinIndia) January 30, 2020
इस साल 20 जनवरी को हलवा सेरेमनी हुई थी। हलवा सेरेमनी के बाद अधिकारी-कर्मचारी वित्त मंत्रालय में रहते हैं। बजट पेश होने से दो दिन पहले वित्त मंत्रालय को सील कर दिया जाता है। संसद में बजट पेश हो जोने के बाद ही इसकी प्रक्रिुया से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी बाहर जा सकते हैं।