आप किसी भी सिने प्रेमी से पूछिए कि भारत की पहली बोलती फिल्म कौन सी थी। जवाब तुरंत आएगा। आलम आरा। मगर जैसे ही आप पूछेंगे कि भारत की दूसरी बोलती फिल्म कौन सी थी तो शायद ही आपको जवाब मिल सके। ये कोई हैरानी की बात नहीं है। दूसरी फिल्म के बारे में बहुत ही कम बातें हुई हैं। उसका नाम है शीरीन फरहाद। और उसमें मुख्य भूमिका निभाई थी इन मोहतरमा ने। इनका नाम है जहांनारा कज्जन। फिल्मी दुनिया में ये कज्जनबाई के नाम से मशहूर हुई थी।
आलमआरा के कुछ ही हफ्तों बाद भारत की दूसरी बोलती फिल्म शीरीन फरहाद रिलीज़ हो गई थी। और आपको जानकर हैरानी होगी कि शीरीन फरहाद में कुल 42. जी हां 42 गीत थे। फिल्म में इनके हीरो थे मास्टर निसार। और कमाई के मामले में इस फिल्म ने आलम आरा को बहुत पीछे छोड़ दिया था। कज्जनबाई की उम्र मात्र 16 साल थी जब ये फिल्म आई थी। और इस फिल्म की सफलता ने कज्जनबाई को स्टार बना दिया।
कहते हैं कि लाहौर में एक तांगेवाला इस फिल्म का इतना दीवाना हुआ कि उसने पूरे 22 दफा ये फिल्म देखी थी। और 22वीं दफा तो उसने अपने घोड़े गिरवी रखकर फिल्म का टिकट खरीदा। कज्जनबाई की दूसरी फिल्म थी लैला मजनू। उस फिल्म को भी बहुत पसंद किया गया। लेकिन फिर कज्जनबाई की एक ऐसी फिल्म आई जिसका रिकॉर्ड तो आजतक कोई तोड़ नहीं सका। और शायद कोई तोड़ने का प्रयास करने की हिम्मत भी नहीं कर पाएगा। उस फिल्म का नाम था इंद्रसभा।
इंद्रसभा साढ़े तीन घंटे लंबी फिल्म थी। और उस फिल्म में तो इतने सारे गीत डाले गए कि मानो कोई म्यूज़िकल प्ले चल रहा हो। पूरे 72 गीत ते इंद्रसभा में। और इंद्रसभा को ही पहली हिंदी ब्लॉकबस्टर फिल्म होने का खिताब हासिल है। यानि 1930 के दशक की सबसे महंगी और सबसे मशहूर एक्ट्रेसेज़ में से एक थी कज्जनबाई। आज कज्जनबाई का जन्मदिवस है। 15 फरवरी 1915 को कज्जनबाई का जन्म लखनऊ में हुआ था। मां सुग्गन बेगम एक कोठा संचालिका थी। इसलिए संगीत की तालीम छोटी उम्र से ही मिलनी शुरू हो गई थी। और यही वजह है कि अपनी सभी फिल्मों में अपने गीत कज्जनबाई ने खुद ही रिकॉर्ड किए थे। कज्जनबाई की पूरी कहानी फिर किसी रोज़ कहूंगा। किस्सा टीवी की तरफ से कज्जनबाई को नमन।
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